प्रदेश के एमएसएमई उद्योगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनेगी नई उद्योग नीति

उद्योगमंत्री ने की उद्योग संगठनों से चर्चा

एसोसिएशन आॅफ इंडस्ट्रीज मध्यप्रदेश के अध्यक्ष श्री प्रमोद डफरिया एवं मानद सचिव श्री सुनील व्यास ने बताया कि आज रेसीडेंसी कोठी पर प्रदेश के एमएसएमई मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने यहां के औद्योगिक संगठनों को आमंत्रित कर एमएसएमई से संम्बध्द विभिन्न मुद्दो पर चर्चा की।

मंत्री जी से एसोसिएशन आॅफ इंडस्ट्रीज मध्यप्रदेश के अध्यक्ष श्री प्रमोद डफरिया ने चर्चा करते हुए एमएसएमई उद्योगों के विकास एवं उन्नयन से संबंधित एक प्रतिवेदन दिया। आपने मंत्रीजी को बताया कि यहा के उद्योगों पर दोहरा करारोपण हो रहा है जहां एक ओर जिला उद्योग केन्द्र संधारण ‘ाुल्क तो नगर निगम सम्पत्तिकर ले रहा है जिससे उन पर दोहरा आर्थिक भार आ रहा है इसके लिए एकीकृत कर प्रणाली होना चाहिए।

आपने आगे बताया कि नगर निगम द्वारा अब उद्योगों से खुली जमीन पर भी टैक्स लेने की तैयारी कर ली है जबकि उद्योग लीज होल्ड जमीन पर कार्य करते है एवं ‘ाासकीय नियमों के तहत ही 40 प्रतिशत निर्माण अनुमति के अनुसार सम्पत्ति का निर्माण करते है उद्योगों को निर्माणी सम्पत्ति पर टैक्स देने में कोई आपत्ति नही है लेकिन खुली भूमि पर कर दायित्व ‘ाासन का होना चाहिए। इसके लिए सुझाव रखा गया कि लीज की जमीनों को फ्री होल्ड कर दिया जावे तो यह आपत्ति भी खत्म हो जावेगी। अतः एसोसिएशन ने इस विसंगतिपूर्ण मामलेे में माननीय जी का हस्तक्षेप आवश्यक बताया है।

आपने नये औद्योगिक क्षेत्रों का विकास ‘ाहरी क्षेत्रों के आसपास ही करने का आग्रह मंत्रीजी से किया जिससे की सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों व रोजगार के लिए श्रमिकों की पहंुच आसान हो सके। निजी औद्योगिक क्षेत्रों को सुविधा सम्पन्न बनाने, पालदा औद्योगिक क्षेत्र के समग्र विकास एवं सामान्य औद्योगिक क्षेत्र के रूप में इस औद्योगिक क्षेत्र को अधिसूचित करने, स्टॉम्प ‘ाुल्क की अधिकता को कम करने व अन्य राज्यो के समान प्रदेश में 1000 रू. स्टॉम्प ‘ाुल्क करने तथा बैंक ट्रांसफर व मॉडगेज के समय पुनः उतनी ही स्टॉम्प डयूटि नही लेने जैसे मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की गई।

मानद सचिव श्री सुनील व्यास ने इंदौर को एक बडा एग्झीबिशन संेटर देने तथा उद्योग आयुक्त के पद पर अलग से अधिकारी की नियुक्ती की मांग रखी। वही श्री राजकुमार मौर्या ने राज्य के एमएसएमई को मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम की टेंडर प्रक्रिया में वरियता देने का आग्रह किया।

माननीय मंत्री जी ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि एमएसएमई को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हम जल्द ही नई नीति बनाने पर विचार कर रहे है तथा यह बैठक उसी तारतम्य में आयोजित की गई है। जब नीति संबधीत मुद्दे तैयार होगे तब पुनः आप उद्योग संगठनों के साथ बैठक आयोजित कर चर्चा करेगे। दोहरे करारोपण के मुद्दे पर आपने विचार करने के प्रति आश्वस्त किया।

आपने उद्योगों से कहा कि आप जितने क्लस्टर बनाने चाहते है हमसे मांगे हम बनाने को तैयार है। आपने जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक के अधिकारों को भी बढाने की बात कही जिससे उद्योगों का कार्य आसान हो सकेगा। निर्यात प्रोत्साहन के मुद्दे पर आपने बताया कि गुंजरात में पोर्ट के पास प्रदेश सरकार ने जमीन ली है इससे निर्यातक उद्योगों का कार्य आसान होगा।

मंत्री जी ने कहा कि चर्चा में कई मुद्दे स्थानीय स्तर के है उनका समाधान जल्द कराने का प्रयास होगा तथा जो नीतिगत मुद्दे है उनका प्रतिपरिक्षण कर नई उद्योग नीति में समावेश किया जावेगा। कन्फेक्शनी क्लस्टर के लिए आपने 30 दिन के भितर ही परिणाम देने का उद्योगों को भरोसा दिलाया।

आपने बताया की मै स्वंय एजुकेशन इन्स्टीटयूट में जाकर चर्चा करूंगा जिससे की उद्योगोंे को प्रशिक्षण उपरांत स्कील लेबर मिल सकेगे। आपने उपस्थित उद्योगजगत को राज्य सरकारी ओर से पूर्ण सहयोग देने का भरोसा दिलाया तथा यह आश्वस्त किया कि 3 माह बाद हम पुनः चर्चा करेगें उसमें आपको इनमें से कई मुद्दो का निराकरण होने का अनुभव प्राप्त होगा।

बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री प्रमोद डफरिया, मानद सचिव श्री सुनील व्यास, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री प्रकाश जैन, उपाध्यक्षद्वय श्री योगेश मेहता एवं श्री दिलीप देव, सहसचिव श्री तरूण व्यास, श्री हरीश नागर, श्री अनील पालीवाल, श्री अनील जोशी, श्री राजकुमार मौर्या, श्री प्रमोद जैन, श्री इश्वर बाहेती आदि अन्य उपस्थित हुए।

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