यूरोपियन यूनियन फिल्म फेस्टिवल का 26वां संस्करण डिजिटली 1 नवंबर से होगा शुरू

26वें यूरोपियन यूनियन फिल्म फेस्टिवल में पूरे यूरोप और भारत की 37 भाषाओं की 60 फिल्मों की होगी स्क्रीनिंग; ईयूएफएफ की तरफ से भारतीय सिनेमा के लीजेंड सत्यजीत रे को दी जाएगी श्रद्धांजलि· फिल्म फेस्टिवल 1 नवंबर से शुरू होगा। फेस्टिवल स्कोप और ईयूएफएफ वेबसाइट के माध्यम से दर्शक पंजीकरण करा सकते हैं

नई दिल्ली, अक्टूबर, 2021: सिनेमा, अपने सभी फॉर्म्स में, एक सशक्त माध्यम बना हुआ है, जो सीमाओं से परे हमें बांधता है, एकजुट होने में मदद करता है। यह हमारे जज्बातों, हमारे डर और साथ ही हमारी उम्मीदों को साझा करने और हमारे खुद के भीतर की खिड़की खोलने का एक माध्यम प्रदान करता है। “विंडो टू यूरोप” उपलब्ध कराते हुए, यूरोपियन यूनियन फिल्म फेस्टिवल का बहुप्रतीक्षित 26 वां संस्करण 1 नवंबर से अपने वर्चुअल अवतार में शुरू हो रहा है। फेस्टिवल की बेहतरीन, अवार्ड विनिंग यूरोपियन फिल्में, प्रेरक कहानियों को दर्शकों के लिए उनके घर के आराम और सुरक्षा के बीच सामने लेकर आई हैं। फेस्टिवल यूरोपीय सिनेमा और संस्कृति की विविधता और गहराई को सेलीब्रेट करता है। फिल्म प्रेमी फिल्म फेस्टिवल और इसस संबंधित इवेंट्स में शामिल होने के लिए नि:शुल्क पंजीकरण करा सकते हैं। फेस्टिवल का आयोजन, इंडियन और यूरोपीयन पार्टनर्स के सहयोग से, भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल, मेंबर स्टेट्स और एसोसिएट कंट्रीज द्वारा किया गया है।

महीने भर चलने वाले इस फेस्टिवल में 8 जॉनर्स की 37 भाषाओं में 60 फिल्मों का एक रोमांचक लाइन-अप है, जो 27 मेंबर्स स्टेट्स और एसोसिएट कंट्रीज की आर्टिस्टिक स्टोरीटेलिंग के साथ अनूठी कहानियों, अनुभवों और इतिहास को एक्सप्लोर करती है, जो कान्स, लोकार्नो, सैन सेबेस्टियन, कार्लोवी वेरी, और वेनिस फिल्म फेस्टिवल्स में सबसे हालिया सिनेमाई जीत को सेलीब्रेट करती हैं। यह फेस्टिवल महान भारतीय फिल्ममेकर सत्यजीत रे को उनकी 100वीं जयंती पर, सेमिनल पाथेरपांचाली के प्रोजेक्शन के साथ श्रद्धांजलि भी देगा। इसमें धर्मशाला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल द्वारा क्यूरेटेड एक स्पेशल कंटम्परेरी इंडियन सेक्शन, छह फिल्मों को शामिल किया गया है जो चार भारतीय आधिकारिक भाषाओं हिंदी, मराठी , मलयालम और बंगाली में दिखाई जाएंगी।

इस फेस्टिवल में सभी तरह के सिनेप्रेमियों के लिए आनंद लेने के लिए कुछ न कुछ है। कंटेम्परेरी यूरोपियन सिनेमा, यूरोपियन मास्टर्स ऑफ सिनेमा, को-प्रॉडक्शन, एक शॉर्ट फिल्म सेलेक्शन, जलवायु परिवर्तन पर फिल्में, फिल्म एजुकेशन, समकालीन भारतीय सिनेमा से लेकर इंडियन मास्टरपीस तक, फेस्टिवल में आठ सेक्शन होंगे। ईयूएफएफ यूरोप्स एक्स्ट्राऑर्डिनरी सिनेमैटिक लीगसी को, इल सिनेमा रिट्रोवाटो फेस्टिवल के सहयोग से, श्रद्धांजलि अर्पित करेगा। ये यूरोप की क्रिएटिव फिल्मों को नए दर्शकों और जेनरेशंस तक पहुंचाने में मदद करने के लिए शानदार फिल्मों का एक अनूठा सेट है, जिसे डिजिटली रीस्टोर और रीमास्टर किया गया है।

