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]]>टंकारा, गुजरात फरवरी 2024। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, ने महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती – ज्ञान ज्योति पर्व – स्मरणोत्सव के उत्सव में भाग लिया। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रतजी एवं मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल के साथ समारोह स्थल करसनजी के प्रांगण में बने यज्ञशाला में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवनकुंड में आहुतियां दीं और सभी प्राणियों के कल्याण की कामना की। इस मंगल अवसर पर कन्या गुरुकुल, वाराणसी की शिक्षिकाओं एवं छात्राओं ने वैदिक मंत्रोच्चार किया।
यज्ञ में आहुतियां देने के बाद अध्यक्ष श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने महर्षि दयानंद सरस्वतीजी के जीवन दर्शन को प्रदर्शित करने वाले प्रदर्शनी हॉल का अवलोकन किया और महर्षि के विचारों और सामाजिक उत्थान के कार्यों से परिचित हुईं। राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी ने राष्ट्रपति श्री द्रौपदी मुर्मू एवं मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल को इस प्रदर्शनी हॉल की जानकारी दी।
माननीय राष्ट्रपति जी ने महर्षि दयानंद सरस्वतीजी की 200वीं जयंती-स्मरणोत्सव कार्यक्रम में स्वामी जी की स्मृति में 15 एकड़ में बनने वाले बनने वाले ज्ञान ज्योति तीर्थ की आधारशिला रखी।राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत जी ने टंकारा में ज्ञान ज्योति तीर्थ की प्रतिकृति के माध्यम से इस तीर्थ में बनने वाले अनुसंधान केंद्र, विद्यालय, पुस्तकालय, दर्शनीय परिसर आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
तीन दिवसीय स्मरणोत्सव के समापन पर बोलते हुए भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि महर्षि दयानंदजी की 200वीं जयंती पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। हमारी भारत भूमि एक धन्य भूमि है, जिसने महर्षि दयानंद सरस्वती जैसी अद्भुत प्रतिभाओं को जन्म दिया है। आध्यात्मिक रोगविज्ञानी श्री अरबिंदो ने महर्षि दयानंद के बारे में कहा, वे मनुष्यों और संस्थाओं के आदर्श थे। आज आर्य समाज के लगभग 10 हजार केन्द्र मानवता के विकास एवं कल्याण हेतु कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक, लाला हंसराज, लाला लाजपतराय जैसे महान क्रांतिकारियों का स्वामी जी के आदर्शों पर गहरा प्रभाव था। स्वामीजी और उनके असाधारण अनुयायियों ने देश के लोगों में एक नई चेतना का विश्वास जगाया। राष्ट्रपति ने काठियावाड़ की धरती की विशेषताओं का जिक्र करते हुए कहा कि महर्षि दयानंद के बाद की पीढ़ियों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ. स्वामी जी ने समाज सुधार का बीड़ा उठाया और ‘सत्यार्थ प्रकाश’ नामक अमर ग्रन्थ की रचना की। इसलिए महात्मा गांधी जी ने जन-जन को जोड़कर भारतीय राजनीति को आध्यात्मिक आधार दिया और ‘सत्य के प्रयोग’ का सृजन किया। ये दोनों ग्रंथ न केवल देशवासियों बल्कि मानवता का मार्गदर्शन करते रहेंगे। काठियावाड़ में जन्मे इन दोनों महापुरुषों का जीवन देशवासियों और संपूर्ण मानव जाति को प्रेरणा देता रहेगा। सौराष्ट्र की इस धरती ने देश की सोई हुई आत्मा को जगाने, प्रगति और समानता के आदर्शों को समाज से जोड़ने और देशवासियों में स्वाभिमान की भावना जगाने में पूरे देश को सही दिशा दिखाई है।
राष्ट्रपति ने महर्षि दयानंदजी के समाज सुधार कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि महर्षि ने 19वीं सदी में भारतीय समाज में व्याप्त अंधविश्वासों और कुरीतियों को दूर करने का बीड़ा उठाया था. उन्होंने जो चेतना जगाई उससे रूढ़ियों और अज्ञानता का अंधकार तो दूर हुआ ही, साथ ही उनके द्वारा फैलाया गया ज्ञान का प्रकाश आज भी देशवासियों का मार्गदर्शन करता आ रहा है और आने वाले दिनों में भी करता रहेगा। स्वामी जी ने बाल विवाह और बहुविवाह का कड़ा विरोध किया। वे नारी शिक्षा, नारी स्वाभिमान के प्रबल समर्थक थे। आर्य समाज लड़कियों के लिए कन्या महाविद्यालय और उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना करके महिला सशक्तिकरण में अमूल्य योगदान दे रहा है।