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हार्ट अटैक के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए
इंदौर. एक अनुमान के मुताबिक, भारत में हार्ट अटैक का शिकार होने वाले ज्यादातर लोग युवा होते हैं और देश में दो मिलियन यानी 20 लाख ऐसे मामले हर साल सामने आते हैं. यह बेहद जरूरी है कि हार्ट अटैक के खतरों, लक्षणों और सही समय पर इलाज के प्रति लोगों को जागरूक किया जाये.
यह कहना है अपोलो हॉस्पिटल्स की सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सरिता राव का. वे हार्ट दिवस के उपलक्ष्य में विशेष चर्चा कर रही थी. उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक के लिए जो कारण प्रमुख हैं, उनमें इस रोग की फैमिली हिस्ट्री के अलावा संतुलित जीवनशैली का न होना, जंक फूड का सेवन, कसरत न करना आदि शामिल हैं. जिन कारकों से बचा जा सकता है, उनमें हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, स्मोकिंग, प्रोसेस्ड और फ्रायड फूड का सेवन, तनाव, मोटापा और कम शारीरिक गतिविधियां शामिल हैं.
वर्ल्ड हार्ट डे एक ऐसा मौका है, जब समय रहते स्पेशलिस्ट से संपर्क करने और बीमारी से जुड़ी अन्य समस्याओं से बचने के लिए वक्त पर इलाज कराने के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाई जानी चाहिए. हार्ट अटैक से जुड़े लक्षणों की उपेक्षा करने से समस्याएं और भी गंभीर हो सकती हैं और कुछ लोगों के लिए यह जानलेवा भी साबित हो सकता हैय यह बेहद जरूरी है कि सेहतमंद रहने के लिए अच्छी जीवनशैली अपनायी जाये और बीमारी के लक्षणों पर गौर फरमाया जाये, जिससे मेडिकल हैल्प पहुंचने से पहले जान बचायी जा सके.