कोरोना की अधिकतम टेस्टिंग फीस 2500 रुपए तय

जिला प्रशासन द्वारा सम्भावित कोरोना मरीजों की टेस्टिंग दर निर्धारित

शासकीय व निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिये जिला प्रशासन द्वारा मापदण्ड निर्धारित

इंदौर. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद रविवार को  कलेक्टर मनीष सिंह ने सम्भावित कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिये टेस्टिंग फीस अधिकतम 2500 रूपये निर्धारित की है तथा उन्होंने शासकीय निजी और अनुबंधित अस्पतालों में भर्ती मरीजों के डिस्चार्ज करने के मापदण्ड तय किये है। उन्होंने यह कार्यवाही भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा-144, महामारी ऐेक्ट-1897 तथा मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी निर्देशों के तहत की है।

वर्तमान में इन्दौर जिला कोरोना संक्रमण से प्रभावित है तथा विभिन्न शासकीय, अनुबंधित एवं निजी अस्पतालों में कोविड +ve एवं संभावित कोविड मरीजों का इलाज प्रचलित है। समय-समय पर इस प्रकार की शिकायत मिलती है कि इन्दौर जिले के रहवासियों द्वारा कोविड टेस्ट के तहत निजी लैब में जब टेस्टिंग कराई जाती है, तब उसमें टेस्टिंग को लेकर प्रति टेस्टिंग राशि अत्यधिक वसूल की जा रही है तथा इसी प्रकार निजी अस्पतालों में भी सर्जरी के पूर्व मरीजों से कोविड टेस्टिंग के नाम पर अधिक राशि के बिल बनाए जा रहे हैं।

इसी प्रकार यह भी शिकायतें प्राप्त हो रही है कि मरीजों को निजी अस्पताल में ठीक होने पर भी रखा जाता है, जिससे मरीजों को डिस्चार्ज होते समय अत्यधिक राशि के बिल प्राप्त होने पर देनी होती है। इन विषयों के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा इन्दौर मेडिकल एसोसिएशन के चिकित्सकों से चर्चा की गई।

इन्दौर जिले में स्थित सभी ऐसी निजी लैब, जो कोविड टेस्टिंग के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से लाइसेंस प्राप्त है, अब प्रति कोविड टेस्टिंग रूपये 2500/- से अधिक नहीं होगा, अर्थात् प्रत्येक कोविड मरीज की टेस्टिंग अधिकतम रूपये 2500/- के मान से की जायेगी, जिसमें घरों से कलेक्शन चार्जेज भी सम्मिलित रहेंगे।

कोविड मरीजों का इलाज कर रहे किसी भी अस्पताल में चाहे वह शासकीय हो या अनुबंधित हो, अथवा निजी हो, या अस्पताल कोविड+ve मरीजों की सैम्पलिंग एवं टेस्टिंग अस्पताल में भर्ती मरीज की नहीं कर सकेंगे। केवल गम्भीर रूप से कोविड +ve मरीजों की सेम्पलिंग एवं टेस्टिंग अस्पताल प्रबंधन द्वारा निजी लैब से करवाई जा सकेगी।

ऐसे कोविड+ve मरीज जो अस्पताल में भर्ती है तथा उनमे लक्षण नहीं है या ऐसे मरीज, जिनमें हल्के लक्षण थे, किन्तु वे लक्षण 3 दिन के भीतर समाप्त हो गए तथा उन्हें कोई बुखार आदि नहीं है एवं उन्हें आक्सीजन की आवश्यकता भी नहीं होने से उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज करते हुए प्रशासन के द्वारा संचालित होम आइसोलेशन व्यवस्था के तहत तत्काल घरों में शिफ्ट किया जा सकेगा।

अर्थात ऐसे लगभग ठीक हो चुके मरीजों को 10 दिवस तक अनिवार्यतः अस्पतालों में भर्ती नहीं रखा जा सकेगा तथा उन्हें प्रशासन की होम आईसोलेशन के कंट्रोल रूम के निम्न दो डॉक्टर में से किसी भी एक से संपर्क कर होम आइसोलेशन एप तथा प्रशासन की रैपिड रिस्पांस टीम से जोड़ते हुए उनके घरों में शिफ्ट कर आगे का इलाज घरों में ही किया जा सकेगा।

होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम के निम्न दो डॉक्टर से अस्पताल प्रबंधन द्वारा नामांकित व्यक्ति फोन पर संपर्क स्थापित कर मरीज को अस्पताल से उनके घर शिफ्ट किया जायेगा। जरूरत पड़ने पर कोई भी मरीज या उसके परिजन इस संबंध में डॉ बी एस शेखावत – मोबाइल नंबर-9425101323 और डॉ महेश कुमार खरचिया- मोबाइल नंबर-7974926703 से सम्पर्क कर सकता है। 

यह व्यवस्था इसलिए की जा ही है कि ताकि एक ओर अनावश्यक रूप से मरीजों को अस्पताल में रखकर उनके बिल न बढ़े तथा दूसरी ओर अस्पतालों के विस्तार अन्य मरीजों के लिए तत्काल रिक्त हो सके। उक्त श्रेणी के मरीजों को डिस्चार्ज करते समय मरीज की को-मोर्बीडीटी के संबंध में भी आवश्यक सावधानियों रखना होगा।

इस कार्य में प्रशासन की ओर से चीफ कोआर्डिनेटर का कार्य प्रोफेसर, एमजीएम मेडीकल कालेज डॉ. हेमंत जैन मोबाइल नंबर-9827052853 करेंगे तथा इनकी सहायता के लिए डॉ. सुनील गंगराड़े मोबाइल नंबर 9425361527 रहेंगे ये टीम अस्पताल एवं होम आइसोलेशन दल के मध्य आवश्यक सामंजस्य बनाये मध्यम लक्षण वाले ऐसे कोविड+ve मरीज जिनमें 3 दिन तक बुखार या अन्य लक्षण नहीं है तथा बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के ऑक्सीजन सैच्युरेशन निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप है, ऐसे मरीजों को भी तत्काल प्रशासन के होम आइसोलेशन एप में स्थानांतरित करते हुए अस्पताल से डिस्चार्ज कर उनके घर भेजा जाकर आगे का इलाज घर में ही किया जा सकेगा।

 यह कार्यवाही भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा डॉक्टरों के उक्त दल से सामंजस्य  कर ही की जा सकेगी। होम आइसोलेशन एप पर ऐसे मरीजों को उनकी सैम्पलिंग दिनांक से 10 मे दिन पड़ने वाली तारीख, पर परीक्षण कर मरीज में सभी मेडीकल पैरामीटर्स सामान्य होने पर होम आइसोलेशन दल द्वारा डिस्चार्ज किया जा सकेगा। किन्तु होम आइसोलेशन में डिस्चार्ज के समय संबंधित डॉक्टर द्वारा बारीकी से स्वस्थ होने संबंधी जॉच अवश्य कर ली जायेगी।

अगर कोई मरीज किसी अस्पताल में भर्ती है तथा यह स्वयं मौखिक या लिखित सहमति देकर किसी अन्य अस्पताल में जाना चाहता है तो संबंधित अस्पताल प्रबंधन उस मरीज को आवश्यक सहयोग देकर उसे शिफ्ट होने की अनुमति देंगे, ताकि मरीज अपने वांछित अस्पताल में जाकर अपना आगे का इलाज जारी रख सकें।

  कोविड+ve मरीजों को कोई ऐसी दवाइयों की आवश्यकता पड़ती है, जिसमें उनके स्वयं के व्यय से अस्पताल प्रबंधन को उपलब्ध कराना होती है, इन परिस्थितियों में विशेष किस्म की दवाइयों को बाहर मार्केट से अथवा अस्पताल प्रबंधन से दोनों विकल्प से लेने की छूट मरीजों को रहेगी। अस्पताल प्रबंधन किसी दवाई विशेष को मरीजों के परिजनों को उनके अस्पताल से ही खरीदने हेतु दबाव नहीं डाल सकेंगे।

कोई भी अस्पताल बिना लक्षण के कोविड+ve मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं रख सकेगा । ऐसे मरीज, प्रशासन की होम आइसोलेशन एप के तहत उपचारित किए जाएंगे अथवा प्रशासन के कोविड केअर सेंटर में रहकर अपना स्वास्थ्य लाभ ले सकेंगे।

 इन सभी निर्देशों का पालन करना सभी संबंधित स्थानों एवं व्यक्तियों के लिए बाध्यकारी है। इसका उल्लंघन किए जाने पर प्रावधानों के तहत दण्डात्मक कार्यवाही उल्लंघनकर्ताओं के विरूद्ध की जायेगी। उक्त आदेश निजी लैब, निजी अस्पताल, शासकीय अस्पताल एवं शासन द्वारा अनुबंधित सभी अस्पतालों में प्रभावशील रहेगा। यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू हो गये है।

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