गर्भवती महिलाओं का वैदिक मंत्रो से संस्कार 

इन्दौर. जिला कलेक्टर के निर्देश पर महिला व बाल विकास परियोजना अधिकारी ने गायत्री शक्तिपीठ, केशरबाग से मिलकर म.प्र. शासन की नीति के अन्तर्गत 100 से अधिक महिलाओं का गर्भोत्सव संस्कार तथा 50 नन्हें बच्चो का मंगल दिवस (अन्नप्राशन संस्कार) कार्यक्रम वैदिक मंत्रों के साथ गायत्री परिवार की महिला कार्यकर्ताओं ने इन्दौर में सम्पन्न कराया जिसमें बडी संख्या में महिलाओं व बच्चों ने भाग लिया.
बाल विकास परियोजना अधिकारी सुशील चक्रवर्ती, महिला व बाल विकास विभाग अध्यक्ष रीता उपमन्यु तथा उपझोंन प्रभारी (गायत्री परिवार) श्री कृष्ण शर्मा तथा श्रीमती उषा तिवारी ने सामूहिक दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उक्त जानकारी देते हुए गायत्री परिवार ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक ट्रस्टी सजल तिवारी व श्रीमती निर्मला चौहान ने बताया कि, गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने गर्भवती महिलाओं के लिये एक कार्यक्रम ‘आओ गढे संस्कारवान पीढ़ीÓ शुरू किया है जिसके अन्तर्गत गर्भावस्था में शिशु का शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक विकास कर उसे मनचाहें सांचे में ढाला जा सकता है। उक्त बातों का समझकर जिला कलेक्टर के निर्देश पर महिला व बाल विकास परियोजना अधिकारी व गायत्री शक्तिपीठ, केशरबाग इन्दौर की कार्यकर्ता बहनों ने 100 महिलाओं का गर्भोत्सव संस्कार तथा 50 नन्हें बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार सम्पन्न कराया। इस अवसर पर गायत्री परिवार ट्रस्ट की संरक्षक सदस्य श्रीमती उषा तिवारी ने कहा कि स्वस्थ, प्रसन्न, सकारात्मक विचार एवं सन्तुलित-सात्विक आहार खाने वाली मां का बच्चा प्रसन्न, तनावमुक्त, व्यवहार कुशल, शांत व सही निर्णय लेने वाला समझदार एवं प्रत्येक क्षेत्र में सफल होता है। इसके विपरीत नकारात्मक सोच, कुपोषित एवं क्रोधी मां का बच्चा बीमार, चिडचिडा, रोने वाला, गुस्सेबाज, उदास, नासमझ तथा व्यवहारिक विकारों से ग्रस्त होगा।
गर्भकाल में ही हो जाता है मानसिक निर्माण प्रारंभ
गायत्री परिवार के उपझोन प्रभारी श्री कृष्ण शर्मा ने कहा कि गर्भकाल में ही बच्चे का मानसिक निर्माण आरंभ हो जाता है। यह प्रक्रिया हमें दिखाई नहीं देती। वैज्ञानिकों ने शोधो से प्रमाणित किया है कि गर्भ में बच्चा स्वाद लेना, सुनना, याद करना, समझना, खुश रहना, दर्द महसूस करना सीखता है व कई भाषाओं को भी सीखने की क्षमता रखता है. अत: गायत्री परिवार द्वारा गर्भवती महिलाओं का गर्भाधान संस्कार वैदिक मंत्रों के साथ किया जाता है. इसके साथ ही गर्भवती बहनों को नियमित व स्वस्थ दिनचर्या सिखाई जाती है. उक्त आयोजन में कुछ मुस्लिम कार्यकर्ता बहनों ने भी गर्भवती संस्कार कराने में बढ-चढकर हिस्सा लिया. संस्कार कार्यक्रम श्रीमती रचना कटरे, श्रीमती लक्ष्मी उपाध्याय, श्रीमती निर्मला चौहान, माधुरी जाधव आदि ने किया।

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