गर्मी के मौसम में रखें स्वास्थ्य का विशेष ख्याल

— डॉ. ए.के. द्विवेदी, वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक, इंदौर
गर्मी का मौसम जहाँ एक ओर आम, लीची और तरबूज जैसे स्वादिष्ट फलों की सौगात लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर लू, डिहाइड्रेशन और त्वचा की समस्याएं भी साथ लाता है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपनी दिनचर्या और खानपान में कुछ जरूरी बदलाव करके इस मौसम में स्वस्थ बने रहें।
घरेलू उपायों से करें गर्मी का सामना
केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद्, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार से संबद्ध वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. ए.के. द्विवेदी के अनुसार, गर्मी से बचाव के लिए घरेलू उपाय अत्यंत प्रभावशाली होते हैं।
उन्होंने बताया कि घर में आसानी से उपलब्ध परंपरागत पेय जैसे –
सत्तू का घोल,
कैरी (कच्चे आम) का पना,
नींबू पानी,
जीरा जल,
तरबूज,
छाछ आदि का नियमित सेवन शरीर को शीतलता प्रदान करता है और लू से बचाता है।
होम्योपैथी से भी मिलती है राहत
डॉ. द्विवेदी के अनुसार, गर्मी के दुष्प्रभाव जैसे सनबर्न, स्किन टैनिंग, शरीर में जलन, थकावट और डिहाइड्रेशन की स्थिति में कुछ विशेष होम्योपैथिक औषधियाँ अत्यंत लाभकारी होती हैं।
विशेषतः त्वचा संबंधी परेशानियों, पेशाब में जलन, यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) और पथरी से पीड़ित लोगों को गर्मी में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए ताकि शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलें और समस्याएं न बढ़ें।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
गर्मी के मौसम में हल्का भोजन करें, तला-भुना व मसालेदार खाना कम खाएं। ढीले, सूती कपड़े पहनें और धूप में निकलने से पूर्व सिर को ढककर निकलें। यदि संभव हो तो दोपहर के समय बाहर निकलने से बचें।
डॉ. द्विवेदी सलाह देते हैं कि – “गर्मी से बचने के लिए आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ पारंपरिक घरेलू उपाय और होम्योपैथी का संयोजन एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हो सकता है।”
निष्कर्ष
गर्मी से बचाव के लिए सजगता, संतुलित खानपान, पर्याप्त जल सेवन और उचित दवाओं का उपयोग आवश्यक है। थोड़ी सी सतर्कता अपनाकर हम इस तपते मौसम में भी खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।