रेनो निसान के भारत स्थित प्लांट में 3.5 मिलियन पावरट्रेन यूनिट्स का उत्पादन

मई 2010 में पहले इंजन का उत्पादन हुआ· छह साल के भीतर 1 मिलियन इंजन बनाए गए

चेन्नई प्लांट में आधुनिक और एफिशियंट एचआरएओ टर्बो इंजन तैयार किए जाते हैं

नई दिल्ली, भारत (मार्च 15, 2022) – भारत के चेन्नई में रेनो निसान एलायंस प्लांट ने आज 3.5 मिलियन वीं पावरट्रेन यूनिट का उत्पादन करके ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है।

वर्ष 2010 में इंजन का उत्पादन शुरू होने के बाद से प्लांट ने 2.3 मिलियन इंजन और 1.2 मिलियन गियरबॉक्स का निर्माण किया है। यहां एचआरएओ टर्बो इंजन बनाए जाते हैं। इस इंजन को एफिशियंसी और रिस्पांसिवनेस के लिए जाना जाता है। ‘बिग बोल्ड एंड ब्यूटीफुल’ निसान मैग्नाइट में यही इंजन लगा है।

रेनो निसान ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (आरएनएआईपीएल) की टीम ने केवल 14 महीनों में 1 लाख इंजन तैयार करके चेन्नई में पावरट्रेन उत्पादन के मामले में भारतीय ऑटोमोटिव सेक्टर में इतिहास बनाया। प्लांट ने छह वर्षों के भीतर 1 मिलियन इंजन का उत्पादन किया।

निसान इंडिया के प्रेसिडेंट, सिनान ओज़कोक ने कहा, “निसान में हमने पिछले 89 वर्षों में ऐसी कारों का निर्माण किया है जो स्थिरता और ताकत जैसे गुणों को दर्शाती हैं और यही गुण हमारे ब्रैंड का आधार रहे हैं। आरएनएआईपीएल में 3.5 मिलियन पावरट्रेन यूनिट्स का सफल उत्पादन हमारे चेन्नई के कर्मचारियों की क्षमता और हाई बिल्ट क्वालिटी व ड्यूरेबिल्टी के साथ अपनी श्रेणी के प्रीमियम उत्पाद बनाने की बेहतरीन जापानी इंजीनियरिंग और टैक्नोलॉजी का प्रमाण है।”

आरएनएआईपीएल के प्रबंध निदेशक, बीजू बालेंद्रन ने कहा, “3.5 मिलियन इंजन और गियरबॉक्स का उत्पादन पावरट्रेन टीम की ज़बरदस्त उपलब्धि को दर्शाता है। आरएनएआईपीएल में हमने हमेशा इनोवेशन और रिसर्च को महत्व दिया है। आरएनएआईपीएल में हमारी टीम के मजबूत नेतृत्व और प्रतिबद्धता के बिना यह ऐताहिसक मुकाम हासिल नहीं किया जा सकता था। हम अपने सभी कर्मचारियों को उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण के लिए दिल से धन्यवाद देते हैं।”

आरएनएआईपीएल अपनी अत्याधुनिक पावरट्रेन फैसिलिटी से छह इंजन वेरिएंट के साथ-साथ चार तरह के गियरबॉक्स का उत्पादन कर सकती है। एलायंस के उच्चस्तरीय मैन्युफैक्चरिंग मानकों का पालन करके चेन्नई की पावरट्रेन उस गुणवत्ता और ड्यूरेबिलिटी से निर्माण करती है जिसकी भारत की मुश्किल भरी सड़कों और जलवायु में बेहद ज़रूरत है। इससे साथ ही यह बढ़ते विदेशी बाजारों की ज़रूरत को भी पूरा कर रही है।

भारत में इसकी सफलता के साथ ही निसान मैग्नाइट को अब दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, ब्रुनेई, युगांडा, केन्या, सेशेल्स, मोज़ाम्बिक, जाम्बिया, मॉरीशस, तंजानिया, मलावी जैसे 15 देशों में निर्यात किया जा रहा है।

मैग्नाइट में लगे आधुनिक एचएआरओ टर्बो इंजन से अलग-अलग वातावरणों के लिए ज़रूरी ड्यूरेबिलिटी के साथ-साथ बेहतरीन फ्यूल इकोनॉमी भी मिलती है। इस इंजन से 118.5ग्राम/किलोमीटर की दर से कम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन होता है। इस इंजन से रिस्पॉन्सिव और तेज़ एक्सीलेरेशन का बिल्कुल नया अनुभव मिलता है, साथ ही बेहतर पावरट्रेन और रोड नॉइज आइसोलेशन से शोर, वाइब्रेशन और हार्शनैस का बेहतर प्रबंधन संभव होता है, जिससे कारण कार का केबिन काफी शांत रहता है।

एचआरएओ टर्बो इंजन को मैन्युअल 5-स्पीड गियरबॉक्स या निसान के एक्स-ट्रोनिक 5-स्पीड सीवीटी के साथ जोड़ा जा सकता है। इसमें निसान जीटी-आर जैसी विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स कारों में लगने वाली “मिरर बोर सिलेंडर कोटिंग” टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इस टैक्नोलॉजी से इंजन के अंदर रेजिस्टेंस को कम होता है, वजन कम होता है, हीट मैनेजमेंट बेहतर होता है और सहज एक्सीलेरेशन के साथ एफिशियंट फ्यूल इकोनॉमी मिलती है।

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