शनि देवता से जुड़े यह प्रयोग जीवन में लाएंगे सकारात्मक बदलाव

डॉ श्रद्धा सोनी
वैदिक ज्योतिष अचार्य

शनि का संबंध आपके पैरों से होता है। ऐसे में जूते-चप्पल से जुड़े उपाय आपको शनि से जुड़े दोषों से मुक्त कराते हैं। यदि आपकी कुंडली में शनि को लेकर कोई दोष है या फिर शनि की ढैय्या अथवा साढ़ेसाती चल रही है तो आप शनि अमावस्या या फिर शनिवार के दिन बगैर किसी को बताए अपना काले रंग का चमड़े का जूता या चप्पल मंदिर के प्रवेश द्वार पर उतार कर चले आएं। ध्यान रहे कि ऐसा करते समय वापस पीछे पलट कर न देखें। शनि देवता से जुड़ा यह प्रयोग शनि के कारण हो रही समस्याओं को दूर करके निश्चित रूप से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा।

यदि आपकी कुंडली में शनि दोष है या फिर शनि ढैय्या या साढ़ेसाती चल रही है तो आप तमाम तरह की चीजों का दान करके लाभ पा सकते हैं। सूर्य पुत्र शनि ग्रह की कृपा पाने के लिए काले रंग की गाय, काले रंग का कपड़ा, छाता, लोहा, छाता, जूता, कंबल आदि का दान करना श्रेयस्कर होता है।

शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनि अमावस्या के दिन नवग्रह वाले मंदिर में जाकर शनिदेव की साधना-आराधना करें। उन्हें श्रद्धाभाव से तेल, काला तिल और नीले रंग का फूल चढ़ाएं। साथ ही दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करें।

शनि कर्म के देवता हैं और आपके किए गए कार्य का फल जरूर देते हैं। इसलिए ग्रहों की चाल में शनि को लेकर अब घबराने की जरूरत नहीं है। शनि को मनाने के लिए अपने व्यवहार में जरूर परिवर्तन लाएं। मजदूर वर्ग से नम्रता से पेश आएं। विशेष रूप से अपने माता-पिता का सम्मान और उनकी सेवा करें।

शनि से जुड़े दोष दूर करने या फिर उनकी कृपा पाने के शनिदेव का यह मंत्र काफी प्रभावी है। इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जाप करने से शनिदेव का प्रकोप शांत हो जाता है और उनकी कृपा प्राप्त होती है।
सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:।
मंदाचार: प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।।
इसी तरह ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम: मंत्र का तीन माला जप करने से भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।

शनि अमावस्या के दिन किसी शुभ मुहूर्त में उड़द की दाल को पीसकर उसके दो बड़े बनाएं। ध्यान रखें, उड़द की दाल में कोई अन्य दाल न मिली हो। सूर्यास्त के समय इन बड़ों पर शुद्ध दही और सिंदूर लगाएं और उसे ले जाकर किसी पीपल के पेड़ के नीचे रख कर पीपल देवता को प्रणाम करें। इसके पश्चात् वापस घर लौट आएं। वापस लौटते समय न तो पीछे मुड़कर देखें और न ही रास्ते में किसी से बातचीत करें। शनिदेव की कृपा पाने के लिए इस उपाय को 21 दिनों तक करें।
शनि अमावस्या के दिन उड़द की दाल की खिचड़ी बनाकर भूखे व्यक्तियों को भोजन कराएं। इस उपाय से शनिदेव प्रसन्न होंगे और आप पर उनकी कृपा बरसेगी।

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