आयकर वसूली में भी नंबर बना इंदौर, इंदौर रीजन ने वसूले 2257 करोड़ रुपए

इंदौर. स्वच्छता में तो इंदौर देश में नंबर वन आ ही चुका है. अब इंदौर आयकर वसूलने में भी नंबर वन शहर हो गया है. वित्तीय वर्ष 2017-18 में आयकर विभाग इंदौर ने 2257 करोड़ रुपए कर वसूल किया है. पिछले वर्ष के मुकाबले यहां 34.09 प्रतिशत वृद्धि की है. जबकि नेशनल ग्रोथ रेट 18.5 प्रतिशत. यह ग्रोथ रेट राष्ट्रीय ग्रोथ से डबल है और लक्ष्य से भी अधिक वसूली की गई है.
यह जानकारी आयकर विभाग के मुख्य आयकर आयुक्त अरूण कुमार चौहान ने मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए हुए. श्री चौहान ने बताया कि आयकर वसूली के मामले में इंदौर ने मुबंई को भी पढ़ाई दिया. नंबर 2 पर मुंबई और तीन पर हैदराबाद है. इस वसूली में आयकर संग्रहण योजना और आयकर विस्तार योजना की प्रमुख भूमिका रही. इसे हमारे ऑफिस और स्टाफ ने बखूबी लोगों तक पहुंचाया और यह कर स्थान हासिल करने में मदद की. इसके साथ ही सीए एसोसिएशन और ट्रेड एसोसिएशन ने भी सराहनीय सहयोग किया. करदाता ने आगे बढ़कर जो सहयोग किया है वो भी सराहनीय है. श्री चौहान ने बताया कि वसूले गए आयकर में पर्सनल टैक्स 1218.40 करोड़ रुपए है. इसकी ग्रोथ पिछले वर्ष के मुकाबले 26.70 प्रतिशत है. पिछले वर्ष 961 करोड़ रुपए की वसूली की गई थी. कार्पोरेट टैक्स में 1038.36 करोड़ रुपए वसूले गए. इसकी ग्रोथ 45.89 प्रतिशत है. पिछले वर्ष 711.90 करोड़ रुपए की वसूली की गई थी.
दस लाख से अधिक करदाता हुए
श्री चौहान ने बताया कि इस कर वसूली में हमने आयकर विस्तार योजना के अतंर्गत
2 लाख नये करदाता जोड़े. इस तरह इंदौर रीजन में कुल 10 लाख से अधिक करदाता हो गए हैं जो अपने आप में रिकॉर्ड है. वहीं आयकर संगग्रहण योजना में हमने स्ट्रेटजी बनाई जिसका इंदौर परिक्षेत्र के सभी 16 जिलों में पालन कराया गया.  हमने पब्लिसिटी भी की और कॉन्फ्रेस कर लोगों को जागरूक भी किया. जो डेटा था उससे डिफाल्टर की जानकारी निकाली. 104 सर्वे किए और 22 रिकवरी सर्वे किए. दो लोगों को जेल भी भेजा. 55 लोगों पर केस भी लगो. इस वजह से हम लक्ष्य से अधिक वसूली कर पाए.
सरकारी कार्यालयों से भी करेंगे संपर्क
श्री चौहान ने बताया कि इस सफलता के बाद वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अब मैं आयकर प्रवर्तन योजना लागू करने वाला हूं.  इसके अतंर्गत पूरे साल इअसेसमेंट किए जाएंगे. इसके अलावा आयकरदाता विस्तार योजना-2 लागू करने जा रहे हैं. इसमें हमारे पास जो भी डाटा है उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे. वही बाहर से भी डाटा लिया जाएगा.  इसमें शॉप एंड असेस्मटेंट टैक्स, फैक्ट्री डाटा और जीसटी का डाटा भी लिया जाएगा. हम सरकारी दफ्तरों में भी कैम्प लगाएंगे. सभी सरकारी कार्यालयों को चिट्ठी लिखी है जिनकी सैलेरी 2.50 लाख से ऊपर है उनकी जानकारी दें.

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