- Over 50gw of solar installations in india are protected by socomec pv disconnect switches, driving sustainable growth
- Draft Karnataka Space Tech policy launched at Bengaluru Tech Summit
- एसर ने अहमदाबाद में अपने पहले मेगा स्टोर एसर प्लाज़ा की शुरूआत की
- Acer Opens Its First Mega Store, Acer Plaza, in Ahmedabad
- Few blockbusters in the last four or five years have been the worst films: Filmmaker R. Balki
व्यापारियों ने ली मिठाई में शक्कर व नमकीन में नमक का स्तर कम करने की शपथ
कुकिंग ऑयल का रियूज करना सेहत के साथ खिलवाड: माधवी
यह बात एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एफएसएसएआई माधवी दास ने कही. वे ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दो दिवसीय वल्र्ड मिठाई एंड नमकीन कन्वेंशन 2019 के समापन अवसर पर संबोधित कर रही थी. नमकीन और मिठाई मैन्यूफ्रैक्चरर्स के कन्वेंशन के आखिरी दिन देशभर के 1000 से ज्यादा व्यापारियों ने नमकीन और मिठाई को तैयार करने में नमक और शक्कर का उपयोग धीरे-धीरे कम करने की शपथ ली। यह शपथ उन्होंने एफएसएसएआई की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर माधवी दास के आह्वान पर ली।
उन्होंने इंडियन ट्रेडिशनल फूड सेक्टर नमकीन एंड स्वीट चैलेंज एंड अपॉर्चुनिटी विषय पर कहा कि यूके जैसे देश में नमक का उपयोग बहुत कम होने लगा है. धीरे-धीरे हमें अपनी आदतें बदलनी होंगी जिससे हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहे. हम अच्छी हेल्थ के लिए तो पेमेंट कर रहे हैं लेकिन खाने पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते. इंदौर जैसा शहर 3 साल में साफ सुथरा हो गया क्योंकि लोगों ने अपनी आदतें बदली. इसी तरह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी हमें अपनी आदतें बदलनी पड़ेगी तभी हम स्वस्थ रह पाएंगे.
जीएसटी कम करना चाहिए
प्रेसिडेंट ऑफ बायोडीजल एसोसिएशन इंडिया संदीप चतुर्वेदी ने कहा कि नमकीन बनाने के लिए तेल का इस्तेमाल कई बार होता है. इससे तेल दूषित हो जाता है और कई बीमारियां कैंसर, हार्ट अटैक, अल्जाइमर, स्किन सोरायसिस आदि होती हैं. ये सेहत के साथ सीधा सीधा खिलवाड़ है. उन्होंने आगे कहा कि भारत में 23 मिलियन टन तेल इस्तेमाल होता है. 40 प्रतिशत तेल रेस्टोरेंट फूड प्रोसेस में किया जाता है, वहीं 60 प्रतिशत घरों में इस्तेमाल होता है. 12 हजार करोड़ तेल का फॉरेन एक्सचेंज सेविंग होता है, जिससे बायोडीजल बनता है. अब भारत में भी खराब तेल से बायोडीजल बनाया जा रहा है. जीएसटी की बात पर संदीप चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार को जीएसटी कम करना चाहिए. मिठाई और नमकीन जैसी चीजों का बिजनेस काफी बड़ा है। इस ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए और जीएसटी 5 प्रतिशत करना चाहिए क्योंकि यह चीजें सेहत से जुड़ी हुई है.
जागरूकता की जरूरत
पल्लवी गोविल कमिश्नर फूड सेफ्टी मध्यप्रदेश भोपाल ने कहा कि मिठाई और नमकीन का बिजनेस जिस तरह से बढ़ रहा है उसमें हमें जागरूकता की भी उतनी ही जरूरत है. इसके लिए समय-समय पर व्यापारियों के साथ वर्कशॉप करते हैं। अधिकतर छोटे व्यापारी समझते हैं कि रियूज्ड तेल का इस्तेमाल नहीं करने से हमें घाटा होता है. जबकि ऐसा नहीं है. सही जानकारी होने पर बिजनेस और सेहत दोनों में ही फायदा होगा. अच्छी सेहत के लिए सरसों का तेल ऑलिव, ऑयल इस्तेमाल करना चाहिए.
सभ्यता पूरी तरह से नहीं अपना रहे
हल्दीराम ग्रुप के संचालक श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि हम देशी- विदेशी दोनों ही सभ्यता को पूरी तरह से नहीं अपना पा रहे हैं. भारत देश में हाइजीन का सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाता था. जो कम होता जा रहा है. पहले किचन में बिना नहाए नहीं जाते थे. यही चीज विदेशों में अपनाई जा रही है और भारत इन से दूर होता जा रहा है. कन्वेंशन में वीरेंद्र जैन मैनेजिंग डायरेक्टर कदीमी स्वीट्स प्रेसिडेंट प्रोसेसिंग इंडस्ट्री इन इंडिया के बारे में बताते हुए कहां कि भारत में फूड प्रोसेसिंग पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है. फूड प्रोसेसिंग की ग्रोथ कुछ राज्यों में काफी बड़ी है. फेडरेशन ऑफ स्वीट एंड नमकीन के ट्रेजरार फिरोज एस नकवी ने बताया कि इसके साथ ही दो दिनों से चल रहे कन्वेंशन का समापन हुआ.