स्टोरी टेलर के रूप में बनाना है पहचान: मुक्ति

इंदौर, 27 जून. मुझे शुरू से ही कहानियों से लगाव है. कहानियां सुनना, पढऩा और उसका हिस्सा बनने में मुझे मजा आता है. हमें कहानियों के किरदार के माध्यम से दूसरी जिंदगी जीने का मौका मिलता है. मेरी खुद की पहचान एक स्टोरी टेलर के रूप में बनाना चाहती हूं फिर वह डांसिंग हो, एक्टिंग या फिर अन्य माध्यम.
यह कहना है डांसर और अभिनेत्री मुक्ति मोहन का. मुक्ति स्टार प्लस के शो दिल है हिन्दुस्तानी को होस्ट कर रही है. वे एक उभरते हुए नये इंटरनेशनल टैलेंट रूस की प्रतिभागी करीना शोमाखोवा के साथ शहर में इस शो के बारे में बात करने पहुंचीं.
मुक्ति ने कहा कि मैं इस शो में आई प्रतिभाओं और परफॉर्मेंस से पूरी तरह रोमांचित हूं. शो में लोग पूरी दुनिया से आ रहे हैं. खासियत यह है कि उन्हें भले ही हिन्दी भाषा न आती हो लेकिन सुर का ज्ञान होना जरूरी है. मुझे यह देखकर हैरानी हो रही है कि लोग पूरी दुनिया से आ रहे हैं और भारतीय संगीत के प्रति अपना प्यार जता रहे है. इस शो की खासियत भी यही है कि बाहर के लोग भी भारतीय संगीत में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. चूंकि, होस्ट के तौर पर यह मेरा डेब्यू शो है, इसलिये मैं बहुत ही उत्सुक हूं.

पहली बार कर रही डिफरेटं जोनर
मुक्ति ने बताया कि मुझे शो में होस्ट के रूप में इसलिए लिया क्योंकि शो वाले चाहते थे जो भी होस्ट हो वह रियल हो और ऑडियंस से कनेक्टेड हो. साथ ही खास बात यह रही कि राघव मेरे को-होस्ट और अच्छे दोस्त भी है. इसलिए भी मैंने हां की. शो के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं की. इसमें मेरा थियेटर का तजुर्बा काम आया. पहली बार यह डिफरेंट जोनर है मेरे लिए. इसमें हमें पूरी तरह मूवमेंट रखना होता है और दर्शकों से कनेक्ट रहना पड़ता है.
स्कॉलरशिप से सीखा डांस
मुक्ति ने बताया कि मुझे बचपन से ही लाइव ऑडियंस के बीच जाना अच्छा लगता है. अंधेरे हॉल में जब लाइट मुझे पर होती है तो मुझे अच्छा लगता है और उसके बाद दर्शकों की प्रतिक्रिया मुझे खुशी देती है. तीन प्ले है जो मैं लगातार कर रही हूं. मैं बचपन से ही डांसिंग कर रही हूं. हांलाकि हम शुरू में इतने सक्षम नहीं थे कि डांस सीखने की फीस भर सके. लेकिन मैं कॉन्टेस्ट जीतते रहती थी तो मुझे प्राइज मिल ही जाता था. इसी तरह मुझे टैरेंस लुईस एकेडमी की स्कॉलरशिप मिली तो मैंने वहां डांस सीखा. भारतनाट्य और बैले में ट्रेंड हूं. फिर मैंने अभिनय में भी हाथ आजमाया. अभी मैंने वेबसीजिर भी है. मुझे उसमें कॉमेडी जोनर के ऑफर आ रहे हैं.
थियेटर से आता है कला में निखार
मुक्ति ने कहा कि पिछले तीन साल से थियेटर कर रही हूं. थियेटर करने का मकसद यह रहा कि इस आपकी कला में निखार आता है. इसमें आवाज, बॉडी पॉश्चर और एक्सप्रेश को बारीकि से सीखने को मिलता है. जबकि टीवी में तो एडिट और रिटेक का मौका मिल जाता है. साथ ही लाइव ऑडियंस से भी कनेक्ट होने का मौका मिलता है.
रशिया में सभी को पसंद हैं बॉलीवुड
शो की पार्टिसिपेंट करीना शोमाखोवा ने चर्चा में बताया कि मैं रशिया से हूं. रशिया में बॉलीवुड फिल्मों को बहुत पसंद किया जाता है. मेरे दादाजी भी राजकपूर के फैन है. इसलिए वे भारत आए और यहां से पहले से ज्यादा प्यार हो गया. हमारे घर में सभी बॉलीवुड मूवी देखते हैं. दादाजी ने हमें भारत के बारे में सुनकर मैंने भी सो लिया मैं भारत जाऊंगी. मैं बॉलीवुड के गाने देखकर उनकी प्रेक्टिस किया करती थी. जब मेरा ग्रेजुएशन पूरा हुआ तो मैंने मम्मी-पापा को भारत आने के लिए कहा. इस बात पर वे चिंतित हो गये कि मैं भारत में कैसे रहूंगी क्योंकि मुझे तो हिंदी भी नहीं आती थी. पर कुछ समय बाद वे मान गए और मैं यहां आ गई. यहां आकर मैंने दोस्तों और प्रेक्टिस कर हिंदी सीखी. मैंने ऑडिशन भी दिए और मुझे एक गाना भी मिला जो जल्द ही रिलीज होगा. मुझे खुशी इस बात की है कि जिस शो में ऑडियंस के रूप में थी आज इसकी प्रतिभागी हूं. मेरा मानना है कि कोई काम पूरी तरह मन लगाकर काम करो तो सफलता जरूर मिलती है. 

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