आजादी के 75 साल बाद भारत में राजनैतिक पुर्नजागरण एवं सबसे बड़ा आश्चर्य देखने को मिलेगा

भारत में मोदी के बाद कौन होगा, नवरात्रि के दौरान इसके उत्तर के साथ राजनैतिक पुर्नजागरण का नया दौर देखने को मिलेगा।

स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के बाद आज भारत नए युग की नई चुनौतियों एवं नए अवसरों के दौर से गुजर रहा है। सर्वोच्च नेतृत्व भारतीय राजनीति व शासन के मामलों में नई ऊर्जा का संचार करने के लिए बागडोर युवा, ऊर्जावान एवं प्रभावशाली प्रत्याशियों को सौंपने के लिए एक नई रणनीति बना रहा है।

देश के अधिकांश अनुभवी नेता इस बात को स्वीकार करते हैं कि भारतीय गणतंत्र के भविष्य का दायित्व युवा नेतृत्वकर्ताओं के कंधों पर है। इसलिए, एक नई राजनैतिक कार्ययोजना तैयार है। स्रोतों के मुताबिक प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी राजनैतिक आश्चर्य प्रस्तुत करने के लिए मशहूर हैं, और एक नया प्रधानमंत्री, जो बिना किसी राजनैतिक पृष्ठभूमि के, अज्ञात पटल से आ रहा है, वह देश की राजनीति व शासन के क्षेत्र में सदी का सबसे बड़ा आश्चर्य हो सकता है। यह युवा वैश्विक भारतीय उद्यमी, जो भगवान राम के वंश से है, वह भारत को सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक रूप से एक महाशक्ति बनाने की ओर ले जा सकता है। समावेशी वृद्धि के लिए, एक नए युग के मजबूत भारत को रामराज्य की आवश्यकता है, इसलिए सर्वोच्च पद श्री राम के वंशज को दिया जाना चाहिए। इस विषय में हर वर्ग, जाति, पंथ व संप्रदाय के व्यक्ति का पूर्ण रूप से एक समान मत होगा।

राजनीति व शासन के पटल पर इस कदम का अनुमान साल, 2029 के लिए लगाया गया था, लेकिन स्रोतों के मुताबिक, यह इस साल हो सकता है, यानि 2024 के आम चुनावों से पहले। राजनैतिक पंडितों ने भी इस बात का संकेत दिया है कि इस साल जल्द ही नवरात्रि और दीपावली के पावन अवसर के दौरान एक क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिल सकता है।

रामराज्य की स्थापना, समावेशी आर्थिक वृद्धि, और जनता के कल्याण के बीच पूर्ण सामंजस्य होना जरूरी है। इसलिए भारत में नए युग के राजनैतिक पुर्नजागरण एवं समावेशी राजनीति की शुरुआत होने वाली है, जिसमें सर्वोच्च पद के लिए सभी राजनैतिक दलों व बलों द्वारा मिलकर आम राय बनाई जाएगी। अनेकता में भारत की एकता जल्द एक नए राजनैतिक प्रकरण के साथ एक बार फिर से प्रकट होगी।

प्रधानमंत्री मोदी की भांति ही, नए युग के नेतृत्वकर्ता की भारतीयों के बीच व्यापक लोकप्रियता होगी और वह सभी सांस्कृतिक व सांप्रदायिक क्षेत्रों में लोगों की अपेक्षाओं को पूरा कर सामाजिक-आर्थिक विकास को नए आयाम पर लेकर जाएगा।

राजनैतिक विश्लेषकों ने इस बात का अवलोकन किया है कि भारतीय राजनीति व शासन के पटल में कुछ अप्रत्याशित होने वाला है, लेकिन वह क्या है, यह जानने में अभी समय लगेगा! उन्होंने बताया कि भारत के युवाओं को नौकरियां व मंच प्रदान करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है और वो भारत को आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता, एकता, व दृढ़ता प्रदान करके महान बनने की ओर ले जाएंगे।

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