- फेलिसिटी थिएटर इंदौर में "हमारे राम" प्रस्तुत करता है
- जेएसडब्ल्यू ग्रुप के चेयरमैन सज्जन जिंदल को एआईएमए मैनेजिंग इंडिया अवार्ड्स में मिला 'बिजनेस लीडर ऑफ डिकेड' का पुरस्कार
- उर्वशी रौतेला 12.25 करोड़ रुपये में रोल्स-रॉयस कलिनन ब्लैक बैज खरीदने वाली पहली आउटसाइडर इंडियन एक्ट्रेस बन गई हैं।
- Urvashi Rautela becomes the first-ever outsider Indian actress to buy Rolls-Royce Cullinan Black Badge worth 12.25 crores!
- 'मेरे हसबैंड की बीवी' सिनेमाघरों में आ चुकी है, लोगों को पसंद आ रहा है ये लव सर्कल
रिश्वत लेने वाले प्रभारी अधीक्षक और क्लर्क को किया निलंबित

इंदौर. निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने जनकार्य विभाग मुख्यालय के अंतर्गत कार्यरत प्रभारी अधीक्षक (मूल पद क्लर्क) विजय सक्सेना और क्लर्क श्रीमती हेमाली वेध को पदीय दायित्वों का समुचित तरीके से निर्वहन नहीं करने पर तथा लोकायुक्त पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही में रिश्वत लेने संबंधी प्रकरण पंजीबद्ध होने पर दोनों कर्मचारियों के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई.
उल्लेखनीय है कि विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय ने नगर निगम को पत्र लिखा था कि जन कार्य विभाग मुख्यालय के अंतर्गत कार्यरत प्रभारी अधीक्षक विजय सक्सेना एवं क्लर्क हेमाली वेध नगर निगम इंदौर के विरुद्ध ट्रेप की कार्यवाही कर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है. विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय इंदौर द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है.
इस आधार पर जनकार्य विभाग में कार्यरत प्रभारी अधीक्षक विजय सक्सेना एवं क्लर्क हेमाली वेध द्वारा पदीय दायित्वों का समुचित तरीके से निर्भर नहीं करने तथा इनका उल्लेखित कृत्य अनुशासनहीनता के साथ कदाचरण को प्रदर्शित करता है. साथ ही उक्त कृत्य स्वैच्छिक कार्य प्रणाली के अतिरिक्त मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम के विपरीत भी है जिस को दृष्टिगत रखते हुए आयुक्त द्वारा प्रभारी अधीक्षक एवं क्लर्क को निलंबित किया गया. निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय ट्रेंचिंग ग्राउंड होगा.
25 साल की नौकरी में अर्जित की करोड़ों की संपत्ति
जनकार्य शाखा के अधीक्षक विजय सक्सेना ने संपत्ति का साम्राज्य खड़ा कर रखा है. वर्तमान में 50 हजार रुपए माह तनख्वाह वाले सक्सेना की कुल संपत्ति 3 करोड़ के आसपास आंकी जा रही है. 25 साल की नौकरी में सक्सेना ने यह संपत्ति अर्जित की है. लोकायुक्त पुलिस को सक्सेना की पत्नी गिरिजा और साले सतीश निगम के नाम से 3 कॉन्ट्रैक्टर फर्म की जानकारी मिली है. सतीश के नाम से दुर्गा, शक्ति और पत्नी के नाम से महाशक्ति फर्म को निगम से ही काम मिल रहा है. इनके जरिए कितना काम अलॉट हुआ, कितना वास्तव में किया गया, कितनी राशि के बिल पास हुए इसकी भी जांच लोकायुक्त कर रही है. इसके अलावा चार मकान, चार प्लॉट और तीन फ्लैट, 28 लाख का सोना, तीन किलो चांदी और बैंक खातों में 15 लाख रुपए की भी जानकारी मिली है.