एटीसी सीएसआर फाउंडेशन इंडिया और अपोलो टेलीमेडिसिन नेटवर्किंग फाउंडेशन ने मध्यप्रदेश में पांच डिजिटल डिस्पेंसरी खोली

स्वास्थ्यसेवा को 2.5+ लाख लोगों तक पहुंचाने के लिये उठाया गया यह कदम

अपोलो टेलीमेडिसिन नेटवर्किग फाउंडेशन द्वारा प्रबंधित ग्रामीण तथा वंचित समुदायों के लिये ई-हेल्थ सेवाएं उपलब्ध कराने के लिये एटीसी के डिजिटल कम्युनिटीज प्रोग्राम के अंतर्गत एक पहल

मार्च, 2022: अमेरिकन टॉवर कॉरपोरेशन (एटीसी) इंडिया की सीएसआर शाखा, एटीसी सीएसआर फाउंडेशन इंडिया (एटीसी सीएसआरएफआई) ने अपने डिजिटल कम्युनिटीज प्रोग्राम के अंतर्गत अपोलो टेलीमेडिसिन नेटवर्किंग फाउंडेशन (एटीएनएफ) के साथ मिलकर मध्यप्रदेश के गांवों में पांच डिजिटल डिस्पेंसरी शुरू की हैं।

यह डिजिटल डिस्पेंसरी इंडोरमा, देपालपुर, बरवाहा, इछावर और रेहती में चालू होगी और 4 जिलों के लगभग 200 गांवों तक इसकी पहुंच होगी और लगभग 2.5 लाख लोगों को स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता प्रदान करेगी। डिजिटल डिस्पेंसरी समय-समय पर मुफ्त स्क्रीनिंग कैंप आयोजित करेगी और वर्चुअल डॉक्टर यहां रोजाना परामर्श देंगे। ये केंद्र टेलीमेडिसिन के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा देने के लिये हाइब्रिड इंटरनेट कनेक्टिविटी का उपयोग करेंगे। वे रोगियों को 60+ आवश्यक दवाओं का स्टॉक और वितरण भी करेंगे। सभी पांच डिजिटल डिस्पेंसरी तक लोगों की आसान पहुंच हो पाएगी।

इस पहल को एटीसी सीएसआर फाउंडेशन इंडिया द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त है और इन्‍हें अपोलो टेलीमेडिसिन नेटवर्किंग फाउंडेशन द्वारा संचालित किया जाएगा, जो भारत में एक बड़े और प्रतिष्ठित निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता, अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड की एक गैर-लाभकारी सहायक कंपनी है। इसका दीर्घकालिक उद्देश्य ग्रामीण समुदायों के दरवाजे तक विश्व स्तरीय गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना और समाधान के रूप में प्राथमिक, निवारक और विशेष टेलीकंसल्टेशन सेवाओं के साथ उन्हें सशक्त बनाना है।

इसके अलावा, यह पहल निम्न-आय समूहों के बीच जेब खर्च को कम करने में मदद करेगी, गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) को नियंत्रित करके सेहत में सुधार करेगी और स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार के लिये एनसीडीएस और संचारी रोगों (सीडी) दोनों पर जागरूक करेगी। यह बढ़ती क्रॉनिक स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करेंगी।

श्री संजय गोयल, ईवीपी एवं प्रेसिडेंट, एशिया पैसिफिक, अमेरिकन टॉवर कॉरपोरेशन (एटीसी) ने कहा, “हमें ग्रामीण आबादी के बीच मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं और दवाओं का विस्तार करने के लिये अपोलो टेलीमेडिसिन नेटवर्किंग फाउंडेशन के साथ काम करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “हमारी डिजिटल कम्युनिटीज, आस-पास के समुदायों में शिक्षा जैसी जरूरी सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिये टॉवर साइट्स से अपनी कनेक्टिविटी और अबाधित बिजली आपूर्ति का लाभ उठा रही है।

टेलीमेडिसिन के क्षेत्र में तरक्की से कई लोगों को मदद मिल रही है, लेकिन उन लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही है जो डिजिटल रूप में जुड़े हुए नहीं हैं। दो उद्योगों की विशेषज्ञता को एक साथ लाना इस बात का सटीक उदाहरण है कि किस तरह क्रॉस-इंडस्ट्री की साझीदारी जिंदगियों को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकती हैं। हम लोग एक साथ मिलकर डिजिटल कनेक्टिविटी के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करेंगे, जोकि कई लोगों के लिये सेहतमंद तरीके से जीने की तरफ लेकर जाएगा।”

विक्रम थापलू, सीईओ, अपोलो टेलीमेडिसिन नेटवर्किंग फाउंडेशन एवं अपोलो टेलीहेल्थ का कहना है, “भारत जैसे देश में, जहां डॉक्टर-रोगी का अनुपात निर्देशित स्तर से काफी नीचे है, शहरी क्षेत्रों में अस्पतालों पर जरूरत से ज्यादा बोझ है और स्वास्थ्यसेवा प्रदाता अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में काफी कम हैं, ऐसे में टेलीमेडिसिन

में इतनी क्षमता है कि वे प्रमुख रूप से उस अंतर को कम करने का काम कर सकें। एटीएनएफ ने सार्वजनिक-निजी साझीदारी के माध्यम से देश की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है और 1.65 करोड़े टेलीकंसल्टेंट के माध्यम से 1.3 करोड़ लागों को लाभ पहुंचाया है। रोजाना 20,000 नैदानिक लेनदेन हुए हैं और 0.15 करोड़ से भी ज्यादा एनसीडी स्क्रीनिंग की गई है। चूंकि यह सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है इसलिये टेलीहेल्थ सेवाओं का और आगे विस्तार करने के लिये सक्रिय रूप से सरकारों, कोरपोरेट और अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ साझीदारी कर रहे हैं। हमें मध्यप्रदेश के गांवों के रोगियों तक सामान्य और विशेष परामर्श, प्रयोगशाला जांचें और दवाएं पहुंचने के लिये इस प्रोग्राम के तहत एटीसी सीएसआर फाउंडेशन इंडिया के साथ साझीदारी करते हुए बेहद गर्व का अनुभव हो रहा है। जो लोग संसाधनों, समय और पैसे जैसे अभाव के कारण बड़े चिकित्सा संस्थानों में विशेषज्ञों तक पहुंचने में असमर्थ होते हैं, उनके लिये यह साझीदारी करते हुए खुशी हो रही है।”

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