हर किसी की ज़ुबां पर हापुस का स्वाद छोड़ गया मेंगो जत्रा

इंदौर. शहरवासियों को नए व्यंजन और नए स्वाद से रू-ब-रू करवाना मराठी सोशल ग्रुप की पहचान बन चुका है. जत्रा ने जहां शहर को मराठी व्यंजनों का स्वाद चखाया वहीं मेंगो जत्रा ने लोगों को हापुस की मिठास बताई. मेंगो जत्रा के अंतिम दिन पोत्दार प्लाजा में उमड़ी भीड भी जत्रा की इस पहचान को मुहर लगा रही थी कि मराठी सोशल ग्रुप, स्वाद परोसने के लिए भी जाना जाता है.
मराठी सोशल ग्रुप ट्रस्ट के सुधीर दांडेकर और राजेश शाह ने बताया रविवार का दिन मेंगो जत्रा का सबसे खास दिन रहा. करीब साढ़े पांच हज़ार लोगों ने जहां नाममात्र का शुल्क चुकाकर हापुस आम का स्वाद लिया वहीं इसके खरीदारों ने शाम तक करीब 26 हज़ार दर्जन हापुस आम खरीदे. कुल 55 हज़ार दर्जन आमों की बिक्री मेंगो जत्रा के दौरान हुई. मेंगो जत्रा में हापुस आम के साथ ही आम से बने उत्पादों को भी बेहतर प्रतिसाद मिला. उपवास में काम आ सकने वाले आम का गुजरात छुंदा और कोकम सरबत सर्वाधिक पसंद किया गया. मराठी सोशल गु्रप ट्रस्ट के जयंत लोखंडे और तृप्ति महाजन ने बताया- किसानों के लिए लिए भी इस वर्ष का मेेंगो जत्रा उत्साहित करने वाला रहा. हापुस उत्पादकों ने अगले वर्ष और भी ज्यादा हापुस और बेहतर उत्पादों के साथ आने का वादा किया है.

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