अपोलो हॉस्पिटल्स ने अपने पूरे नेटवर्क में शुरू किए पोस्ट-कोविड रिकवरी क्लिनिक

क्लिनिक उन मरीजों की मदद करेगा जो कोविड 19 से जंग जीत चुके, लेकिन बाद में कई स्वास्थ्य समस्याओं जूझ रहे

इंदौर. अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप ने अपने सभी अस्पतालों में पोस्ट-कोविड रिकवरी क्लिनिक शुरू करने की घोषणा की। पोस्ट कोविड रिकवरी क्लिनिक में उन बढ़ते मरीजों का इलाज होगा जो कोविड पॉजिटिव होने के बाद ठीक हो चुके हैं लेकिन इंफेक्शन के बाद लगातार तरह-तरह की समस्या बनी हुई है। ठीक हुए मरीजों में से 50 प्रतिशत से ज्यादा मरीज सांस लेने में परेशानी, सीने में दर्द होना, जोड़ों के दर्द, दृष्टि दोष, मेमोरी लॉस जैसी समस्याओं से परेशान हैं।

पोस्ट कोविड रिकवरी क्लिनिक में स्पेशलिस्ट की टीम में न्यूरोलॉजिस्ट, इम्यूनोलॉजिस्ट शामिल होंगे। ये विशेषज्ञ कोविड के कारण मरीज में आई व्याधियों को दूर करने में मदद करेंगे और स्वस्थ जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन देंगे। इंदौर में पोस्ट-कोविड रिकवरी क्लिनिक का संचालन अपोलो हॉस्पिटल, विजय नगर में किया जाएगा।

अपोलो हॉस्पिटल्स, इंदौर के निदेशक और सीनियर कंसल्टेंट चेस्ट मेडिसिन डॉ. अशोक बाजपेयी ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण से उबरने वाले कई मरीज हमारे अस्पताल में उन लक्षणों के लिए संपर्क कर रहे हैं जो उन्हें ठीक होने के बाद दिखाई दे रहे हैं। वे नहीं जानते कि इस तरह की समस्या के लिए उन्हें कहां जाना चाहिए।

इसे ध्यान में रखकर मरीजों की मदद के लिए हमने पोस्ट कोविड केअर क्लिनिक शुरू किए हैं। ये विशेष क्लिनिक मरीजों को स्पेशलाइज्ड डॉक्टर्स तक पहुंचने में मदद करेंगे। क्लिनिक की टीम को मरीजों के सही इलाज के लिए प्रशिक्षित किया है। ये क्लिनिक कोविड के दुष्परिणामों को दूर कर मरीजों को पूरी तरह ठीक होने में मदद करेंगे।

कोविड-19 शरीर के लगभग सभी महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करता है। इसके अलावा लकवा और हार्ट अटैक, डायबिटिज और उच्च रक्तचाप की गंभीर और पुरानी अवस्था भी कोविड-19 सिंड्रोम का हिस्सा है। कोविड के बाद मरीजों की अचानक मौत हो जाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से अधिकतर के लिए हृदय संबंधी घटनाओं को जिम्मेदार ठहराया गया है।

अपोलो हॉस्पिटल्स, इंदौर के इंटरनल मेडिसिन कंसल्टेंट, डॉ. सर्वेश मारू ने कहा कोविड-19 न केवल फेफडों पर बल्कि शरीर के अन्य अंगों पर हमला करता है और स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को पीछे छोड़ जाता है। इनमें से कुछ कोविड 19 का इलाज पूरा होने के तुरंत बाद सामने आती हैं। इनमें तुरंत इलाज लेने के बाद रोगी बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है और कुछ ही दिन में ठीक हो जाता है।

जबकि लंबे समय तक बनी रहने वाली समस्याएं उन रोगियों में आम हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वे मरीज बीमारी ठीक होने से कुछ समस्याओं से तो उबर चुके हैं लेकिन कई वायरस के लंबे समय तक प्रभाव से पीड़ित हो सकते हैं। इनमें से कई प्रभाव गंभीर प्रवृत्ति के भी हो सकते हैं। पोस्ट केयर स्पेशल क्लिनिक हमें नियमित रूप से रोगियों के लक्षणों की निगरानी करने और समय पर चिकित्सा की ओर ध्यान देने में सक्षम बनाएगा। जिससे रोगी जल्द से जल्द समस्याओं को दूर कर सामान्य जीवन जी सकेंगे।

अपोलो अस्पताल, इंदौर के यूनिट हेड श्री अभिलाष पिल्लई ने कहा कोविड-19 से पहले हम एनसीडी की सुनामी का सामना कर रहे थे, जो 70 प्रतिशत से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार था। कोविड के बाद का सिंड्रोम इस बीमारी का भार और दुष्परिणाम और भी बढ़ा रहा है। यदि विशेष ध्यान नहीं दिया गया तो इससे प्रभावित होने वाले लोगों की मौत होगी और मृत्युदर बढ़ेगी।

इनमें क्रॉनिक बीमारियों से पीड़ित वे मरीज भी शामिल होंगे जो कोविड 19 से उबर चुके हैं। स्पेशल पोस्ट केयर क्लिनिक प्रभावी तरीके से पुरानी स्थितियों का प्रबंधन करेंगे और समस्याओं को रोकेंगे। रोगी केंद्रित और टेली कन्सल्ट क्लिनिक आधारित कार्यक्रम के जरिए पोस्ट-कॉविड सिंड्रोम से जुड़ी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा और मरीजों के पूरी तरह ठीक किया जाएगा।

कोविड 19 रिकवरी क्लीनिक चेन्न्ई, मदुरै, हैदराबाद, बेंगलुरु, मैसूर, कोलकाता, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, दिल्ली, इंदौर, लखनऊ, मुंबई और अहमदाबाद में कोविड का इलाज करने वाले अपोलो अस्पतालों में शुरू किए जाएंगे। क्लीनिक का संचालन समर्पित टीम द्वारा किया जाएगा, जिसमें फैमिली फिजिशियन, नर्स आदि शामिल हैं।

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