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का मानना था कि महर्षि दयानंद जी का अस्पृश्यता उन्मूलन का अभियान सामाजिक सुधार के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। गांधी जी ने भी महर्षि के अस्पृश्यता उन्मूलन अभियान को अत्यधिक महत्व दिया। उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि अगले वर्ष जब आर्य समाज की स्थापना की 150वीं वर्षगांठ पूरी होने जा रही है, तब आर्य समाज से जुड़े सभी लोग स्वामी जी के पूरे विश्व को बेहतर बनाने के विचार को क्रियान्वित करने के लिए आगे बढ़ते रहेंगे।उन्होंने कहा कि स्वामीजी के मानवता और समावेशिता के आदर्श का अनुसरण करते हुए देश के आदिवासी क्षेत्रों में स्कूल, आदिवासी युवाओं के लिए कौशल विकास केंद्र चलाये जाते हैं जिनमें मुफ्त आवास और शिक्षा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रतजी और मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल सहित उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मूजी का गर्मजोशी से स्वागत किया। प्राकृतिक खेती के लिए राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी के ईमानदार प्रयासों की सराहना करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्री आचार्य देवव्रत जी प्राकृतिक कृषि के क्षेत्र में अमूल्य मार्गदर्शन दे रहे हैं, प्राकृतिक खेती मानवता के भविष्य और स्वास्थ्य के लिए अपरिहार्य है। स्वच्छ जल और उपजाऊ मिट्टी के बिना शरीर स्वस्थ नहीं रह सकता। जैविक खेती अपनाने से जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में भी मदद मिलेगी।
राष्ट्रपति ने महर्षि दयानंद सरस्वतीजी की जयंती के अवसर पर टंकारा आना अपना सौभाग्य माना। उन्होंने पूरे देश की ओर से इस पवित्र भूमि और महर्षि दयानन्द जी को प्रणाम किया। उन्होंने इस समारोह के आयोजन के लिए दिल्ली आर्य प्रदिनी सभा, श्री महर्षि दयानंद सरस्वती मेमोरियल ट्रस्ट-टंकारा और सभी आर्य संगठनों की सराहना की।
सुरेशचंद्र आर्य, पद्मश्री पूनम सूरी, विनय आर्य, सुरेंद्रकुमार आर्य, अजय सहगल, प्रकाश आर्य सहित आर्य समाज के नेताओं, आर्य समाज संस्थान के ट्रस्टियों, स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं ने माननीय अध्यक्ष श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी का गर्मजोशी से स्वागत किया। गुजरात प्रांतीय आर्य प्रदिनी सभा द्वारा आयोजित इस समारोह में बड़ी संख्या में आर्य समाज के स्वयंसेवक और देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोग उपस्थित थे।
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]]>इंदौर। इंदौर जिले में यातायात सुधार को देखते हुए सभी ब्लैक स्पॉट को आवश्यक सुधार कर ब्लैक स्पॉट समाप्त किया जाएगा। चिन्हित ब्लैक स्पॉट पर आवश्यक सुधार का कार्य चल रहा है। साथ ही इंदौर शहर के चिन्हित चौराहों पर सिग्नल भी लगाए जाएंगे। शहर के एमजी रोड तथा जवाहर मार्ग को वन वे करने के आधिकारिक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इंदौर में ई-रिक्शा के रूट निर्धारण के संबंध में आगामी 10 से 15 दिन में रूट आवंटन की प्रक्रिया का निर्धारण किया जाएगा। साथ ही नए ई-ऑटो रिक्शा के पंजीयन को प्रतिबंधित करने के संबंध में अगले एक माह के बाद राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
यह निर्णय आज यहां कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लिये गए। बैठक में डीसीपी ट्रैफिक श्री मनीष अग्रवाल, नगर निगम आयुक्त श्रीमती हर्षिका सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन, एसपी ग्रामीण सुनील गोयल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में ई-ऑटो रिक्शा के रूट निर्धारण के संबंध में ई-ऑटो रिक्शा चालक संघ और ऑटो रिक्शा चालक संघ के सदस्यों की उपस्थिति में सकारात्मक चर्चा की गई। तय किया गया कि अगले 10 से 15 दिनों में रूट आवंटन की प्रक्रिया का निर्धारण किया जाएगा। आवश्यकता के अनुसार नए रूट भी बनाए जाएंगे। नये ई-ऑटो रिक्शा के पंजीयन को प्रतिबंधित करने के संबंध में राज्य शासन को अगले एक माह में प्रस्ताव भेजने का निर्णय भी लिया गया।
