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फिट रहने के टिप्स और तरीके बताये

हेल्थ के प्रति अवेयरनेस के मद्देनज़र फिट है बॉस कार्यक्रम का आयोजन क्रिएट स्टोरीज द्वारा प्रेस्टीज मैनेजमेंट कॉलेज में किया गया |
दीपक शर्मा ने बताया की इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओ और वर्किंग प्रोफेशनल्स के प्रति हेल्थ के प्रति अवेयर करना था ताकि वे अपने आपका और आसपास वालो का ध्यान रखे और ओबेसिटी से होने वाली कई बिमारियों से बच सके |
इसके लिए बैरिएट्रिक सर्जन डॉ अपूर्व श्रीवास्तव ने ओबेसिटी से कैसे फाइट करना चाहिए और फिट रहने के टिप्स और तरीके सभी को बताये ।
डॉ अपूर्व श्रीवास्तव ने बताया की अच्छी ज़िन्दगी के लिए अच्छी हेल्थ होना बहुत ज़रूरी है और अच्छी हेल्थ का मतलब है हमेशा एक्टिव रहना और रेगुलर एक्सरसाइज करना | हमेशा एक्टिव रहना मतलब छोटे छोटे काम स्वयं करना जैसे खुद का बेड रेडी करना , खुद का कप उठा कर रखना आदि और रेगुलर एक्सरसाइज मतलब चैलेंज एड करना |
किसी भी प्रकार की फिटनेस एक्टिविटी एक हफ्ते में कम से कम 150 मिनट्स या 30 मिनट्स के आसपास डेली करना चाहिए जैसे योगा, रनिंग, डांस, स्पोर्ट्स आदि जिससे फिजिकली हमारी बॉडी को मूव करना पड़ रहा हो और जिससे हमें मेंटल सेटस्फ़ेक्शन मिले वो करिए.
अगर इतना टाइम भी नहीं है तो टाइम बनाओ क्यूंकि इससे फिजिकली फिट तो हम रहेंगे ही लेकिन इससे हमारे सोचने की छमता तेज़ होती है और अलर्ट रहती है इसलिए हमारे दिमाग को शार्प करने के लिए नियमित कुछ न कुछ एक्सरसाइज करनी होगी और वो भी हमारे आखिरी दिन तक क्यूंकि जब हम पैदा होते है तब हम पेरेंट्स के कंट्रोल में होते है तब से ही हमारी फिजिकल एक्सरसाइज शुरू हो जाती है जो की मालिस से चालू होती है | और जब हम पेरेंट्स के कंट्रोल से बाहर हो जाते है वो धीरे धीरे छूटने लगती है जो की बिमारियों को कम उम्र से ही जन्म देने लगती है |
ओबेसिटी या मोटापा कभी अकेला नहीं आता यह अपने साथ कई बीमारियां साथ लाता है जैसे हाई ब्लड प्रेशर , डायबिटीज , लीवर का खराब होना , थाइरोइड , बच्चा न होना , हार्ट प्रॉब्लम , साथ से आठ प्रकार के कैंसर आदि |
ओबेसिटी की प्रॉब्लम को दो तरीको से रोका जा सकता है पहला उसकी रोकथाम से यानी उसको कंट्रोल करना या आने ही न देना जिसको हम प्राइमरी प्रिवेंशन भी बोलते है और दूसरा सेकेंडरी प्रिवेंशन यानी अगर ओबेसिटी के शिकार हम हो चुके है सही समय पर उचित इलाज़ कर लेना |
प्राइमरी प्रिवेंशन फॉर ओबेसिटी –
· खान पान पे नियंत्रण पाने के लिए हमे अपने शरीर की उर्जा के व्यय को समझना होगा |
· हम जो भी खाते है उस भोजन में प्रोटीन , फैट और कार्बोहाइड्रेट की मात्र का अंदाज होना चाहिए और नियमित रूप से अपने वजन को चेक करते रहना चाहिए |
· अब अगर वेट बढ़ रहा है तो आप कैसे जानेगे की यह वजन ओबेसिटी की श्रेणी में आ चुका है या नहीं | इसका जो माप है वो बी.एम.आई है यानी बॉडी मास इंडेक्स जो की हाइट और वेट का अनुपात है |
· नार्मली किसी भी व्यक्ति का बी.एम.आई 25 से 27 के बीच होता है | 27 से 30 ओवरवेट होता है और 30 या उससे ऊपर मोटापा कहलाता है |
· अगर आपका बी.एम.आई 27 से ऊपर जा रहा है और आपके खान पान या फिजिकल फिटनेस से कण्ट्रोल नहीं हो रहा है तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए |
· जिन लोगों में या परिवारों में हेरिडिट्री मोटापा है उन्हें ज्यदा सजग रहने की ज़रुरत है |
ओबेसिटी से बचाब –
· रोज़ कम से कम 2 किलोमीटर पैदल चले या दौड़े अपने दैनिक दिनचर्या के आलावा |
· ओवरईटिंग से बचिए |
· अपना बी.एम.आई रेगुलर चेक करिये |
· साल में एक बार जनरल हेल्थ चेक उप ज़रूर करवाए |
· कार्बोहाइड्रेट से आने वाली कैलोरी को कम करिए जैसे 3-4 रोटी और सब्जी खाने से कैलोरी कार्बोहाइड्रेट की ज्यदा होती जाती है | तो इसकी जगह 2 रोटी , 1 कटोरी दाल , 1 कटोरी हरी सब्जी खाना बेहतर विकल्प है वेट कम करने के लिए क्यूंकि इसमें प्रोटीन आ ज्जाते है |
· शुगर और नमक वजन बढ़ाते है इसलिए इसका सेवन कम करिये |
· तली गली चीज़े कम खाए जैसे नमकीन , समोसा आदि |
· फाइबर अपनी डाइट में इन्क्लूड करिए क्यूंकि वे वजन कम करने में मदद करते है जो की फ्रूट्स एंड सब्जियों से मिलते है |
सिटींग जॉब वाले क्या करें –
· 8 से 10 हज़ार स्टेप्स ज़रूर चलिए |
· बीच बीच में स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करिये |
· लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का प्रयोग करिए |
· ढाई लीटर पानी रोज़ कम कम पीजिये |
· सुगर वाली चाय या कॉफ़ी कम पिए उसकी जगह ग्रीन टी बेहतर विकल्प है |
· वर्क प्लेस की कैंटीन पे अनहेल्थी फ़ूड या जंक फ़ूड खाने से बचे एवं उसकी जगह फ्रूट्स , छाछ , नारियां पानी आदि का प्रयोग करिए |
सेकेंडरी प्रिवेंशन फॉर ओबेसिटी –
· दिनचर्या में बदलाव
· ओबेसिटी की दवाइयां
· बैरिएट्रिक सर्जरी |