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एडीआईएफ का लक्ष्य 2030 तक भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम का कायाकल्पक कर इसे दुनिया के शीर्ष 3 की सूची में शुमार करना है
ऐसे लोगों और संस्थाभओं का गठबंधन बनाने के लिये प्रतिबद्ध है, जो स्टाार्टअप इकोसिस्टमम की सफलता और वृद्धि में लगे हैं
नई दिल्लीए, जुलाई 2021: एडीआईएफ (अलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन), भारत के डिजिटल स्टािर्टअप्सि के लिये एक थिंक टैंक, ने भारत के स्टा र्टअप इकोसिस्टडम की दीर्घकालिक समृद्धि का अपना उद्देश्या पूरा करने के लिये आज अपनी योजनाएं बताई हैं। भारत विश्व0 का तीसरा सबसे बड़ा स्टालर्टअप इकोसिस्टटम है, जबकि ग्लोिबल स्टापर्ट-अप रैंकिंग में उसका स्था न 20वां है। एडीआईएफ का लक्ष्यफ भारत के स्टाकर्टअप इकोसिस्टअम का ऐसा कायाकल्प् करना है कि वह साल 2030 तक विश्व के टॉप 3 में शुमार हो। इस प्रक्रिया में एडीआईएफ इंडस वैली प्लेपबुक को सिलिकॉन वैली प्ले बुक की वैकल्पिक विचारधारा के रूप में प्रचारित भी करेगा।
एडीआईएफ मुख्ये रूप से ऐसे लोगों और संस्थाओं का गठबंधन बनाना चाहता है, जो भारत को विश्वे का सर्वश्रेष्ठ् स्टासर्टअप राष्ट्र0 बनाने के लिये काम कर रहे हैं। इस लक्ष्या की प्राप्ति के लिये हम इस सेक्टअर का समर्थन करेंगे, अपने वेल्थस क्रिएटर्स की सराहना करेंगे, कंपनियों के भीतर भरोसा बढ़ाएंगे, इंडस वैली प्लेसबुक का प्रचार करेंगे, बाजार के विकास को सुगम बनाएंगे, इकोसिस्टेम में मिलकर काम करने को प्रोत्सागहित करेंगे और सरकारी तथा औद्योगिक मंचों पर स्टासर्टअप सेक्टरर की आवाज का प्रतिनिधित्व करेंगे।
फाउंडेशन के मिशन और विजन पर बात करते हुए, अलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (एडीआईएफ) के एक्जी क्यूेटिव डायरेक्टार श्री सिजो ने कहा, ‘’भारत में आज 50 से ज्या्दा यूनिकॉर्न्सर हैं- 10 साल पहले कोई इस संख्या की कल्पएना भी नहीं कर सकता था। अभी हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े इकोसिस्ट म हैं, और इसके साथ ही, हम सचमुच वैश्विक मंच पर आ चुके हैं। अब चूंकि हम यहाँ हैं, तो हमारे पास विश्वस का सर्वश्रेष्ठ, बनने के सफर पर निकलने का सुनहरा मौका है। हमारा मिशन है भारत के स्टांर्टअप इकोसिस्टम का ऐसे कायापलट करना कि वह साल 2030 तक दुनिया के टॉप 3 में शामिल हो जाए।‘’
उन्हों्ने आगे कहा, ‘’पारंपरिक रूप से, हमारी पहुँच सिलिकॉन वैली के साहित्य’ तक थी, लेकिन जिस तरीके से भारतीय फाउंडर्स ने अपने स्टा,र्टअप्सर चलाए हैं, वह एक बिलकुल अलग प्लेीबुक पर आधारित है- यह साहित्यत भारतीय या किसी भी उभरते स्टा,र्टअप इकोसिस्टसम के लिये ज्याहदा उपयुक्त है। बतौर एक देश, हमने उद्यमिता और वेल्था क्रियेशन के वैकल्पिक मॉडल की ओर कैसे देखें, इस बारे में अपने लोगों के बीच बहुत सारा ज्ञान निर्मित किया है। एडीआईएफ में हम इस ज्ञान को इकट्ठा करेंगे और इसे अपने युवा उद्यमियों तक पहुँचाएंगे और उद्यमियों की अगली लहर को ईंधन देने में सहायता करेंगे। इसके अलावा, हमारा इकोसिस्टएम अब भी शुरूआती अवस्थाय में है, इसलिये यह समझना आसान है कि नीतियों का पूरा लाभ नहीं मिला है। एडीआईएफ अनुकूल नीतियों की वकालत पर केन्द्रित होगा और ऐसे समाधान निकालेगा, जो सभी के सर्वश्रेष्ठड हित में हों और उन्हें आगे बढ़ाएं।‘’
एडीआईएफ की योजना भारतीय स्टातर्टअप इकोसिस्टमम को बदलने के लिये तीन-सूत्रीय अप्रोच को अपनाने की है: फाउंडर्स और स्टार्टअप्सक का एक गठबंधन बनाना, क्लकब एडीआईएफ और पॉलिसी लैब। यह तीन स्तं भ एक मजबूत एवं वाइब्रैंट डिजिटल इंडिया के लिये एक संयुक्त रणनीति विकसित करने के एडीआईएफ के मिशन की रीढ़ बनेंगे। गठबंधन के हिस्सेर के तौर पर, एडीआईएफ ऐसे सभी लोगों और संस्थािओं को एकजुट करेगा, जो भारत के स्टा र्टअप इकोसिस्टसम की सफलता और वृद्धि के लिये काम कर रहे हैं।
क्लतब एडीआईएफ एक सहयोगपूर्ण और भरोसेमंद पक्ष है, जो समकक्षों के अनौपचारिक स्तहर पर ज्ञान और सर्वश्रेष्ठा पद्धतियों को साझा करने की सुविधा देता है। पॉलिसी लैब इस सेक्ट र के लिये अनुकूल नीतियों पर सोचने और उनकी वकालत करने के लिये है। यह सरकारी और औद्योगिक निकायों के समक्ष उनका पर्याप्तस प्रतिनिधित्वत सुनिश्चित करने के लिये भी है।
एडीआईएफ एक सेक्शिन 8 गैर-लाभकारी संगठन है, जिसकी संस्थायपना शेरोस के साइरी चहल, Matrimony.com के मुरूगवेल जानकीरमण और इनोव8 के रितेश मलिक ने की थी। एडीआईएफ भारत के युवाओं को टेक्नो्लॉजी में उद्यमिता पर विचार करने हेतु प्रेरित करने के लिये है, ताकि हमारे समाज में रोजगार और धन का सृजन हो और देशभर में उद्यमिता को बढ़ावा मिले।