- Over 50gw of solar installations in india are protected by socomec pv disconnect switches, driving sustainable growth
- Draft Karnataka Space Tech policy launched at Bengaluru Tech Summit
- एसर ने अहमदाबाद में अपने पहले मेगा स्टोर एसर प्लाज़ा की शुरूआत की
- Acer Opens Its First Mega Store, Acer Plaza, in Ahmedabad
- Few blockbusters in the last four or five years have been the worst films: Filmmaker R. Balki
हार्टफुलनेस संस्था द्वारा ,पतंजलि योगपीठ, राष्ट्रीय योगासन स्पोर्ट्स फ़ेडेरशन क्रीड़ा भारती, गीता परिवार के संग योग को अधिक सुलभ और लोकप्रिय बनाने के कई प्रयास।
इन प्रयासों के तहत आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में 75करोड़ सूर्य नमस्कार के वैश्विक प्रयास का उद्घाटन तथा पुस्तक ‘दी ऑथेंटिक योग’ का विमोचन साथ ही अंतर्राष्ट्रीय योग अकादमी की नींव।
हैदराबाद, 3 जनवरी 2022: हार्टफुलनेस संस्था ने नए वर्ष का स्वागत 75करोड़ सूर्य नमस्कार के वैश्विक उद्घाटन के साथ किया। आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में किए गए इस आयोजन में ‘ ऑथेंटिक योगा बुक’ का विमोचन संस्था द्वारा किया गया एवं ‘ अंतर्राष्ट्रीय योग अकादमी’ का शिलान्यास किया गया। इस अवसर पर पतंजलि संस्थान के अध्यक्ष पूज्य योग ऋषि स्वामी रामदेव महाराज, रामचंद्र मिशन एवं हार्टफुलनेस संस्थान के वैश्विक गाइड दाजी श्री कमलेश पटेल,आयुष व पोत परिवहन जलमार्ग मंत्रालय आदरणीय मंत्री श्री सरभानंद सोनोवाल, हरियाणा के सम्माननीय राज्यपाल श्री बंदरु दत्तात्रेय एवं तेलंगाना प्रोहिबिशन व एक्साइस के मंत्री श्री श्रीनिवास गौड़ , युवा कार्यक्रम व खेल मंत्रालय, पर्यटन, संस्कृति एवं पुरातत्व मंत्रालय के मंत्री आदि हार्टफुलनेस संस्था के प्रधान वैश्विक कार्यालय, कान्हा,शांतिवनम में मौजूद थे। यह आभासी कार्यक्रम योग ऋषि स्वामी रामदेव तथा पूज्य दाजी द्वारा पूरी मानवता को एक करने तथा योग के प्राचीन विज्ञान के संरक्षण व प्रसार के परम उद्देश्य को प्रकट कर रहा था।
75 करोड़ सूर्य नमस्कार भारत की आज़ादी के 75 वर्षों के प्रतीक हैं। इसमें भाग लेने वालों की सूचना के लिए ये सूर्य नमस्कार 21दिनों के लिये प्रतिदिन 13 के हिसाब से करने हैं। यह कार्यक्रम 1 जनवरी 2022 से 20 फ़रवरी तक चलेगा। यह मुख्यतः पाँच अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा -हार्टफुलनेस संस्था,पतंजलि योगपीठ, अन्य सहयोगी संस्थाएँ, एन वाई एस एफ नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फ़ेडेरेशन,गीता परिवार, क्रीड़ा भारती,आयुष मंत्रालय,शिक्षा एवं विदेश मंत्रालय, आइ सी सी आर, एफ आइ टी भारत,युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के सहयोग से आयोजित था। अन्य मुख्य सहयोगी ए आइ यू यानी एसोसिएशन ओफ़ यूनवर्सटीज़,एन एस एस, दी ए वी मैनेजिंग कमिटी, ऐलन करीयर इन्स्टिटूट, नवयोग संस्थान तथा स्वयसा थे।
75करोड़ सूर्य नमस्कार की इस चुनौती द्वारा एक वृहद् सम्मिलित कार्यक्रम के लक्ष्य को पूरा करना है।इसने हर प्रतिभागी को 21दिन की चुनौती को पूरा करने का प्रमाण पत्र दिया जाएगा । इसका वेबसैट है http://www.75suryanamaskar.com
75 करोड़ सूर्य नमस्कार की चुनौती
30 प्रतिभागी प्रांतों 21,814 संस्थाओं,10,05,429 पंजीकृत छात्रों आदि को लेकर सूर्य नमस्कारों की संख्या 97,25,560 को पार कर चुकी है और बढ़ती जा रही है। व्यक्तिगत, संस्थागत, स्वयमसेवी हेतु पंजीकरण के दरवाज़े खुले । अधिक सूचना के लिए-http:www.75suryanamaskar.com पर जाएँ।सभी संस्थाओं भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और सोशल मीडिया के चैनलों पर हैश्टैग के साथ अपलोड करने का सुझाव दिया जाता है।