ईयूएफएफ के महत्व के बारे में बताते हुए, भारत में यूरोपियन यूनियन के एंबेस्डर, एच.ई. यूगो एस्टुटो ने कहा, “यूरोपियन फिल्म फेस्टिवल का 26वां संस्करण दर्शकों को यूरोप की एक विशिष्ट खिड़की उपलब्ध कराएगा, जो उन्हें हमारे कहानीकारों की नजरों से पूरे महाद्वीप के सफर पर ले जाएगा। हमारे पिछले संस्करण को मिले बेहद सकारात्मक फीडबैक ने हमें यूरोप और भारत दोनों की क्लासिक मास्टरपीसेज पर एक सेक्शन को फिर से शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया है। हमें उम्मीद है कि आप महीने भर चलने वाले इस फेस्टिवल का आनंद लेंगे।”

फेस्टिवल में 27 सदस्य देशों सहित यूरोपीय देशों की फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी, जिनमें ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेकिया, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्ज़मबर्ग, माल्टा, द नीदरलैंड्स, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन और स्वीडन शामिल हैं। फेस्टिवल में स्विट्जरलैंड को भी रीप्रेजेंट किया जाएगा।

डायरेक्टर ऑफ सिनेरोपा, ईयूएफएफ इंडिया, वेलेरियो कारुसो, के साथ फिल्म क्यूरेटर और प्रोग्रामर वेरोनिका फ्लोरा द्वारा क्यूरेट की गई फिल्म, भारतीय दर्शकों को लोगों और देशों की रोजमर्रा की जिंदगी की एक जर्नी पर ले जाएगी, जहां निरंतर दर्द और खुशी, निराशा और उत्साह, डर और साहस के बीच कोई एक खास (पर्टिकुलर) यूनिवर्सल बन जाता है।

ईयूएफएफ फिल्म क्यूरेटर वेरोनिका फ्लोरा ने कहा, “स्क्रीन एक खिड़की है। सिनेमा एक सफर है। कला के इस असाधारण रूप के लिए धन्यवाद, जो हमारे पास दुनिया के रंगमंच को ह्यूमन सोल को भीतर देखने का अवसर है। सिनेमा हमें हमारे जेनरेशन के बारे में एक इनसाइट और भविष्य की झलक देता है। इस ईयूएफएफ इंडिया 2021 एडिशन में पेश की गई व्यापक और विविध प्रकार की फिल्मों के माध्यम से, हम समानता और स्वतंत्रता के अधिकारों के लिए एक साथ खड़े होने वाले लोगों की कहानियों को जानेंगे; स्कूल जाने के लिए संघर्ष कर रहे बच्चों की आवाज़ सुनेंगे और जलवायु परिवर्तन के संकट से हमारे ग्रह को बचाने के लिए हमारी पीढ़ी की बढ़ती जागरूकता के बारे में सुनेंगे।”

ईयूएफएफ क्यूरेटर वैलेरियो कारुसो ने कहा, “ईयूएफएफ इंडिया अपने दर्शकों को फिर से एक अच्छा, मल्टी-सेंसोरियल सिनेमैटोग्राफिक अनुभव देने जा रहा है, जो उन्हें यूरोप में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं के म्यूजिकल मोज़ेक में डुबो देता है: संस्कृतियों के बीच ऐतिहासिक, पारस्परिक असर के परिणामस्वरूप साउंड्स एंड इनटोनेशंस। समानता और विषमता के उनके अनूठे अंतर्संबंध के बीच, हम फिर से अपने समाज की संपत्ति और ताकत का प्रतिबिंब पा सकते हैं। हम दर्शकों के लिए ऑनलाइन साइड इवेंट्स की एक सीरीज भी पेश करेंगे, जिसमें निर्देशक, निर्माता और विशेषज्ञ, बढ़ते अंतरराष्ट्रीय सहयोग के संदर्भ में सिनेमा की प्रकृति को रिफ्लेक्ट करेंगे। इन वार्ताओं के दौरान, हम अन्य कलाओं मसलन, पेंटिंग से म्यूजिक तक, थिएटर से साहित्य तक, कविता से फोटोग्राफी तक सिनेमा के इंटरडिपेंडेंस को डिस्कवर करेंगे। साथ ही नई पीढ़ियों के लिए एक बुनियादी टूल के रूप में सिनेमा की भूमिका को समझने की कोशिश करेंगे।”

