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ऑडिशन देकर भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है: ऋषि
इंदौर. ऑडिशन देकर भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है. मुझे कैमरा फेस करने का आत्मविश्वास तो था लेकिन लोगों से ज्यादा बात करने का अनुभव नहीं था. मैंने यहां किस तरह लोगों से कैसी बात करना है यह भी सीखा. यहां आकर मैं केवल अपने काम पर ध्यान देता था इसके अलावा किसी पर नहीं क्योंकि पैरेंन्ट्स ने सिखाया है कि हमेशा अपने काम पर ध्यान दो.
यह कहना है अभिनेता ऋषि देव. वे शुक्रवार को शहर थे. उन्होंने होल्कर स्टेडियम में मुंबई इंडियंस और किंग्स इलेवन पंजाब के मैच का स्टार प्लस के की प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागी के साथ आनंद लिया. ऋषि वर्तमान में स्टार प्लस के शो ये रिश्ता क्या कहलाता है में नक्श की भूमिका निभा रहे हैं. मैच को लेकर नक्श ने कहा कि दोनों ही टीमें मेरी फेवरेट है क्योंकि मैं पंजाब का रहने वाला हूं और मेरी कर्मभूमि मुंबई है. इसलिए दोनों टीमों को चियरअप कर रहा हूं. क्रिस गेल, रोहित शर्मा और हार्दिक पंड्या मेरे फेवरेट प्लेयर है. वैसे में बेसबाल खेलना पसंद करता हूं और येकिंज मेरी फेवरेट टीम है. मैं जलंधर से हूं. मैंने 5 साल की उम्र से ही अभिनय करना शुरू कर दिया था क्योंकि मेरे पापा का प्रोडक्शन हाउस है. जब वे सुदेश लहरी के साथ एक एपिसोड बना रहे थे तो उसमें ही उन्होंने मुझे भी ले लिया. तभी से मुझे भी मौका मिल गया. मैंने इस दौरान कई प्रोग्राम किए. मैं पढ़ाई के बाद मुंबई आ गया. यहां मैंने पापा की पहचान का कोई इस्तेमाल नहीं किया और न ही उन्होंने काम दिलाने में कोई मदद की. इसके अलावा उनका पूरा सहयोग रहा. मैंने भी अन्य कलाकारों की तरह ऑडिशन दिए. शुरू में कई ऑडिशन दिए फिर भी मैं सिलेक्ट नहीं हुए. मैंने हिम्मत नहीं हारी मैं ऑडिशन देता रहा और मुझे सफलता मिल ही गई. ऋषि ने बताया कि पिताजी शुरू से एक्टिंग फील्ड से जुड़े थे. उनसे एक्टर और सिंगर मिलने आते रहते थे. उनके काम को भी देखता रहता था. इसलिए मैंने एक्टिंग मैं जो भी सीखा देखकर और आब्जर्व करके सीखा. इसके अलावा मैं एडिटर भी हूं ब्लाग भी बनाया है. उसके लाखों व्यू मिलते है. हम कुछ न कुछ बनाते रहते हैं. भविष्य मैं में एक्टिंग के साथ डायरेक्शन भी करना चाहता हूं.
ऋषि ने कहा कि आज डिजिटल मीडिया बहुत बड़ा हो गया है. इसका कारण है कि लोग टीवी देखने में ज्यादा समय नहीं दे सकते. इसलिए वे मोबाइल पर ही देखते हैं. धीरे-धीरे यह बड़ा मार्केट बनते जा रहा है. जो स्थितियां बन रही है आने वाले समय में डिजिटल भी टीवी के बराबर हो जाएगा. मैं वर्तमान पर ध्यान देता हूं. फ्यूचर की प्लानिंग नहीं करता. आगे क्या करना है इसके बारे में मैंने अभी कुछ भी नहीं सोचा है. जो कर रहा हूं उसी पर ध्यान दे रहा. टीवी पर लंबा समय हो गया है. मुझे लगता है कि मैं अभी बॉलीवुड के लिए तैयार नहीं हूं क्योंकि अभी मैं सीख रहा हूं. मेरा मानना है जितना सीखो उतना काम है. ऋषि ने कहा कि जो भी अभिनय के क्षेत्र में आना चाहते हैं वे अपने माइंड को ओपन रखे. जब भी आए बेस तैयार करके और सीखकर आएं. यहां बहुते से लोग आपसे सीखेंगे भी और सिखाएंगे भी. वर्कशॉप में हिस्सा लेते रहें. किसी को देखकर सीखें भी लेकिन कॉनी न करें. इसमें आप अपनी पहचान खा देंगे.