- स्टेबिन बेन से लेकर अरिजीत सिंह तक: 2024 के यादगार लव एंथम देने वाले सिंगर्स पर एक नज़र!
- अक्षय कुमार और गणेश आचार्य ने "पिंटू की पप्पी" फ़िल्म का किया ट्रेलर लॉन्च!
- Sonu Sood Graced the Second Edition of Starz of India Awards 2024 & Magzine Launch
- तृप्ति डिमरी और शाहिद कपूर पहली बार करेंगे स्क्रीन शेयर - विशाल भारद्वाज करेंगे फिल्म का निर्देशन
- बॉलीवुड की अभिनेत्रियाँ जिन्होंने सर्दियों के स्टाइल में कमाल कर दिया है
देखभाल और जागरूकता से डायबिटीज़ के साथ ही जिंदगी बनेगी बेहतरीन
शहर में तैयार हो रहे है डाइबिटीज़ एजुकेटर्स
इंदौर. अचानक डायबिटीज़ का पता लगना किसी भी इंसान के लिए एक डराने वाला अनुभव हो सकता है. जीवनशैली से उपजी यह बीमारी इंसान की सामान्य जिंदगी को पूरी तरह बदल देती है. पसंदीदा खाना हो या गार्डनिंग, स्पोर्ट्स जैसा कोई शौक, आपको हर काम अपनी ब्लड शुगर और शारीरिक सामर्थ के अनुसार ही करना होता है.
यह बात किसी को भी परेशान कर सकती है. डाइबिटीज़ से पीडि़त लोगों में लो-ब्लड शुगर और पैरों की देखभाल भी बड़ी चुनौती होती है। छोटी-सी चोट विकराल रूप ले सकती है इसलिए हर समय बेहद सावधानी बरतने की जरुरत होती है. ऐसे में डाइबिटीज़ से पीडि़त लोगों की मदद करने के उद्देश्य से शहर में सीएचएल और मधुमेह चौपाल द्वारा डाइबिटीज़ एजुकेटर्स तैयार किए जा रहे हैं, जो लोगों को इस बीमारी के साथ जीवन को पहले की तरह सामान्य और खुशनुमा अनुभव बनाने के गुर सिखाएंगे.
पिछले चार सालों से चल रहे इस अभियान के तहत 20 डाइबिटीज़ एजुकेटर्स की बैच तैयार की जा चुकी है. डॉ संदीप जुल्का बताते है कि डाइबिटीज़ एजुकेटर्स का यह कोर्स एक साल की अवधि का होता है. हम सैकड़ों वर्ष पहले महर्षि आत्रेय द्वारा बताए गए सिद्धांत पर काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा था कि कोई भी चिकित्सा पद्धति तभी कारगर साबित हो सकती है जब चिकित्सक, दवा, मरीज और सेवा करने वाले यह चतुष्पद एक साथ मिलकर काम करें. डॉ. जुल्का कहते हैं कि हम इस बात में विश्वास रखते हैं कि उचित शिक्षा और जानकारी के माध्यम से डाइबिटीज़ के साथ जीवन जी रहे लोगों का जीवन बेहतर बनाया जा सकता है.