750 करोड़-सूर्यनमस्कार
रामचंद्र मिशन एवं हार्टफुलनेसस संस्था के अध्यक्ष श्री दाजी ने कहा, “ हमारी कोशिश लोगों को उनकी आंतरिक प्रकृति की ओर ले जाने की है। हार्टफुलनेसस अंतर्राष्ट्रीय योग अकादमी द्वारा हमारा लक्ष्य योगाभ्यास को हर किसी के पास, समाज के हर तबके में पहुँचना है। आथेंटिक योग बुक का विमोचन भी योग द्वारा शरीर और मन में पैदा होने वाली सकारात्मकता की ओर संकेत करता है।
यह उस लिटमस की तरह होगा जिसमें योगाभ्यास द्वारा हम सम्पूर्ण विकास की परीक्षा में कहाँ तक सफल हुए हैं इसका परीक्षण होगा।
योग ऋषि स्वामी रामदेवजी ने कहा,“ पिछले दो दशकों में दुनिया योग से होने वाले लाभ के विषय में अधिकाधिक जान चुकी है किंतु व्यावहारिक तौर पर इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना आसान नहीं।दाजी द्वारा प्रकाशित पुस्तक ऐसे तरीक़े प्रस्तुत करती है जो आसानी से अपनाये जा सकते हैं। हार्टफुलनेस द्वारा पूरी दुनिया के लोगों को ऐसे समय में इतनी बड़ी संख्या में इकट्ठा करना वाक़ई प्रशंसा योग्य है। योग सिर्फ़ व्यायाम नहीं बल्कि पूरे विश्व के साथ समस्वर होकर जुड़ने का ऐसा प्रयास है जिसमें मानसिक और आध्यात्मिक लाभ भी होता है।
सूर्य नमस्कार में बारह मुख्य आसन शामिल हैं जो अभ्यासी को संपूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। मैं आशा करता हूँ कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करेंगे।”
श्री सरबानंद सोनोवाल ने कहा,“ दाजी ने बड़ी गहराई से योग पर अधिकार पाने के जो तरीक़े हैं उन्हें अपनी नवीनतम पुस्तक में स्पष्ट किया है। यह कई योगाभ्यासियों केलिये कामगर सिद्ध होगा। इस विशाल पैमाने में सूर्य नमस्कार के इस प्रयास में शामिल होना मुझे प्रफुल्ल करता है। संसार भर से लोग योग द्वारा स्वास्थ्य कल्याण के इस प्रयास में जुड़ रहे हैं। विश्व को संदेश यह है कि व्यक्ति के हृदय में स्वास्थ्य का ख़याल सदा रहे और योग द्वारा आध्यात्मिक विकास भी होता है।
हार्टफुलनेस अकादमी के उद्घाटन द्वारा यह संस्था योग को सबको उपलब्ध कराने की सही दिशा में काम कर
रही है। “
हरियाणा के राज्यपाल दत्तात्रेय बंदारु ने कहा,“ इस 75करोड़ सूर्य नमस्कार के मिशन के प्रति लोगों में अपरिमित उत्साह देखकर मुझे बहुत हर्ष हो रहा है। हरियाणा योगस्थल है यानी गीता, योग के विज्ञान का स्थल है। ख़ुशी है कि हरियाणा का योग आयोग का पूरा प्रयास है कि योग समाज के अंतिम सदस्य तक पहुँचे। वह मिशन के कार्यों में भी व्यस्त है। दाजी द्वारा प्रकाशित पुस्तक भी इसी दिशा में है।मेरा विश्वास है कि हार्टफुलनेस की अंतर्राष्ट्रीय योग अकादमी इस मिशन की उड़ान को और तेज कर देगी।’
श्री श्रीनिवास गौड़ ने कहा,“योग वह पवित्र विज्ञान है जो हमें प्राचीन काल आर्ष जनों ने संपूर्ण विकास के लिये सौंपा। ‘आथेंटिक योग बुक’ हमारे जीवन में योग को पूरी तरह से उतारने का काम करती है। हार्टफुलनेस अकादमी शीघ्र ही अपनी विभिन्न सेवाओं योग,आयुर्वेद,थेरेपुटिक चिकित्सा आदि द्वारा मिशन को नई ऊँचाइयों पर ले जायेगी। अधिकाधिक लोगों को 75करोड़ सूर्य नमस्कार के इस विराट आयोजन में भाग लेते देख अतीव प्रसन्नता हो रही है । यह स्वस्थ जीवन शैली के प्रति लोगों में जो जागरण पैदा हो गया है उसे दर्शाता है।”
