माँ ने 2 माह के नवजात शिशु के साथ कोरोना को किया परास्त

70 वर्षीय अनार बाई के साथ 20 मरीज़ इंडेक्स अस्पताल से पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौटे

इंदौर. अब तक हम यह सुनते आए है कि इस दुनिया मे माँ से बड़ा कोई योद्धा नही होता इसी बात का जीता जागता उदाहरण इंडेक्स अस्पताल में देखने को मिला जहाँ इंदौर निवासी एक माँ अपने 2 माह के शिशु के साथ कोरोना संक्रमित होने के बाद इंडेक्स अस्पताल में भर्ती हुई लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा विशेष देखभाल एवं उचित इलाज मिलने के बाद आज 14 दिन बाद वह पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर लौट रही है।

साथ ही इंडेक्स अस्पताल से एक साथ 20 मरीज़ों को सफल उपचार के पश्चात स्वस्थ कर अपने घर भेजा गया। इस सफलता का श्रेय इंडेक्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव, नोडल अधिकारी डॉ. सुधीर मौर्या, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ.संतोष दुबे, डॉ तन्वी परांजपे, डॉ नय्यर,डॉ रविजा प्रसाद और उनके सुपरविज़न में काम कर रहे साथियों को जाता है।

तालियां बजाकर एवं पुष्प वर्षा कर मरीज़ों को विदा किया गया

27 वर्षीय किरण सोलंकी ने बताया कि वह संक्रमित हुई थी तो काफी डरी हुई थी क्योंकि उनके साथ उनका 2 माह का बच्चा भी था लेकिन अस्पताल प्रबन्धन के जज्बे को देख कर उनमें भी जोश और सकारात्मक ऊर्जा आने लगी जिसके बाद आज वह कोरोना को हराकर अपने घर लौट रही है।

70 वर्षीय बुजुर्ग अनार बाई भी कोरोना को मात देने में सफल रही उन्होंने नम आंखों से अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टर्स को आशीर्वाद दिया। डिस्चार्ज हुए मरीजों को शुभकामनाएं देने के लिए अस्पताल प्रबंधन मौजूद था उन्होंने सभी मरीज़ों का तालियां बजाकर सम्मान किया एवं सभी को शुभकामनाएं दी।

इंडेक्स अस्पताल, मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च सेंटर के चैयरमेन श्री सुरेश सिंह भदौरिया ने कहा इंडेक्स अस्पताल में मरीज़ों को नियमित उपचार के साथ-साथ सकारात्मक माहौल भी मिलता जिस से धीरे-धीरे उनका डर खत्म होंने लगता है इसके साथ ही हम सभी मरीज़ों को योग के साथ व्यायाम भी करवाते है जिसके फलस्वरूप इंडेक्स से बड़ी संख्या में मरीज़ पूर्णतः स्वस्थ हो कर घर लौट रहे है उनके चेहरे की मुस्कुराहट ही हमारी मेहनत का उपहार है।

इंडेक्स अस्पताल, मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च सेंटर के वाइस चेयरमैन श्री मयंकराज सिंह भदौरिया ने बताया इस मौके पर सभी स्वस्थ मरीज़ों को शुभकामनाएं देना चाहता हूँ आज इंडेक्स से 20 मरीज़ स्वस्थ होकर घर लौट गए। हमारे डॉक्टर और उनकी टीम की लगातार मेहनत और लगन का ही यह परिमाण है कि हम निरतंर सफलताएं हासिल कर पा रहे है।

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