- तृप्ति डिमरी और शाहिद कपूर पहली बार करेंगे स्क्रीन शेयर - विशाल भारद्वाज करेंगे फिल्म का निर्देशन
- बॉलीवुड की अभिनेत्रियाँ जिन्होंने सर्दियों के स्टाइल में कमाल कर दिया है
- Akshay Kumar Emerges as the 'Most Visible Celebrity' as Celebrity-Endorsed Ads Witness a 10% Rise in H1 2024
- Madhuri Dixit's versatile performance in 'Bhool Bhulaiyaa 3' proves she is the queen of Bollywood
- PC Jeweller Ltd.Sets December 16 as Record Date as 1:10 Stock Split
दुखद अंत समाज में बदलाव लाने के लिए जरूरी: दिनेश
इन्दौर. फिल्म का अंत हमें दर्शकों को खुश करके नहीं भेजना है. वो सिनेमा हॉल से इस संदेश को साथ लेकर जाए ताकि वो शायद इस दर्द के कारण अपने रोज़ की जिंदगी में पानी बचाने के लिए मजबूर हो सके. हमने बहुत बड़ी रिस्क ली है कि फिल्म का अंत दु:ख के साथ है पर वो बाद का सच है जो कि समाज में एक बदलाव लाने के लिए जरुरी है.
यह बात फिल्म द टर्टल के युवा निर्देशक दिनेश यादव ने कही. वे फिल्म के प्रमोशन के लिए शहर में थे. उनके साथ फिल्म के निर्माता राजस्थान मूल के अशोक चौधरी भी थे. फिल्म में विशेष बात यह है कि निर्देशक महेश्वर के ही रहने वाले हैं. दिनेश ने बताया कि मेरी शिक्षा इंदौर में ही हुई है. इंदौर के ईएमआरसी से मैंने शिक्षा ग्रहण की है. फिल्म के अभिनेता मेेरे मित्र ही है.
फिल्म को लेकर उन्होंने बताया कि टर्टल, पानी की समस्या पर आधारित है जो कि इन्हीं निर्देशक व निर्माता द्वारा बनाई गयी है। जल संकट तीसरे वल्र्ड वार का कारण बन सकता है. साथ ही फिल्म के गाने इंदौर के मूल निवासी युवा पराग छाबड़ा ने कम्पोज़ किये है, जिन्होंने इंदौर के सरगम म्यूजि़क इन्स्टिट्यूट से ट्रेनिंग ली और आज वह महान संगीतकार ए.आर. रहमान के म्यूजिक प्रोड्सर है और पांच साल से उनके साथ विश्वभर में लाइव शो कर रहे है. फिल्म की कहानी में लव स्टोरी, सक्सेस कॉमडी व ड्रामा का भी बहुत ही बढिय़ा तरीके से समन्वय किया है.
गांवों के हालात को मर्मस्पर्शी से दिखाया
फिल्म के निर्माता अशोक चौधरी ने बताया कि फिल्म में गांवों में पानी के हालात को बहुत गर्मस्पर्शी से दर्शाया गया है और यह समस्या कब गांव, शहर, देश व विश्व तक पहुंच के विश्वयुद्ध का रुप ले लेगी हम सोच भी नहीं सकते. पानी जो कि जीवन के लिए बहुत जरुरी है और हम शहरवासी पानी का नल व टोंटी खुली छोड़ देते है इस फिल्म के द्वारा समाज को बहुत ही अच्छा संदेश मिलता है कि हम नहीं बदलेंगे तभी विश्व नहीं बदलेगा. हमें इसकी शुरूआत घर की नल व टोंटी से करनी होगी. इसके साथ ही हम मेक इन इंडिया थीम पर आधारित हिंदी फिल्म वाह जि़ंदगी शिवाज़ा भी बना रहे है. इस फिल्म के पीछे मूल संदेश युवाओं को उद्योगों के प्रति मोटिवेट करना और मातृभूमि के प्रति प्रेम जगाना है.