हमें अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिये 

इंदौर. हिन्दी दिवस के अवसर पर श्री मध्य भारत हिन्दी साहित्य समिति  में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम का  संचालन करते  हुए साहित्य मंत्री हरेरामवाजपेई ने महात्मा गांधी द्वारा सो वर्ष पूर्व यहीं पर हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित किया गया था, संदर्भ याद दिलाया. वरिष्ठ साहित्यकार सूर्यकांत नागर ने हिन्दी के विकास के नाम एक आलेख पढ़ा.
अपने अध्यक्षीय उद्बोद्धन में डाँ पद्मासिंह ने कहा कि हमें अपनी मातृ भाषा का सम्मान करना चाहिए. प्रभु त्रिवेदी ने अपने दोहों के माध्यम से, दिनेशचंद्र तिवारी ने मातृभाषा वंदन, ओमउपाध्याय ने कविता पाठ, प्रदीप नवीन ने कैसे काम हो हिन्दी में, दतिया के बृजेश कुमार हिन्दी में कही हर बात अच्छी लगती है. संतोष मोहंती माँ की ममता सी मिठी होती है. अपनी भाषा के माध्यम से हिन्दी वंदन किया.
आकाशवाणी उद्घोषक संतोष जोशी ने रेडियो फिलीपिन्स से हिन्दी में प्रसारित होने वाले कार्यक्रम एवं उनके योगदान पर बात की. इस अवसर पर सदाशिव कौतुक, त्रिपुरारीलाल शर्मा, मुकेश इन्दौरी, अनूप सहर, मोहनलाल रावल, राजेश डांगी ने भी अपने विचार व्यक्त किये. स्वागत प्रचार मंत्री अरविंद ओझा ने किया. आभार अरविंद जावलेकर ने व्यक्त किया.

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