- CoinDCX के पहले मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र में अभूतपूर्व भागीदारी देखी गई, 5.7 मिलियन यूएसडीटी वॉल्यूम के साथ संवत 2081 का जश्न मनाया गया
- जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया ने सालाना 31 प्रतिशत वृद्धि के साथ अक्टूबर में 7045 यूनिट की बिक्री का बनाया रिकॉर्ड
- Jsw mg motor india records sales of 7045 units in october 2024 with 31% yoy growth
- Did you know Somy Ali’s No More Tears also rescues animals?
- Bigg Boss: Vivian Dsena Irked with Karanveer Mehra’s Constant Reminders of Family Watching Him
किरदार बड़ा नहीं प्रभावी होना चाहिए: रंजीत
इंदौर. मैंने अभी तक के करियर में अधिकतर निगेटिव किरदार ही किए है. हांलाकि मैंने किसी भी तरह के रोल करने को लेकर कोई प्लानिंग नहीं की थी. मेरा कोई गॉडफादर नहीं था इसलिए जो मुझे मिला वो मैंने स्वीकार किया. मेरी सोच यही थी कि किरदार जरूरी नहीं कि बड़ा हो लेकिन प्रभावी जरूर होना चाहिए. कई फिल्मों मे मेरे किरदार छोटे थे लेकिन वे प्रभावी भी थे.
यह कहना है अपने जमाने के मशहूब विलेन अभिनेता रंजीत का. वे रविवार को इंदौर में बन रही फिल्म प्रथम हिंद केसरी की शूटिंग के लिए इंदौर में थे. रंजीत ने भले ही पर्दे पर नकारात्मक किरदार निभाए हो लेकिन वे रियल लाइफ में हंसमुख और जिंदादिल इंसान है. उन्होंने चर्चा में अपने जीवन से जुड़ी कई बातें साझा की. चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि मैं अमृतसर से हूं लेकिन दिल्ली पलाबढ़ा हुआ. कॉलेज के दिनों में फुटबाल खेला करता था इसलिए फिट हुआ करता था. फिल्मों में जाने का तो दिमाग में था ही नहीं. कॉलेज के दिनों में ही दोस्तों से चर्चा में एयरफोर्स में जाने का सोचा. उसमें सिलेक्शन हुआ भी लेकिन इंस्ट्रक्टर की गलतफहमी के कारण बात आगे नहीं बढ़ पाई. ट्रेनिंग के लिए कोयंबटूर गये थे लेकिन वापस दिल्ली लौट आए. उन्हीं दिनों दोस्त के यहां पार्टी थी तो वहां गया. वहां पर अंकल के एक दोस्त थे उन्होंने मुझे देखा और फिल्मों में काम करने का ऑफर दिया. उनका नाम रॉनी था और उनकी इंडस्ट्री में अच्छी पकड़ा उनके कहने पर घरवालों से झूठ बोलकर मुंबई आ गया हालांकि मेरे दिमाग में कुछ फ्रॉड की बातें भी घूम रही थी. हालांकि जहां उन्होंने मुझे अपने साथ रूकवाया वहां चेतन आनंद और अन्य बड़े कलाकारों से मिला तो गलतफहमी दूर हुई. उन्होंने एक फिल्म ऑफर की हांलाकि किसी कारण वह नहीं बन पाई. लेकिन इस दौरान मैं कई बड़े कलाकारों से मिल चुका था. सुनील दत्त साहब ने मुझे हार्स राइडिंग सिखवाई. उन्हें मेरी फिटनेस पसंद थी. उन्होंने मुझे रेशमा और शेरा में एक रोल ऑफर किया और इसी दौरान मोहन सहगल ने फिल्म ऑफर की. इसी दौरान जर्मनी में एक काम करने का अवसर भी था. मैं बिल्डिंग की लिफ्ट में जा रहा था तभी मैंने फिल्मों में काम करने का निर्णय लिया और मेरा फिल्मी करियर शुरू हो गया. मेरा नसीब मुझे अभिनय में ले आया जबकि मैंने सोचा नहीं था. मेरा असली नाम गोपाल बेदी था जिसे सुनील दत्त ने बदलकर रंजीत कर दिया.
हर व्यक्ति में होता है अभिनय
रंजीत ने बताया कि मैंने कभी अभिनय नहीं सीखा. मेरा मानना है कि हर व्यक्ति के अंदर एक अभिनेता छुपा होता है क्योंकि सभी के अंदर इमोशन होते हैं. अभिनय नैसर्गिक ही होना चाहिए. दिल से जो निकलता है वह वास्तविक अभिनय होता है. बाकि चीजों के फिर सीखकर निखारा जा सकता है.
फिल्म मेकिंग को किया एंजॉय
रंजीत ने बताया कि मैं लगभग हजार फिल्मों में काम किया है. जब अपने काम से बोर हो गया तो प्रोडक्शन भी शुरू किया और दो फिल्म भी बनाई. मैंने फिल्म मेकिंग को एक्टिंग से ज्यादा एंजॉय किया क्योंकि मैंने अपने अनुसार उसमें काम किया. मुझे कई लोगों से शाबासी भी मिली. इसके बाद टेलीविजन भी किया. उसमें भी मुझे पहचान मिली. टीवी भी आज बड़ा माध्यम हो गया है.