बैठक में शहर के मध्य मार्केट के दुकान मालिकों एवं कर्मचारियों के वाहनों की पार्किंग के संबंध में भी चर्चा की गई। बताया गया कि इन्हें नगर निगम द्वारा संचालित पार्किंग स्थल पर वाहन पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस संबंध में मार्केट एसोसिएशन के पदाधिकारियों से चर्चा की जाएगी। बैठक में निर्देश दिए गए की देवगराड़िया रोड पर रेत के डंपर अवैध रूप से पार्किंग नहीं हो। उन्हें एक चिन्हित स्थान उपलब्ध कराया जाए।
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]]>इंदौर 17 जनवरी, 2024. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज राजवाड़ा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एलआईजी चौराहे से नवलखा चौराहे तक बनाए जा रहे एलिवेटेड कॉरिडोर का शिलान्यास किया। इस अवसर पर नगरीय एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, लोक निर्माण विभाग मंत्री श्री राकेश सिंह, सांसद श्री शंकर लालवानी, महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, विधायक श्री रमेश मेंदोला, श्रीमती मालिनी गौड़, सुश्री उषा ठाकुर, श्री महेन्द्र हार्डिया, श्री गोलु शुक्ला, श्री मधु वर्मा, श्री मनोज पटेल, आईडीए अध्यक्ष श्री जयपाल सिंह चावड़ा, अनुसूचित जाति वित विकास निगम के अध्यक्ष श्री सावन सोनकर, श्री गौरव रणदिवे, श्री निशांत खरे, संभागायुक्त श्री मालसिंह, कलेक्टर श्री आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त श्रीमती हर्षिका सिंह, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग श्री शालिग्राम बघेल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ये एलिवेटेड कॉरिडोर सुगम यातायात की दिशा में इंदौर को अव्वल बनाएगा। वैसे भी इंदौर सात वर्षों से स्वच्छता के मामले में अपना परचम फहरा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश विकास की नई ऊंचाई हासिल कर रहा है। विकास कार्यों में धन की कमी कभी आड़े नहीं आयेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आव्हान किया कि पाँच सौ वर्षों की प्रतीक्षा के बाद श्री राम मंदिर का निर्माण पूरा होकर श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी की इस शुभ घड़ी में दिवाली मनाते हुए दीप प्रज्वलन कर श्री राम का अभिनंदन करें। यह सभी के लिये हर्षोल्लास का विषय है।
मुगल काल में भी धर्म का संरक्षण और सम्मान बनाए रखा मां देवी अहिल्याबाई ने
माता अहिल्या का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुगल काल में भी धर्म का संरक्षण और सम्मान बनाए रखा मां देवी अहिल्याबाई ने। महेश्वर अयोध्या के घाट हों या काशी विश्वनाथ या महाकाल का मंदिर निर्माण सभी कार्य माता अहिल्या का विस्मरण नहीं होने देता। यही कारण है कि मेरे उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए माता अहिल्या की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया।
लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने कहा कि इंदौर की अधोसंरचना में नवीन तकनीक के साथ विकास की नई इबारत लिखेगा ये एलिवेटेड कॉरिडोर। इसे समय सीमा में पूरा कर दिया जाएगा। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का इंदौर में स्वागत है। इंदौर स्वच्छता कला शिक्षा खेल के साथ ही स्वाद की नगरी है। एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण के बाद अब ये सुगम यातायात के लिए भी जानी जाएगी।
इंदौर में मेडिकल टूरिज्म की दिशा में काम करने की जरूरत
नगरीय प्रशासन मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह से आग्रह किया कि इस एलिवेटेड कॉरिडोर को 15 माह की समयावधि में पूरा करवाने के निर्देश अधिकारियों को दें। स्वच्छता के साथ इंदौर को शिक्षा के क्षेत्र में भी नंबर वन बनाना है ताकि दूसरे प्रदेश के स्टूडेंट यहाँ शिक्षा ग्रहण करने आएँ। उन्होंने इंदौर में बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं का ज़िक्र कर मेडिकल टूरिज्म की दिशा में भी कार्य करने की ज़रूरत बताई।
उल्लेखनीय है कि इंदौर जिले में केंद्रीय सड़क निधि योजना अंतर्गत स्वीकृत इंदौर शहर के पुराने आगरा मुंबई मार्ग पर एलआईजी चौराहे से नवलखा चौराहे तक एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इस एलिवेटेड कॉरिडोर की लंबाई 6.70 किलोमीटर, चौड़ाई 15.50 मीटर एवं भू-तल से पुल की ऊंचाई 10 मीटर प्रस्तावित है। इसकी कुल लागत 350 करोड रुपए है। इस एलिवेटेड कॉरिडोर की एक भुजा गिटार चौराहे पर एक भुजा गीता भवन चौराहे पर मधुमिलन चौराहे की तरफ होगी। इसी प्रकार एक भुजा शिवाजी वाटिका चौराहे पर पीपल्याहाना की तरफ प्रस्तावित है। पुल निर्माण कार्य हेतु 24 माह का समय निर्धारित किया गया है।
