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एसी को सिर्फ साफ नहीं करते बल्कि उसे स्टरलाइज़ करता है “एसी डॉक्टर”
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इंदौर. एयरकंडीशनिंग सिस्टम, गर्मी से राहत तो दिलवाता है लेकिन यदि उसका रखरखाव सही तरीके से ना हो तो ये बीमारी भी दे सकता है। एसी क्लिनिंग के परंपरागत तरीकों में सिर्फ फिल्टर से धूल हटाई जाती है जबकि एसी में बैक्टिरिया भी होते हैं। इन बैक्टिरिया से सर्दी, खांसी, चमड़ी के बीमारी, टीबी और दूसरी वायरल बीमारियां होने का खतरा रहता है।
एयरकंडीशन का रखरखाव दूसरी मशीनों की तरह ही होना चाहिए। सर्विसिंग के बगैर यदि आप सिर्फ उसे उपयोग करेंगे तो उसके परफॉर्मेंस पर असर आएगा। आमतौर पर घरेलू उपयोग में आने वाले एयरकंडीशनर को तीन महीने में सर्विस करवाया जाना चाहिए। दुकान जैसी व्यावसायिक जगहों पर दो महीने और होटल एवम हॉस्पिटल को हर महीने एसी सर्विसिंग करवाना चाहिए।
इंदौर के दो युवाओं ने एसी को साफ करने की एक इनोवेटिव प्रक्रिया तैयार की जिसे वे रजिस्टर करवा चुके हैं और अब पेटेंट करवाने की तैयारी में हैं। उन्होंने “एसी डॉक्टर” के नाम एक स्टार्टअप शुरू किया है जो एयरकंडीशन की क्लिनिंग में केवल धुल ही साफ नहीं करते बल्की एयरकंडीशन को स्टरलाइज़ करते है और उसके बैक्टिरिया को ख़त्म करते है जिससे आपको शुद्ध हवा मिल सकें l साथ ही बिजली की खपत भी कम होती है जिस्से की आपके घरेलु बजट भी प्रभावित होता है l
एसी डॉक्टर स्टार्टअप के फाउंडर इरशाद मुबीन और यजुवेंद्र सिंह सिसौदिया बताते हैं– हम एसी को सिर्फ क्लीन नहीं करते बल्कि उसे स्टरलाइज़ करते हैं। क्लिनिंग का हमारा तरीका ना सिर्फ प्रभावशाली है बल्कि परंपरागत तरीकों के मुकाबले सस्ता भी है। यूनाइटेड किंगडम सरकार की इनोवेटर स्कीम का पहला राउंड हम क्वालिफाय कर चुके हैं। जल्द ही हमारा स्टार्टअप वहां भी काम करेगा।
इरशाद मुबीन ने बताया- सर्विसिंग में साधारण तरीको से एसी के फिल्टर पर जमी धूल साफ की जाती है। अपने बनाए स्पेशल सॉल्यूशन से भी ऐसी को साफ करते हैं। इससे एसी के बैक्टिरिया लगभग पूरी तरह साफ हो जाते हैं। इससे एसी का आउटपुट बढ़ जाता है। ये ना सिर्फ एसी के एयरफ्लो को बढ़ाती है कम बिजली में भी एसी ज्यादा ठंडक देता है। इनोवेटिव प्रक्रिया के परिणामों को और भी पुख्ता करने के लिए हमने 15 महीनों तक पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर सर्विसिंग की है। इस दौरान हमने करीब हजारो सर्विसिंग की हैं।
यजुवेंद्र सिंह ने बताया– हमने स्टार्टअप के नाम और सर्विस की हमारी प्रक्रिया को रजिस्टर करवा रखा है। पेटेंट करवाने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं। ये सब इसलिए क्योंकि हम यूनाइटेड किंगडम सरकार की इनोवेटर स्कीम के तहत अपने स्टार्टअप को वहां ले जाना चाहते हैं। इस स्कीम के तहत यूके सरकार एंजल फंडर्स की मदद से इनोवेटिव आयडिया वाले स्टार्टअप्स को यूके में काम करने के लिए इनोवेटर वीज़ा के साथ फंडिंग और दूसरी तरह की सहायता देती है। यूके की वेंचर फंडर कंपनी के ज़रिए हम इस स्कीम के तहत होने वाली चयन प्रक्रिया का पहला राउंड हम पार कर चुके हैं।