एकाउंट्स के फ़ाइनलाइजेशन में बरतना होगी सावधानी 

इंदौर सीए शाखा द्वारा जीएसटी एवं इनकम टैक्स पर सेमिनार संपन्न
इंदौर. द इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड अकाउंटेंट की इंदौर शाखा एवं टैक्स प्रैक्टिशनर एसोसिएशन के संयुक्त तत्त्वाधान में जीएसटी एवं इनकम टैक्स के महत्वपूर्ण प्रोविजन पर सेमिनार का आयोजन किया गया.
इंदौर सीए शाखा के चेयरमैन सीए अभय शर्मा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि जीएसटी को लागू हुए पूरा एक वर्ष हो गया है एवं आयकर रिटर्न में भी जीएसटी से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी मांगी गयी है. अत: प्रोफेशनल्स को बुक्स ऑफ एकाउंट्स के फ़ाइनेलाइजेशन के समय अतिरिक्त सावधानी बरतना होगी.
सीए शर्मा ने कहा की यदि किसी करदाता ने ट्रांस वन एवं ट्रांस टू फॉर्म फाइल कर जीएसटी की क्रेडिट ली है तो उसका लाभ हानि खाते में उचित समायोजन कर दिया गया है; यह सुनिश्चित करना होगा. सीए रजत धानुका ने आयकर रिटर्न फायलिंग, टैक्स ऑडिट एवं कंपनी ऑडिट करते समय जीएसटी के ऐसे कौन-कौन से प्रावधानों का विशेष ध्यान रखना होगा, विषय पर प्रेजेंटेशन देते हुए बताया कि इस वर्ष हमें तीन बैलेंस शीट बनानी होगी.
एक प्रथम तिमाही वैट एवं सर्विस टैक्स असिसमेंट के लिए दूसरी जुलाई से मार्च कि जीएसटी के अनुसार एवं आयकर एवं कंपनी अधिनियम के अनुसार पुरे वर्ष की.  टैक्स प्रक्टिशनसर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सीए विक्रम गुप्ते ने वक्ताओं का स्वागत किया  एवं अंत में आभार प्रदर्शन सीए मनोज गुप्ता द्वारा किया गया.

बढ़ गई है सीए की जिम्मेदारी

टैक्स ऑडिट विषय पर सीए पंकज शाह ने अपने उद्बोधन में कहा कि विभाग की मंशा अब टैक्स ऑडिट के आधार पर असेसमेंट की है. इसलिए अब सीए की जिम्मेदारी बढ़ गई है. अब जो भी व्यापारी या पेशेवर व्यक्ति ऑडिट कराता है तो उसे जीएसटी, प्रोविडेंट फंड समेत अन्य वैधानिक कम्पलिएंसेस की डिटेल अपने चार्टेड एकाउंटेंट को देनी होगी. सीए उसकी जांच कराने के बाद ही ऑडिट करेगा.
सीए कीर्ति जोशी ने कहा की इस वर्ष आयकर रिटर्न में टर्नओवर भरते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी. आयकर की स्क्रूटनी असिस्मेंट एवं आर्ट ऑफ़ प्रेसेंटेशन  पर सीए गिरधर गर्ग एवं सीए इशिता गर्ग ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग में ऑनलाइन फाइलिंग से बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. 1988 तक 100 फीसद केस में स्क्रूटनी की जाती थी परन्तु अब एक फीसदी से भी कम केस में स्क्रूटिनी हो गयी है.

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