दाजी ने आथेंटिक योग बुक के विषय में बताया कि यह मूल रूप में 70वें दशक में मराठी के महत् साहित्यकार पी वाई देशपांडे द्वारा लिखा गया है। वे क्रान्तिकारी सोच व वैश्विक दृष्टिकोण रखते थे। स्वयम् दाजी इस पुस्तक विमोचन की प्रतीक्षा में थे।
“मैंने महान ऋषि पतंजलि के कई योगसूत्र पढ़े हैं पर इतना अंतरदृष्टि किसी टीका में नहीं मिली। पहले कहे अनुसार योग मात्र शरीर को स्वस्थ नहीं करता बल्कि यह एक विकासशील विज्ञान है। इस बात पर यह किताब गहराई से नज़र डालती है और समझाती है कि शारिरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्तर पर योग हमें ऊपर उठाता है।
हार्टफुलनेस योग अकादमी योग प्रशिक्षण में कुछ नए कीर्तिमान स्थापित करेगी।
- इसमें 100लोगों के प्रशिक्षण हेतु बड़े हाल हैं। थेरेप्यूटिक परामर्श के लिए कमरे हैं।एकल या छोटे समूह के प्रशिक्षण के लिये स्थल हैं।प्री नेटल योग के लिए अलग व्यवस्था है।दो सौ लोगों के लिये बड़े लेक्चर हाल हैं।स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न कार्यक्रमों के लिए रिकॉर्डिंग स्टूडीओ होंगे। पुस्तकालय में हर योग संस्था की विभिन्न पुस्तकें, शोध आलेख उपलब्ध होंगे। योग प्रभावशीलताको वैज्ञानिक दृष्टि से देखनेवालों के लिए यह उत्तम जगह होगी जगाई सहयोगी अनुसंधान कार्यक्रमों के साथ कई शोधात्मक प्रयास जारी हैं। अकादमी समाज के हर स्तर में स्वयंसेवकों से लेकर आंगनवाड़ी, आशा, शिक्षकों, छात्रों सबको योग हासिल कराने का काम करेगी क्योंकि यह जीवन कौशल के विकास का हिस्सा है।
- यहाँ सामान्य से लेकर डीलक्स आवास व्यवस्था होगी। इसके कार्य अंतर्राष्ट्रीय टीम RYS 200,RYS 300 द्वारा विभिन्न देशों के प्रमुख प्रशिक्षकों द्वारा चलाये जाएँगे। 2021 मे हार्टफुलनेस आयुष के साथ योगा फ़ोर यूनिटी आयोजित किया जिसकी पहुँच159देशों में21करोड़ लोगों तक थी।
- अधिक जानकारी के लिए hfn.link /yogacademy में जाएँ।
- ऑथेंटिक योग बुक पाठकों के लिये ख़ज़ाना है!!!
- इस पुस्तक का दाजी ने महत दूरदर्शिता के साथ हर उम्र के लोगों की दिनचर्या में योग को शामिल करने के उद्देश्य से पुनर्लेखन किया। इस प्रेरणात्मक पुस्तक से अविलम्ब योग को अपनाने ऊर्जा पैदा होगी। प्रारम्भ में ही विलंब की समस्या से मुक्ति मिल जायेगी। उनकी सरल व सादगी युक्त लेखनी पाठक को आकर्षित करेगी दाजी कुशलतापूर्वक कई भ्रमों का उन्मूलन किया है और योग की गहन उच्चतर शक्तियों उजागर किया है।
- हार्टफुलनेस
ध्यान की यह सरल पद्धति जीवन शैली में परिवर्तन के तरीक़े सिखाती है। यह बीसवीं सदी के प्रारंभ में विकसित हुआ और 1945 में श्री रामचंद्रा मिशन द्वारा औपचारिक शिक्षण के रूप में स्थापित हुआ ताकि सभी लोग शांति, ख़ुशी और ज्ञान का अनुभव एक ही समय में हृदयपूर्वक कर सके। यह अभ्यास योग के आधुनिक रूप को उजागर करता है जिससे प्राप्त संतोष, शांति, करुणा, शौर्य, विचारों में स्पष्टता आदि मनुष्य को एक सोद्देश्य जीवन बिताने में मदद कर सकें।ये अभ्यास सरल हैं, आसानी से सीखे जा सकते हैं, हर पथ में चलनेवाले , हर संस्कृति, धर्म वालों , हर आर्थिक वर्ग के लोगों केलिये उपयुक्त सिद्ध होते हैं। आज हार्टफुलनेस पद्धति हजारों स्कूलों, कालेजों में पंद्रह वर्ष से बड़े लोगों को सिखाई जाती है । विश्व भर के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में , सरकारी, ग़ैर सरकारी संस्थानों में लाखों व्यवसायी ध्यान करते हैं। 5000 से ज़्यादा केंद्रों सर्टिफिकेट प्राप्त स्वयंसेवक इसे तात्परता से सिखाते हैं और 160 देशों में अभ्यासी मौजूद हैं।