सलमान भाई की वजह से बना अभिनेता: आयुष

इंदौर. एक्टर बनने का सफर आसान नहीं रहा. मुझे चार लगे इस साल मुकाम तक पहुंचने में. सलमान भाई ने मुझे कहा था कि मैं तुम्हे केवल प्लेटफार्म दे सकता हूं लेकिन तुम्हें अपने टैलेंट से खुद को साबित करना होगा. उन्हीं की वजह से मैं अभिनेता बन पाया हूं.

यह कहना है अभिनेता आयुष शर्मा का. आयुष गुरुवार को अपनी आने वाली फिल्म लवरात्रि के प्रमोशन के लिए शहर में थे. उनके साथ फिल्म की अभिनेत्री वरिणा हुसैन भी थी. खास बात यह रही कि उन्होंने अपनी फिल्म का गाना तेरा हुआ भी इंदौर में रिलीज किया. कॉलेज के विद्यार्थियों के बीच यह गाना रिलीज किया गया. इंदौर सलमान खान का होम टाउन है इसलिए आयुष और वरिणा ने खान परिवार के पुश्तेनी घर का भी दौरा किया. वे उनके फार्म भी गए. साथ ही इंदौर के जायकों का भी आनंद लिया.
आयुष ने फिल्म को लेकर चर्चा करते हुए बताया कि यह एक लव स्टोरी है. इसकी शूटिंग लंदन और बड़ौदा में हुई है. इस फिल्म में हमने प्यार को सेलिब्रेट किया है. इसमें दर्शकों को शुरू से लेकर आखिरी तक हंसने और प्यार को जानने का मौका मिलेगा. फिल्म की यूएसपी इसका संगीत और कहानी है. इस फिल्म के लिए मैंने गरबा, लैंग्वेज, डांस के साथ ही बहुत कुछ सीखा.
फिल्म की सफलता को लेकर आयुष ने कहा कि कोई भी फिल्म अपनी किस्मत खुद लेकर आती है. कोई भी प्रोड्यूसर या डायरेक्टर ग्यारंटी लेकर नहीं आता.  सलमान भाई का नाम होने से हमें बूस्ट मिला है. उन्हीं के कारण दर्शकों से हमें रिस्पांस भी मिल रहा है. अभी तक रिलीज हुए गानों को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. उनका नाम होने की वजह से हमारे ऊपर जिम्मेदारी बढ़ी है लेकिन किसी तरह का प्रेशर नहीं है. मेरा काम अच्छा होगा तो मुझे निश्चित ही पसंद करेंगे.

तुम वो करो जो अच्छा लगे

आयुष ने कहा कि सलमान भाई ने मुझे पेटिंग का उदाहरण देकर सिखाया था कि एक पेंटिंग किसी को पंसद आती है और किसी को नहीं. सभी को आपका काम पसंद आए यह जरूरी नहीं है. तुम वो करों जो तुम्हें अच्छा लगता हो. तुम अभी से एक्टर बनने की कोशिश मत करेगा. एक्टर बनने में बहुत समय लगेगा. हमेशा ये ध्यान रखों कि फिल्म मनोरंजन के लिए होती है. इसलिए ऐसी फिल्म बनाओ जिसे देश और दुनिया के लोग पसंद करें. उन्होंने कहा कि मैं इंडस्ट्री से नहीं हूं. उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया है. मैं सौ प्रतिशत उन्हीं की वजह से आज यहां हूं.

पब्लिक बनाती है स्टार

आयुष ने बताया कि बचपन से ही एक्टिंग का शौक था. एक बार ऑडिशन भी दिया था लेकिन सिलेक्शन नहीं हुआ था. उसके बाद मैंने मन से विचार निकाल दिया था. जब मेरी मुलाकात सलमान भाई से हुई तब मैंने एक्टिंग के बारे में जाना. असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में मेरी समझ में आया कि कैसे काम करना है और कितने लोग जुडे होते हैं. उन्होंने कहा कि एक्टर तो प्रोड्यूर बनाता है लेकिन स्टार पब्लिक बनाती है. पहली फिल्म से ही स्टार बनने की कोशिश करो तो गड़बड़ हो जाती है.

राजनीति में नहीं रूचि

राजनीतिक परिवार से होने के बावजूद राजनीति में नहीं जाने को लेकर आयुष ने बताया कि राजनीति में जाने के लिए लोगों के सेवा की भावना होना चाहिए. वह मन से आए तभी कोई जा सकता है. मेरे अंदर वह नहीं थी इसलिए मैंने रूचि नहीं ली. साथ ही मेरा अनुभव भी नहीं था. अगर भविष्य में मुझे लगेगा तो वो भी करूंगा.

फिल्म के लिए सीखा गरबा और हिंदी: वरिणा

वरीना हुसैन ने बताया कि मैं 6 साल पहले दिल्ली आई थी. वहां से मैंने मॉडलिंग स्टार्ट की. मॉडलिंग मेरे शौक नहीं जॉब की तरह थी. इसके बाद मैं कमर्शियल काम के लिए मुंबई आई. यहां मैंने ट्रेनिंग ली और एक्टिंग की वर्कशॉप की. इस दौरान मैंने फिल्म के लिए ऑडिशन दिया और मेरा सिलेक्शन हो गया. हालांकि फाइनलाइजेशन के पहले हमारी डांस और एक्टिंग की वर्कशॉप हुई. स्क्रीनिंग भी की गई. उसके बाद सिलेक्शन हुआ. फिल्म के लिए मैंने गरबा और हिंदी विशेष रूप से सीखी. वरीना ने बताया कि वैसे में अफगानिस्तान से हूं लेकिन वहां ज्यादा समय नहीं रही हूं. मेरा परिवार खुले विचारों और मेरी मां ने मुझे बहुत सपोर्ट किया है. उन्होंने मुझसे कहा था कि तुम्हें जो अच्छा लगे वो करो. मैं जब भारत आई थी फायनेंशियल स्थिति ठीक नहीं होने के कारण फैशन बूटिक में भी काम किया है. उसके बाद ही मॉडलिंग की शुरूआत हुई.

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