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]]>इंदौर 17 जनवरी। आज का दिन संपूर्ण इंदौर शहर के लिए अविस्मरणीय बन गया जब जय श्री राम की गूंज और मंत्रों के उच्चारण के मध्य मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्री लक्ष्मण सिंह गौड़ उद्यान में आयरन स्क्रैप से निर्मित श्रीराम मंदिर अयोध्या की प्रतिकृति का अनावरण किया।
इस अवसर पर नगरीय एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, लोक निर्माण विभाग मंत्री राकेश सिंह, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, कृष्ण मुरारी मोघे, विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, उषा ठाकुर, महेन्द्र हार्डिया, गोलु शुक्ला, मधु वर्मा, मनोज पटेल, आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, अनुसूचित जाति वित विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, गौरव रणदिवे, निशांत खरे, कविता पाटीदार, सुदर्शन गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा संभागायुक्त मालसिंह, कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
मध्य प्रदेश से अयोध्या पहुंचाए जाएंगे 5 लाख लड्डू
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि भगवान श्री राम ने अपने जीवन काल में कई लोगों को जोड़कर उनके अंर्तऊर्जा का जागरण किया है। वे हम सभी के लिए प्रेम और स्नेह की प्रतिमूर्ति है। उन्होंने जो आदर्श जीवन जिया है वह हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है। हमें भी उनके जीवन से प्रेरणा लेकर देश के विकास में अपनी भागीदारी निभानी चाहिये। 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रदेश से 5 लाख लड्डू भिजवाए जाएंगे। कई हजार वर्ष पहले मालवा के ही सम्राट विक्रमादित्य द्वारा भगवान श्री राम का मंदिर स्थापित किया गया था, उस समय भी इसी तरह पूरे देश में उत्साह का माहौल था जो हम आज देख रहे हैं।
इंदौर नगर निगम को दी बधाई
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इंदौर को 7वी बार स्वच्छता में नंबर वन आने पर नगर निगम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इंदौर सदैव ही अपने नए-नए नवाचारों के लिए जाना जाता रहा है और उसी क्रम में आज लोहे के स्क्रेप से बनी यह श्री राम मंदिर की प्रतिकृति हम सबके लिए एक यादगार क्षण है। जो लोग अयोध्या नही जा सकते वे यहां से ही अयोध्या का आनंद ले कर श्रीराम को प्रणाम कर सकते हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों का आह्वान करते हुए कहा कि 22 जनवरी को जो कोई जहां भी हो,जिस हाल में हो वह दीप जला कर दिवाली मना कर उस दिवस को यादगार बनाएं। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने इस अवसर पर उज्जवल सोलंकी की टीम जिन्होंने तीन माह में इस मंदिर की प्रतिकृति को तैयार किया उनको सम्मानित किया। तत्पश्चात उन्होंने श्री राम मंदिर का अवलोकन भी किया।
उल्लेखनीय है कि देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर स्वच्छता के क्षेत्र में अपने नवाचारों के लिए जाना जाता है। अपनी इसी छवि को नया रूप देते हुए इंदौर नगर निगम द्वारा शहर के विश्राम बाग में भव्य राम मंदिर की प्रतिकृति तैयार कराई गई है। यह प्रतिकृति 21 टन लोहे के कबाड़ से तैयार की गई है। मजदूरों द्वारा कुल 3 महीने में इस मंदिर का निर्माण किया गया है। आयरन स्क्रैप से निर्मित इस राम मंदिर को बनाने में पुराने वाहनों के चेचिस, स्ट्रीट लाइट्स के पुराने खंबे, पुराने खराब झूले, पार्कों की टूटी फूटी ग्रिल, गेट्स, चैन सॉकेट, आदि पुराने लोहे का उपयोग किया गया है। यह मंदिर अपनी भव्यता को दर्शाते हुए श्री राम की महिमा का वर्णन करता है।
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]]>The post मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की ‘जन आभार यात्रा’ में उमड़ा जन सैलाब appeared first on Indore Mirror.