कलीडोस्कोप

विभिन्न जॉनर्स, थीम्स, इनफ्लुएंस और जेनरेशंस तक विस्तृत, इस साल की लाइन-अप की फिल्में यूरोप को एक विशिष्ट खिड़की प्रदान करती हैं। फेस्टिवल में आठ विशेष रूप से क्यूरेट किए गए सेक्शंस हैं: ‘यूरोरामा: यूरोपियन सिनेमा टुडे’, ‘कंटम्परेरी इंडियन सिनेमा’, ‘पोएट्री ऑन स्क्रीन: मास्टरपीसेस ऑफ इंडियन सिनेमा’, ‘मास्टर्स ऑफ यूरोपियन सिनेमा’, ‘फिल्म एजुकेशन: ग्रोइंग अप विद सिनेमा’, ‘ग्रीन सिनेमा: एड्रेसिंग क्लाइमेट चेंज’, ‘सिनेमा टुगेदर: को-प्रोडक्शन इन एंड आउट ऑफ यूरोप’ और ‘इन ए फ्यू वर्ड्स: ए शॉर्ट फिल्म सिलेक्शन’।

Il सिनेमा रिट्रोवाटो फेस्टिवल के सहयोग से, लाइन-अप यूरोप के हाल के इतिहास को एक्सप्लोर करेगी जैसा कि इसके कुछ सबसे बेहतरीन इतिहासकारों ने बताया है। हंगरी के टॉप निर्देशक मार्टा मेस्ज़ारोस'(MártaMészáros’) द गर्ल से, चेक निर्देशक जिरी मेन्ज़ेल(Jiří Menzel) की ऑस्कर-विनिंग, क्लोज़ली वॉच्ड ट्रेन्स तक, रॉबर्टो रोसेलिनी के निओरियलिस्ट ड्रामा रोम, ओपन सिटी, और वांडा जकुबोस्का की इसेंशियल द लास्ट स्टेज, तक यह सेक्शन 20वीं सदी के मध्य में यूरोप को गहराई समझने की विजन प्रदान करता है।

इसके अलावा, इस सेक्शन में, कला के विभिन्न रूपों के बीच अंतर्संबंध के परिप्रेक्ष्य में, सर्वकालिक सबसे प्रसिद्ध लेखकों में शुमार, गुस्ताव फ्लेबर्ट, के जन्म के द्विशताब्दी वर्ष में, भारत में फ्रांसीसी दूतावास के सहयोग से, भारत में यूरोपियन यूनियन फिल्म फेस्टिवल उनकी सबसे प्रतीकात्मक और अमर कृति, मैडम बोवरी को सेलीब्रेट करेगा, जिसमें क्लॉड चैब्रोल की 1991 की फिल्म रूपांतरण दिखाया जाएगा, जिसमें खूबसरत इसाबेल हूपर्ट की मुख्य भूमिका के साथ फ्रांसीसी साहित्य की उत्कृष्ट कृति के मूल किरदार पर फोकस किया जाएगा, जिसे इंस्टिट्यूट फ़्रैंकैस और फ्रेंच बुक ऑपिस द्वारा क्यूरेट किया गया है।

इंडियन सिनेमैटोग्राफी की चिरस्थायी विरासत और सत्यजीत रे की जन्मशताब्दी के अवसर पर, इस सेक्शन में पोएट्री ऑन स्क्रीन: मास्टरपीसेस ऑफ इंडियन सिनेमा, यह फेस्टिवल दर्शकों को मौलिक पाथेरपांचाली और उदय शंकर की रिवोलुश्नरी कल्पना जैसे क्लासिक्स को देखने का मौका उपलब्ध कराएगा। धर्मशाला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल द्वारा एक कंटम्परेरी इंडियन सेक्शन को विशेष रूप से क्यूरेट किया गया है, जो देश भर से विविध गहराई वाली कहानियों को स्क्रीन पर ला रहा है।

