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सामाजिक सरोकार भी निभायें विश्वविद्यालय: राज्यपाल

विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह
इंदौर . विश्वविद्यालय सामाजिक सरोकारों को निभाने का दायित्व लें. बालिकाओं के स्वास्थ्य और कुपोषण से मुक्ति के लिये समाज आगे आये. विश्वविद्यालय और प्राथमिक विद्यालयों के बीच अंर्तसंबंध होने चाहिये.
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में यह बात कही. प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी ने इंदौर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पीठ स्थापित किये जाने पर बल दिया. दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के चेयरमैन डॉ.डी.पी.सिंह, कुलपति डॉ. नरेन्द्र धाकड़, पूर्व कुलपति, कार्यपरिषद के सदस्य, गणमान्य नागरिक उपस्थित थे.
समय पर पढ़ाई, परीक्षा और परिणाम जरूरी
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालयों में निर्धारित समय पर पढ़ाई, परीक्षा और उसके परीणामों का आना जरूरी है. उन्होंने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के ऑनलाइन परीक्षा परिणाम प्रणाली का लोकार्पण भी किया. इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों और प्राथमिक विद्यालयों के बीच अंर्तसंबंध होना चाहिये। प्राईमरी और मिडिल के बच्चों को विश्वविद्यालय का भ्रमण कराना चाहिये, ताकि उच्च शिक्षा के प्रति उनमें ललक पैदा हो सके. राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में पीएचडी उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे अपने शोध को समाज के सामने भी प्रस्तुत करें.
विवि की कमियों को दूर करने का प्रयास करें
उन्होंने कहा कि सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए विवि एक बार फिर नेक के समक्ष उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगा यह मेरा विश्वास है. नेक के हिसाब से विवि में क्या कमियां है इन कमियों को ध्यान में रखते हुए सभी अध्यापक तथा विद्याॢथयों को प्रयास करना चाहिए. क्योंकि नेक प्रजेन्टेशन में पता चला कि हमारी कमियां कहां-कहां है.यदि हम ये कमियों दूर कर लेते हैं तो नेक के हिसाब से ए नहीं इससे भी आगे जा सकते हो. विवि में समय पर एडमिशन, समय पर रिजल्ट तथा समय पर परीक्षा करवाना हम सबका कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह से पहले मैने सोच रखा था कि मेरे अतिथि प्रायमरी स्कूल के बच्चें होंगे. यह ध्यान में रखते हुए मैने बच्चों को बुलाया है. इससे आने वाले समय में यूनिवॢसटी में पढने के लिए बच्चे अभी से अपनी सोच बदलेंगे.
इंदौर में स्थापित हो अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पीठ:
पटवारीप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पीठ स्थापित होना चाहिये। इसके लिये उच्च शिक्षा विभाग पहल करेगा. श्री पटवारी ने अपने विद्यार्थी जीवन का स्मरण करते हुये कहा कि इसी परिसर में उन्होंने विद्यार्थी हित में अनेक आंदोलन किये हैं. यहीं उन्हें शिक्षकों की डाट-फटकार भी मिली और लाड़-प्यार भी. श्री पटवारी ने कहा कि आज ऐसी शिक्षा की जरूरत है, जो दुर्भावनारहित सद्व्यवहार सिखाये. उन्होंने कहा कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में दुनिया के विभिन्न देशों के विद्यार्थी पढऩे आयें, इसके लिये हम सब मिलकर प्रयास करेंगे.
बौद्धिक स्पंदन होते रहना चाहिए
दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष डॉ.डी.पी.सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय नव विचारों और नव उन्मेषों के पल्लवन का केन्द्र बनें. यहाँ बौद्धिक स्पंदन होते रहना चाहिये. समाज में ऐसी शिक्षा दे जिससे युवाओं के सपने साकार करने में साबित हो.शिक्षा में समर्पण, पारदॢशता तथा निष्ठा काभाव होना चहिए.युवाओं को शिक्षित व संस्कारी बनाये. इसके माध्यम से एक अच्छे नागरिक का निर्माण करना शिक्षा का मुख्य उददेश्य है. सर्वांगिण का उत्थान ही शिक्षा का मुख्य उददेश्य है.
शंख ध्वनि के साथ आया प्रोसेशन
विश्वविद्यालय के सभागार में शंख ध्वनि और मंगलाचरण के साथ राज्यपाल की अगुवाई में प्रोसेशन आय. परम्परागत भारतीय परिधान पहने और पगड़ी से सजे गर्वित माथों पर हर्ष की लकीरों के साथ प्रोसेशन में प्राध्यापकगण और मेडल तथा उपाधिधारक विद्यार्थी शामिल हुए. गोल्डन-सिल्वर मेडल से किया सम्मानितसमारोह में कुलपति डॉ. नरेन्द्र धाकड़ ने विद्यार्थियों को दीक्षांत उपदेश दिया और प्रतिज्ञा दिलायी। प्रो. ज्ञानप्रकाश के संपादन में प्रकाशित रिसर्च जनरल का विमोचन अतिथिगणों द्वारा किया गया.सत्र 2016-17 में मेरिट में आने वाले छात्र-छात्राओ को गोल्ड व सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया. मेडिकल की छात्रा एलिजा कापडिय़ा आठ मेडल से सम्मानित हुई. जिसमें 7 गोल्ड व 1 सिल्वर मेडल प्राप्त हुआ.इसके अलावा पीएचडी करने वाले छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई.