रोटरी क्लब ऑफ इंदौर नार्थ द्वारा हिंकारगिरी पर पौधारोपण

रोटरी क्लब ऑफ इंदौर नार्थ द्वारा हिंकारगिरी पर पौधारोपण

इंदौर. रोटरी क्लब ऑफ इंदौर नार्थ द्वारा हिंकारीगिरी पर पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया. क्लब के गोपाल मंगल ने जानकारी देते हुए बताया कि रोटरी के करीब 30 सदस्यों ने पौधे लगाये. पर्यावरण संरक्षण अभियान के तहत पौधारोपण किया गाय. तुलसी, नीम, पीपल, बरगद, जामुन, बेरी, बादाम और कई फलदार तथा छायादार पौधे भी लगाये गये. उक्त कार्यक्रम में अध्यक्ष रेखा गोपाल मंगल, विरल अवंतिका वडनेरे, सुवेग सारिका राठी, अर्पिता बंसल, आशीष सिंघई, मुकेश पोरवाल,…

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कन्या शिक्षा को प्रोत्साहित किए बिना समाज आगे नहीं बढ़ सकता 

कन्या शिक्षा को प्रोत्साहित किए बिना समाज आगे नहीं बढ़ सकता 

अग्रसेन सोशल ग्रुप द्वारा 51 बालिकाओं को सायकिलों की सौगात इंदौर। मदद लेने वाले हाथ जब खुद काबिल हो जाएंगे, तो दूसरों की मदद के लिए भी हाथ बढ़ाएंगे। बालिकाएं आत्मनिर्भर एवं संस्कारवान बनें, समाज एवं परिवार का नाम रोशन करें, इसके लिए उन्हें जितनी मदद दी जाएं, कम ही होगी। कन्या शिक्षा को प्रोत्साहित किए बिना कोई भी समाज विकास के रास्ते पर आगे नहीं बढ़ सकता. ये विचार हैं महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन…

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परमार्थ करो जीवन मंगलमय हो जाएगा: आदर्श मति माताजी 

परमार्थ करो जीवन मंगलमय हो जाएगा: आदर्श मति माताजी 

इंदौर. जो अपने जीवन को परमार्थ कार्य में लगता है उसका जीवन मंगलमय हो जाता है. यह नश्वर शरीर,  मिठाई पर चढ़े  हुए वर्क के जैसा है जो बाहर से चमकता रहता है. हम अपने शरीर को सजने सवारने में दिन रात लगे रहते हैं  जबकि हमें अपनी आत्मा का चिंतन करना चाहिए. यह बात आर्यिका  105 श्री आदर्श मति माताजी ने जबरी बाग नसिया जैन मंदिर में 105 श्री अनुनय मति माताजी के चातुर्मास…

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बाणेश्वरी कावड़ यात्रा में शिवरथ बना आकर्षण 

बाणेश्वरी कावड़ यात्रा में शिवरथ बना आकर्षण 

इन्दौर. गत रविवार को इंदौर से एवं सोमवार को महेश्वर से प्रारंभ हुई बाणेश्वरी कावड़ यात्रा के साथ चल रहे शिव रथ और अन्य झांकियों का आकर्षण मार्ग के गांवों-कस्बों में देखने को मिल रहा है. मानपुर से महू के बीच जगह-जगह हुए स्वागत सत्कार के दौरान इस रथ में प्रदर्शित की जा रही शिवराज सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के प्रति ग्रामीणों का रूझान भी देखने को मिल रहा है। जामली में आकाश विजयवर्गीय एवं…

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जितने अवतार भारत भूमि पर हुए, उतने कहीं नहीं: जगदीश पुरी

जितने अवतार भारत भूमि पर हुए, उतने कहीं नहीं: जगदीश पुरी

इंदौर. भारत अवतारों की भूमि हैं. जितने अवतार इस पुण्यधरा पर हुए हैं, उतने दुनिया में किसी अन्य देष में नहीं हुए. मानव से माधव, नर से नारायण और आदमी से इंसान बनने का पुरूषार्थ ही हमें अपनी मंजिल की ओर ले जाएगा. यदि अब भी हमने अपने लोभ, मोह और काम-क्रोध जैसे विकारों को नियंत्रित नही किया तो प्रकृति और परमात्मा हमें माफ नहीं करेंगें। आने वाली पीढी भी इसके दुष्परिणाम भुगतने पर बाध्य…