]]>इंदौर 17 जनवरी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के स्वागत में आज इंदौर में जनसैलाब उमड़ पड़ा। बड़ा गणपति से प्रारंभ हुई उनकी आभार यात्रा में जगह-जगह उनका स्वागत किया गया। उनकी आभार यात्रा राजबाड़ा में देवी अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ समाप्त हुई।
बड़ा गणपति से लेकर राजबाड़ा तक विभिन्न नागरिक संगठनों एवं सामाजिक संगठनों द्वारा स्वागत के लिए मंच लगाए गए थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ एक रथ में सवार होकर जन समुदाय का अभिवादन किया। इस दौरान विभिन्न संस्कृतियों का प्रदर्शन भी किया गया।
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]]>इंदौर. इंदौर ने पुनः अपने स्वच्छता का परचम पूरे देश में लहरा दिया है, लगातार सातवीं बार इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का खिताब प्राप्त हुआ है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार-2023 समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को यह अवॉर्ड प्रदान किया. इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव तथा नगर निगम आयुक्त श्रीमती हर्षिका सिंह उपस्थित रहे. इंदौर ने देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का अवार्ड सूरत शहर के साथ साझा किया। इंदौर को गार्बेज फ्री सिटी होने पर 7 स्टार रेटिंग प्राप्त हुई है.
2023 में देश के सबसे स्वच्छ राज्यों की श्रेणी में मध्यप्रदेश ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया है. राज्य में 7 वॉटर प्लस शहर, 3 शहरों को ओडीएफ प्लस के साथ ही 7 शहरों को ओडीएफ का दर्जा मिला है. साथ ही ओडीएफ डबल प्लस निकायों की संख्या 361 हुई है. इंदौर सहित प्रदेश के 6 शहरों भोपाल, महू कैंट, बुधनी, अमरकंटक एवं नौरोजाबाद को भी स्वच्छता अवार्ड प्राप्त हुआ है. भारत का सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट का अवॉर्ड महू कैंटोनमेंट बोर्ड को दिया गया.
इंदौरवासियों की सोच में स्वच्छताः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस बड़ी उपलब्धि पर इंदौर को बधाई देते हुए कहा कि इंदौरवासियों ने पुनः यह सिद्ध कर दिया है कि स्वच्छता न सिर्फ उनकी आदत बन चुकी है, बल्कि अब उनकी सोच में भी स्वच्छता ही है. स्वच्छता की इस सबसे बड़ी उपलब्धि पर मैं समस्त प्रदेशवासियों एवं स्वच्छता के कार्य में लगी पूरी टीम को बधाई देता हूं एवं अपील करता हूं कि स्वच्छता के लिए आपका यह जुनून कभी कम न हो. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जो संकल्प लिया है, उसे पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश सदैव कटिबद्ध है.
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]]>The post नवरचना युनिवर्सिटी के प्रोवोस्ट प्रोफेसर प्रत्यूष शंकर की “हिस्ट्री ऑफ अर्बन फोर्म ऑफ इंडिया” पुस्तक का विमोचन appeared first on Indore Mirror.
]]>वडोदरा : नवरचना युनिवर्सिटी के प्रोवोस्ट प्रोफेसर प्रत्यूष शंकर की नवीनतम पुस्तक “हिस्ट्री ऑफ अर्बन फिल्म ऑफ इंडिया” (भारत के शहरी स्वरूप का इतिहास: शुरुआत से लेकर 1900 तक) को नवरचना युनिवर्सिटी में अनावरण किया गया। यह पुस्तक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा प्रकाशित की गई है।
इस पुस्तक का विमोचन RIBA स्वर्ण पदक प्राप्तकर्ता जानेमाने वास्तुकार गुरजीत सिंह मथारू, नवरचना युनिवर्सिटी की अध्यक्षा तेजल अमीन एवं प्रोफेसर और कलाकार मयूर गुप्ता द्वारा किया गया।
इस अवसर पर नवरचना युनिवर्सिटी की अध्यक्षा श्रीमती तेजल अमीन ने कहा कि, “प्रोफेसर प्रत्यूष शंकर की यह पुस्तक हमारे शहरों को आकार देने में अन्वेषण और समझ की शक्ति को समर्पित है। यह पुस्तक उस अतीत की सराहना करने का एक प्रयास है जो हमारे वर्तमान और भविष्य को आकार देता है और हमारे अर्बन लैंडएस्केप के सार का पता लगाने और उसकी पुनर्कल्पना करने की प्रेरणा है।”
प्रोफेसर शंकर ने कहा कि, “‘भारत के शहरी स्वरूप का इतिहास’ हमारे शहरों के विकास की जटिलताओं को सुलझाने का प्रयास करता है। यह हमारी उंगलियों पर उपलब्ध विशाल मात्रा में डेटा और सच्ची समझ के बीच अंतर को दूर करने का प्रयास करता है। मेरा मानना है कि यह शहरी अध्ययन, वास्तुकला और आयोजन में आगे के प्रवचन और अन्वेषण के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।
इस पुस्तक में प्रोफेसर शंकर ने भारतीय शहरों के वास्तुशिल्प विकास की हमारी समझ में एक महत्वपूर्ण अंतर को संबोधित किया हैं। वास्तुकला, योजना, शहरी डिजाइन और भूगोल जैसे विभिन्न शैक्षणिक विषयों में “शहरी” की अवधारणा पर व्यापक रूप से चर्चा की गई है, जबकि भारतीय शहरों के ऐतिहासिक रूपों की व्यवस्थित समझ का उल्लेखनीय अभाव बना हुआ है। सैटेलाइट इमेजरी, कुल स्टेशन सर्वेक्षण और अन्य उन्नत मैपिंग तकनीकों में मौजूदा समय की प्रगति के बावजूद, एक मजबूत वैचारिक मॉडल जो शहरी रूप में पैटर्न को समझने में मदद कर सकता है, इस संबंध में भ्रांति बनी हुई है।
पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में वास्तुकला, कला और शिक्षा के क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ एक गहन पैनल चर्चा भी हुई। मथारू एसोसिएट्स के संस्थापक गुरजीत सिंह मथारू, प्रोफेसर और कलाकार मयूर गुप्ता तथा लेखक प्रोफेसर प्रत्यूष शंकर ने शहरी स्वरूप और ऐतिहासिक शहर परिदृश्य पर अपने विचार एवं दृष्टिकोण साझा किए।
कार्यक्रम में एक और मुख्य आकर्षण नवरचना युनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एनवायरनमेंट डिजाइन एंड आर्किटेक्चर (SEDA) द्वारा एक सेमेस्टर-एंड छात्रों का प्रोजेक्ट प्रदर्शन “रिसेंट ट्रेजेक्टरी” प्रदर्शनी थी। यह प्रदर्शनी स्टूडियो, कार्यशालाओं, निर्माण, इतिहास, मानविकी और अनुसंधान जैसे वास्तुकला और डिजाइन के विभिन्न विषयों के कार्यों को प्रदर्शित करती है और वास्तुकला और डिजाइन को पढ़ाने का अभ्यास उपलब्ध कराती है। यह शिक्षाविदों की व्यावसायिक यात्राओं और SEDA में उनके शिक्षण के अंतर्संबंध की एक झलक भी प्रदान करती है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया शिल्पा ठाकरे से @shilpat@nuv.ac.in पर संपर्क करें।
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]]>बीते 9 वर्षों से मोदी-शाह की जोड़ी भारत को वैश्विक फ़लक पर नई पहचान दिलाने के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सफल रणनीतियों का ही नतीजा है कि 12 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र की ‘चिल्ड्रलन एंड आर्म्डी कॉन्फ्लिक्ट रिपोर्ट’ से भारत का नाम हटा है। संयुक्त राष्ट्र ने माना कि भारत सरकार ने ‘बच्चों की बेहतर सुरक्षा’ के लिए, खासतौर से जम्मू् और कश्मीहर में बेहतर कदम उठाए हैं।