सामाजिक रूप से प्रासंगिक विषय

जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण और एलजीबीटीक्यूआई राइट्स जैसे वैश्विक रूप से प्रासंगिक मुद्दों को भी फिल्म सेलेक्शन में ध्यान में रखा गया है। क्लाइमेट इमरजेंसी को इसके व्यापक प्रभाव और इस संकट से निपटने वाले समाधानों पर प्रकाश डालते हुए, फीचर्स और शॉर्ट्स की एक सीरीज पेश की गई है। सिनेमा हमें न सिर्फ जलवायु परिवर्तन के बारे में बताता है बल्कि इसका मुकाबला करने में योगदान करने के लिए सीधे एक्ट भी कर सकता है: लिंक्ड साइड इवेंट के दौरान हम “ग्रीन शूटिंग” प्रोटोकॉल के तेजी से फैलते बेस्ट प्रैक्टिसेस के आयाम में प्रवेश करेंगे।

को-प्रॉडक्शन और फिल्म एजुकेशन

फेस्टिवल में यूरोपीय सिनेमैटोग्राफी में सहयोग की भावना के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में को-प्रॉडक्शंस की एक सीरीज भी शामिल होगी, जबकि फिल्म लिटरेसी और ऑडियो-विजुअल कार्यों को बढ़ावा देने का उल्लेख युवा दर्शकों के लिए स्पेशल एडिशन, ग्रोइंग अप विद सिनेमा भी मिलेगा, जिसमें यूरोपियन और इंडियन एक्सपर्ट्स की भागीदारी के साथ फिल्म एजुकेशन पर जानकारी दी जाएगी।

भारत-यूरोपीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान

जॉनर्स, थीम्स, इंफ्लुएंस और जेनरेशंस तक फैली हुई, इस साल की लाइन-अप की फिल्में यूरोप को एक विशिष्ट खिड़की प्रदान करती हैं। फिल्मों के साथ ही यूरोपीय और इंडियन सिनेमा इंडस्ट्री के टैलेंट को प्रदर्शित करने वाले कई स्पेशल साइड इवेंट्स होंगे, और सेलेक्शन में उठाए गए सबसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। इंडो-यूरोपियन एक्सचेंज्स में सबसे इंटेस, इस साल की शुरुआत में डेलीगेशन द्वारा लॉन्च की गई जर्नी टू यूरोप कॉल के परिणामस्वरूप और ईयू-इंडिया क्रिएटिव एंड कल्चरल एक्सचेंज्स को बढ़ाने के लिए फेस्टिवल्स सपोर्ट के लिए एक टेस्टामेंट, प्रोफेशनल इंडियन स्क्रिप्टराइटर्स के लिए एक स्क्रिप्ट डेवलपमेंट वर्कशॉप होगी। कॉल द्वारा चुने गए तीस युवा प्रतिभाशाली इंडियन स्क्रिप्टराइटर्स को फेस्टिवल के दौरान ट्रेनिंग एक्टिविटीज में शामिल किया जाएगा और उनको सपोर्ट किया जाएगा। उनमें से दो को 2022 में अपने फिल्म प्रोजेक्ट्स के डेवलपमेंट को जारी रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण यूरोपीय फिल्म फेस्टिवल्स में से एक में फिल्म कम्युनिटी से मिलने के लिए कल्चरल जर्नी से सम्मानित किया जाएगा।

फिल्म फेस्टिवल्स में एंट्री

दर्शकों के लिए फिल्म फेस्टिवल और संबंधित साइड इवेंट्स के टिकट मुफ्त होंगे। दर्शक डेलीगेशन की वेबसाइट और सोशल मीडिया चैनल्स के माध्यम से अपना पंजीकरण करा सकते हैं। फिल्म फेस्टिवल 30 नवंबर तक चलेगा। एक बार पंजीकृत होने के बाद, दर्शक अपनी सुविधानुसार लॉग इन कर सकते हैं।

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