बेटियों ने बाजी मारी

इंदौर. एमपी बोर्ड ने सोमवार को 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट घोषित कर दिए. पिछले सालों की तुलना में इस बार 10वीं के विद्यार्थियों ने बेहतर प्रदर्शन किया. 10वीं के जहां 66 फीसदी बच्चे पास हुए वहीं 12वीं के 68 फीसदी बच्चों ने परीक्षा उत्तीर्ण की. गतवर्ष की तरह ही इस बार भी बेटियों ने बाजी मारी. शहर के विद्यार्थियों ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए टॉप टेन में जगह बनाई. दसवीं के परिणामों में टॉप टेन में शहर के तीन विद्यार्थी है वहीं 12वीं के अलग-अलग संकयों में 8 विद्यार्थी टॉप टेन में जगह बनाने में हासिल हुए.
पीएससी की तैयारी करूंगा
मल्हाराश्रम स्कूल के रवींद्र प्रजापति ने कॉमर्स संकाय में तीसरी पोजशिन बनाई है. रवींद्र छतरपुर से यहां पढऩे आए है. रवींद्र ने बताया, मेरे पिता आशाराम किसान हैं। 10वीं में 92.67 परसेंट बनने तक तो मुझे कॅरियर के बारे में कुछ पता नहीं था. इन दो साल में पढ़ाई के साथ ही बहुत कुछ सीखने को मिला. मैंने तय किया है, बीकॉम के साथ पीएससी की तैयारी करूंगा.
आर्थिक परेशानियों के बीच हासिल किया मुकाम
जनता क्वार्टर में रहने वाली डिंपल कुमावत ने कॉमर्स संकाय में छटी रैंक बनाई है. डिंपल ने बताया कि मुझे मेरिट की उम्मीद थी, लेकिन प्रदेश की प्रावीण्य सूची में आने की कल्पना नहीं की थी. मैंने बिना कोचिंग के पढ़ाई की है और मैं कलेक्टर बनना चाहती हूं. डिंपल ने बताया दो साल से घर खर्च और पढ़ाई के पैसे जुटाने के लिए नौकरी कर रही है.  इस बार तो स्कूल की फीस नहीं भर सकी थी लेकिन स्कूल प्रबंधन ने कड़ी मेहनत देख रोल नंबर जारी कर दिया. मैंने शिक्षकों का विश्वास नहीं टूटने दिया.
सीए बनना चाहती हूं
सराफा विद्या निकेतन गल्र्स स्कूल, गुमास्ता नगर की दर्शिता सोनी ने वाणिज्य संकाय में आठवी रैंक बनाई है. दर्शिता ने बताया कि परीक्षा को देखते हुए टाइमटेबल बनाया था. जब भी काम से थोड़ा भी समय मिलता, पढ़ाई में जुट जाती. मैं सीए बनना चाहती हैं.
बैंकिंग सेक्टर में जाने का सपना
कॉमर्स की छात्रा सपना चोपड़ा ने कॉमर्स संकाय में 9वीं रैंक बनाई है. सपना ने परिणामों का श्रेय अपनी मेहनत, शिक्षकों और घरवालों को दिया. सपना ने बताया, मम्मी 5वीं व पापा 10वीं तक पढ़े हैं. बावजूद उन्होंने मुझे पढऩे के लिए इंदौर भेजा। रोज 10 घंटे पढ़ाई कर उनका सिर गर्व से ऊंचा किया. मैं बैंकिंग सेक्टर में मुकाम बनाना चाहती हूं.
चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहता हूं
किसान परिवार के रवींद्र सिंह ने कॉमर्स संकाय में 10वीं रैंक हासिल की है. वे चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहते हैं. रवींद्र ने बताया, बचपन से ही पापा मुझे पढऩे के लिए प्रेरित करते रहे. मैं उनके साथ खेती में हाथ बंटाने को कहता तो कहते, तुम सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दो.
मैथ्य प्रोफेसर बनने की चाह
वैष्णव कन्या विद्यालय में पढऩे वाली श्रेया पांडे ने 10वीं की प्रावीण्य सूची में 7 वां स्थान हासिल किया है. श्रेया के पिता सुशील प्राइवेट जॉब में हैं. श्रेया ने बताया, उसने रोज 8 घंटे पढ़ाई की. इससे अच्छे नंबर आने की उम्मीद थी, पर मेरिट में आऊंगी, सोचा नहीं था. मैं मैथ्स की प्रोफेसर बनना चाहती हूं.
डॉक्टर बनने का है सपना
मल्हाराश्रम स्कूल की 12 वी कक्षा में पढऩे वाली छात्रा रानी तंवर ने बायो संकाय में चौथा स्थान हासिल किया है. मूलत: राजगढ़ की हैं. रानी ने बताया कि मेरा सपना डॉक्टर बनने का है. मेरी मम्मी कभी स्कूल नहीं गईं, लेकिन बचपन से यही समझाया कि जीवन में कुछ करना है तो पढ़ाई बहुत जरूरी है. उन्हीं से प्रेरित होती रही. मेरे रिजल्ट से मम्मी-पापा बहुत खुश हैं. मुझे उम्मीद है कि नीट में भी सफलता मिल जाएगी.
12वीं में इंदौर के टॉपर
कॉमर्स
रवींद्र प्रजापति 500 में से 473 नंबर मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे।
डिंपल कुमावत को 500 में से 470 नंबर मिले और वे छठे स्थान पर रहीं।
सलोनी कालरा को 500 में से 469 नंबर मिले और वे सातवें स्थान पर रहीं।
दर्शिता सोनी 468 नंबरों के साथ आठवें स्थान पर रहीं।
भविष्या कौर साहनी 468 नंबरों के साथ आठवें स्थान पर रहीं।
सपना चोपड़ा 467 नंबरों के साथ नौवें स्थान पर रहीं।
रविंद्र सिंह 466 नंबरों के साथ 10वें स्थान पर रहे।
बायो
रानी तनवर 474 नंबरों के साथ चौथे स्थान पर रहीं।
10वीं में इंदौर के टॉपर
श्रेया पांडे 489 अंकों के साथ सातवें स्थान पर।
ज्योत्सना चौहान 487 अंकोंं के साथ नौंवे स्थान पर।
संजना कुमावत 487 अंकों के साथ नौंवे स्थान पर।

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