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माताओं के ललाट पर नहीं रहेगी चिंता की लकीरें: मंत्री तुलसी सिलावट
मंत्री श्री सिलावट ने दिए निर्देश–बिजली-पानी की समस्या वाले घरों को चिन्हित कर जल्द करें समस्या का निदान
इंदौर. राज्य का विकास मातृशक्ति के जीवन स्तर सुधारने से ही संभव है। राज्य शासन निरंतर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रयासरत है। माताओं, बहनों के ललाट पर अब चिंता की लकीरें नहीं रहेंगी। कोरोना के खिलाफ जंग में माताओं, बहनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस दौरान उन्होंने मास्क, सैनिटाइजर, भोजन आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की है। साथ ही समाज एवं प्रशासन के साथ एक सशक्त सहयोगी की भूमिका अदा की है।
यह बात मंत्री श्री तुलसी सिलावट ने आज इंदौर में कही। मंत्री श्री सिलावट रेसीडेंसी कोठी में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को सम्बोधित कर रहे थे। रेसीडेंसी कोठी परिसर में आज सांवेर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली 18 ग्राम पंचायतों से 32 महिला स्व-सहायता समूह की 335 महिला सदस्यों ने जल संसाधन एवं इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री श्री तुलसी सिलावट के समक्ष अपनी बात रखी।
इस दौरान कलेक्टर श्री मनीष सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री रोहन सक्सेना, अनुविभागीय अधिकारी श्री रजनीश श्रीवास्तव तथा बड़ी संख्या में स्व-सहायता समूह की महिला सदस्य उपस्थित थीं। कार्यक्रम के दौरान मंत्री श्री सिलावट ने विभिन्न समूह सदस्यों से उनकी समस्या जानी। उन्होंने कहा कि वे यथासंभव प्रत्येक समस्या का शीघ्रातिशीघ्र निराकरण करेंगे।
मंत्री श्री तुलसी सिलावट ने कार्यक्रम के दौरान बिजली-पानी की समस्या वाले घरों को चिन्हित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि ऐसे सभी घरों को चिन्हित कर बिजली एवं पानी की व्यवस्था का शीघ्र निराकरण किया जाए।
उन्होंने बताया कि, राज्य शासन की योजना के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूह को रोजगार उपलब्ध कराने तथा उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से समूह को लगभग दो लाख 18 हजार गणवेश बनाने का लक्ष्य दिया गया है। जिससे एक ओर महिलाओं की आमदनी बढ़ेगी वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों को शासन द्वारा निशुल्क गणवेश प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने स्व-सहायता समूह से संबंधित विभिन्न समस्याओं जैसे ऋण, ई-पेमेंट, बाजार उपलब्धता आदि के संबंध में चर्चा की। उन्होंने बताया कि, शासन का उद्देश्य प्रत्येक स्व-सहायता समूह को क्रियाशील बनाकर उन्हें मार्केट लिंकेजेज़, मार्केटिंग तथा बेहतर बाजार उपलब्ध कराना है। जिससे उनकी बिक्री एवं आमदनी दोनों में बढ़ोत्तरी हो और उनका उद्योग भी बढ़ सके।