इंदौर से दरभंगा, भागलपुर, रांची के बीच सुपरफास्ट ट्रेन चलाने की मांग 

पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान ने रेल समस्याओं के निराकरण हेतु ज्ञापन सौंपा
इंदौर. आज बड़ी संख्या में इंदौर में रह रहे पूर्वांचल, मैथिल एवं भोजपुरी  समाज की विभिन्न अग्रणी संस्थाओं ने ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर पर पश्चिमी रेलवे के महाप्रबंधक के साथ साथ क्षेत्र के सांसद एवं उनके प्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा.
यह ज्ञापन पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्य प्रदेश, विद्यापति परिषद्, भागलपुर-मुंगेर युथ क्लब, भोजपुरी समाज एवं बिहार सोशल ग्रुप के ठाकुर जगदीश सिंह, के के झा, हेमंत झा, अजय झा  विकास भदौरिया, साकेत सिंह, उदयकांत ठाकुर, विजय झा, संजीत पांडे की अगुवाई में दिया गया.
ज्ञापन में इंदौर से दरभंगा के बीच सुपरफास्ट ट्रेन अतिशीघ्र चलाने की मांग के साथ साथ वर्तमान में चल रही इंदौर-पटना ट्रेन के फेरे बढ़ा कर सप्ताह में तीन दिन भाया मोकामा, जमालपुर के रास्ते भागलपुर तक तथा तीन दिन भाया मोकामा, बरौनी, समस्तीपुर के रास्ते दरभंगा तक चलाने  की माँग की गई।
ज्ञापन के माध्यम से पूर्वांचल के लोगों द्वारा सांसद प्रतिनिधियों एवं पश्चिमी रेलवे के महाप्रबंधक को वर्तमान में चल रही इंदौर-हावड़ा शिप्रा एक्सप्रेस को भी सप्ताह में तीन दिन भाया पटना चलाने तथा इंदौर में अप्रवासी हजारों झारखण्ड राज्य के लोगों की सुविधा हेतु इंदौर से रांची के बीच एक एक्सप्रेस ट्रेन भाया भोपाल, इटारसी, जबलपुर, मुगलसराय, गया, धनबाद, बोकारो की माँग की गई।
ज्ञापन का वाचन करते हुए पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह ने पश्चिमी रेलवे के महाप्रबंधक को सूचित किया कि इंदौर एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में पूर्वांचल के विभिन क्षेत्रों के विशेष रूप से उत्तर बिहार के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, बेतिया, मोतिहारी, छपरा, पूर्वी बिहार के बेगूसराय, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, सहरसा एवं पूर्णिया, पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया, गोरखपुर,गोंडा, बाराबंकी  लगभग 25 लाख लोग दशकों से निवास कर अपना जीविकोपार्जन कर मध्य प्रदेश की अर्थ व्यवस्था में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं पर समुचित रेल यातायात के अभाव में उन्हें अपने पैतृक स्थानों तक जाने में अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा वर्तमान में चल रही इंदौर पटना एक्सप्रेस एवं इंदौर गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन का लाभ पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं उत्तर बिहार के बहुसंख्यक लोगों को नहीं मिल पाता।

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