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नैतिक मूल्यों का पतन चिंतन और चिंता का विषय: मयणाश्रीजी

नैतिक मूल्यों का पतन चिंतन और चिंता का विषय: मयणाश्रीजी

इंदौर। समाज में नैतिक मूल्यों का पतन चिंता और चिंतन का विषय है। इसके बहुत से कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारी किताबी शिक्षा का पाठ्यक्रम नीति और संस्कारों पर आधारित होने के बजाय ऐसे विषयों पर केंद्रित है, जो देश को केवल बेरोजगारों की फौज ही दे सकती है. वर्तमान परिदृश्य में यह आकलन बिल्कुल सही नजर आता है. समाज की नई पौध को जब तक अपने घर…

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व्यक्ति स्वयं के प्रति जागरूक नहीं, धर्म से यह जागरुकता आती है: मनीषप्रभ

व्यक्ति स्वयं के प्रति जागरूक नहीं, धर्म से यह जागरुकता आती है: मनीषप्रभ

इन्दौर।  व्यक्ति स्वयं के प्रति जागरूक नहीं है। वह संसार,  संसार के साधन, संसार के व्यवहार, माया-मोह के प्रति हमेशा जागरूक रहा है, लेकिन चेतना के प्रति जागरुकता नहीं है। वह मोह-माया के गठजोड़ में फंसा है। बचपन में मां की गोद, प्रेम, वात्सल्य चाहता है, पत्नी आने के बाद मां का व्यवहार खराब लगता है क्योंकि पत्नी के प्रति मोह है, राग है। फिर कुछ समय बाद बच्चों के प्रति प्रेम, वात्सल्य की भावना…

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जिसने मन को साधा समझो उसने सबको साध लिया: जिनमणिप्रभ

जिसने मन को साधा समझो उसने सबको साध लिया:  जिनमणिप्रभ

इन्दौर। एक बात बहुत ही सटीक है कि मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। इंसान का मन बड़ा चंचल होता है। मन को अपना गुलाम बनाकर रखना चाहिए, जीवन मे मन को कभी भी मालिक नही बनने देना चाहिए। मन के मालिक बनते ही जीवन मे विकारों को स्थान मिलना प्रारम्भ हो जाता है। शस्त्रों में कहा गया है कि जिसने मन को साध लिया समझो उसने सब कुछ साध लिया। यह…

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सत्संग से ही मिलेंगे सदगुणों के गहने: स्वामी जगदीशपुरी

सत्संग से ही मिलेंगे सदगुणों के गहने: स्वामी जगदीशपुरी

इंदौर। सभी शास्त्रों का सार भागवत है। भागवत जैसा ग्रंथ हर देष, काल एवं परिस्थिति में प्रासंगिक है, जो संषयग्रस्त व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के जीवन में सही मार्ग पर प्रवृत्त करता है। भागवत वह कथा है जिसमें भूल से भी चले आएंगे तो जीवन का उद्धार हो जाएगा। जीवन को संवारने के लिए सोने-चांदी और हीरे-पन्ने के आभूषण नहीं, सदगुणों एवं संस्कारों के गहने चाहिए जो सत्संग से ही मिलेंगे. शक्करगढ़, भीलवाड़ा स्थित…

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समय के अलावा कोई भी मूल्यवान नहीं: जिनमणिप्रभ 

समय के अलावा कोई भी मूल्यवान नहीं: जिनमणिप्रभ 

इन्दौर. समय की मूल्यवत्ता को जानना ही काफी नही उसे समझना भी सीखें। जीवन मे जो समय बीत गया वह बीत गया वह दोबारा लौटकर नही आने वाला। संसार मे अगर कोई मूल्यवान है तो वह समय है. अपनी आवश्यकताओं को बढ़ाते हुए हमने जिन वस्तुओं को अपनी मजबूरी मान लिया है उन्हें ही मूल्यवान समझ बैठे है. जबकि संसार की वस्तुओं की कीमत तो हमने अपनी जरूरतों के अनुसार तय कर रखी है. भविष्य…

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