सजकर तैयार हो गई थी बारात, विवाह करना पड़ा रद्द

एन मौके पर पहुचे उड़नदस्ते ने दूल्हे की उम्मीदों पर फैरा पानी

इदौर. परिवार शादी की तैयारी में जुटा हुआ था बारात लगभग सज कर तैयार थी और अचानक उड़नदस्ता पहुंच गया. कानूनी जानकारी के बाद दूल्हे की उम्मीदों पर पानी फिर गया परिजनों को विवाह निरस्त करना पड़ा.

उल्लेखनीय है कि बाल विवाह रोकथाम के लिए चल रही कार्रवाई के बावजूद लोग नाबालिक बच्चों का विवाह कर रहे हैं. शिकायत के आधार पर कानूनी कार्रवाई के साथ ही बाल विवाह की रोकथाम के लिए भी कार्य किया जा रहा है. कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशन में जिले में गठित बाल विवाह विरोधी उडनदस्ता चाइल्ड लाइन और महिला एवं बाल विकास विभाग बाल विवाह रोकथाम के लिए सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच रहा है.

धार में एक बालिका के कम उम्र होने की सूचना के बाद विभागीय अधिकारी सुभाष जैन ने समझाकर विवाह निरस्त करवाया. गुपचुप तरीके से विवाह होने की आशंका के चलते उन्होंने बेटमा इंदौर से जाने वाली बारात को लेकर सूचना प्रेषित की. धार से मिली सूचना के आधार पर इंदौर का अमला कार्रवाई के लिए तैयार हो गया. बाल विवाह विरोधी उड़नदस्ता लाडो अभियान के प्रभारी महेंद्र पाठक ने बताया कि सूचना की जानकारी एसपी मनीषा पाठक सोनी और एडिशनल एसपी महू शशिकांत कनेकने को दी गई.

वही महिला बाल विकास विभाग के देपालपुर परियोजना एक की सुनीता गोखले और समर्थ शास्त्री के साथ चाइल्डलाइन की सुनीता राय, राज किरण जाट, विशेष किशोर पुलिस इकाई के सहायक उपनिरीक्षक रामचंद्र रघुवंशी और थाना बेटमा का संयुक्त दल वर पक्ष के घर पहुंचा. जिस समय दल मौके पर पहुंचा उस समय बारात की तैयारी चल रही थी. पूछताछ के बाद बालक की हाईस्कूल की अंकसूची सामने उसके अनुसार बालक की आयु 18 वर्ष पूर्ण हो रही थी. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अनुसार बालक की आयु 21 वर्ष से कम होने के चलते विवाह रद्द कराने के लिए अमले ने परिजनों से चर्चा की और वधू पक्ष के साथ हुई चर्चा की जानकारी उन्हें दी. कानून की जानकारी के बाद परिजनों ने विवाह निरस्त करते हुए सगाई करने के लिए धार जाने का बहाना बनाया.

नहीं दी जाने की अनुमति

परिजनों के धार जाने की बात पर उड़नदस्ता प्रभारी पाठक ने अनुमति देने से इनकार करते हुए कहा कि वर और उसके पिता धार नहीं जा सकते गुपचुप तरीके से अन्य जगह पर जाकर शादी होने की आशंका के चलते उन दोनों को थाने पर बैठाने की बात कही. दल ने मौके पर पंचनामा बनाने के साथ ही परिजनों से शपथ पत्र भी लिया कि वे जब तक लड़के की आयु 21 वर्ष नहीं होती तब तक वे विवाह नहीं करेंगे. पाठक ने बताया कि समझाईश के बाद भी यदि परिजन उक्त विवाह करते हैं तो उनके विरुद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उड़नदस्ते की इस कार्रवाई से जहां बारात की तैयारी हो गई थी दूल्हे के चेहरे पर एक अलग ही खुशी झलक रही थी ,वह अचानक ही समाप्त हो गई. दूल्हे की उम्मीदों पर पानी फिर गया और परिजन निराश होकर रह गए.

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