एक दौर था जब भारत का नाम बुर्किना फासो, कैमरून, लेक चाड बेसिन, नाइजीरिया, पाकिस्तान और फिलीपींस जैसे देशों के साथ ‘अपमानित सूची’ में रखा जाता था। लेकिन मोदी-शाह की जोड़ी ने इस असंभव को भी संभव कर दिखाया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ‘बच्चे और सशस्त्र संघर्ष रिपोर्ट’ के हालिया एडिशन से भारत का नाम निकाल दिया है। बाल अधिकारों के उल्लंघन पर बनने वाली इस रिपोर्ट में पहले जम्मू-कश्मीर का जिक्र ‘संघर्ष का क्षेत्र’ के रूप में होता था। यह सालाना रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई। इसमें विभिन्न देशों में सशस्त्र संघर्षों के बच्चों पर असर और उनके अधिकारों के उल्लंघन की रिपोर्ट पेश की जाती है। इसके पूर्व जम्मू-कश्मीर में बच्चों की सुरक्षा और सशस्त्र संघर्ष के चलते संयुक्त राष्ट्र ने भारत को ‘दागी और अपमानित देशों’ की सूची में रखा हुआ था। धारा 370 और 35A रद्द होने का ही नतीजा है कि 2010 के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र की दागी लिस्ट से बाहर हुआ जम्मू-कश्मीर आज सुरक्षित और शांत तरीके से प्रगति की राह पर अग्रसर है।
पिछले 9 वर्षों में मोदी-शाह की जोड़ी ने एक के बाद एक मास्टर स्ट्रोक लगाई है, नतीजतन जम्मू कश्मीूर को मुख्यधारा में लाने की उनकी कोशिश सफल होती दिख रही है। धारा 370 को रद्द कर जमू-कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाने वाले कर्मठ नेता अमित शाह ने जब संसद में इसका प्रस्ताव रखा तो तमाम विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध किया। विपक्षियों का कहना था कि ‘धारा 370 के हटने से कश्मीर में खून की नदियाँ बह जाएंगी।’ लेकिन भारतीय राजनीति के चाणक्य शाह की नीतियों का यह असर रहा कि किसी ने एक कंकड़ तक उठाने की हिम्मत नहीं की।
धारा 370 को रद्द करने के बाद ही जम्मू-कश्मीर में किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड जैसी सभी न्यायिक सेवा देने वाला इंफ्रास्ट्रक्चर को स्थापित करना संभव हो पाया। संयुक्त राष्ट्र द्वारा सुझाए गए कई उपाय पहले ही लागू किए जा चुके हैं। बाल संरक्षण को लेकर सशस्त्र तथा सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बच्चों पर घातक तथा अन्य बल प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ‘पैलेट गन’ का इस्तेमाल बंद कर दिया गया है और यह भी तय किया गया है कि कोई रास्ता न रह जाने पर ही कम-से-कम अवधि के लिए बच्चों को हिरासत में लिया जाएगा।
अमित शाह की चाणक्य नीतियों का ही नतीजा है कि धारा 370 और 35A के हटने से अब भारत की दुनिया में एक अलग ही पहचान बन गई है। संयुक्त राष्ट्र की ‘बच्चे और सशस्त्र संघर्ष रिपोर्ट’ की अपमानित सूची से बाहर निकलना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। भारत आज अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है।
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]]>भोपाल। आदिवासी युवा दशमत रावत के साथ हुई शर्मनाक घटना का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने चंद घंटो में ही न्याय दिलाया। सीधी के इस आदिवासी युवा को मुख्यमंत्री ने न केवल न्याय दिलाया बल्कि आदिवासी युवा को घर पर भी बुलाया और उसके पैर भी धोए और उससे माफी भी मांगी।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कहा है कि प्रदेश में आदिवासी समुदाय के साथ ही किसी के भी साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आरोपी के घर पर बुलडोजर भी चलवाया और साथ ही उसे कडी से कडी सजा दिलवाने की भी बात कही है।
मुख्यमंत्री ने जिस प्रकार से आदिवासी युवा दशमत रावत को घर बुलाया उसे टीका लगाया और फिर शाल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने उसके साथ खाना भी खाया और उसके घर के हालचाल भी जाने। मुख्यमंत्री के इस कार्य की संपूर्ण देश में और खासतौर पर आदिवासी समुदाय में खूब तारीफ हो रही है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर शिवराज सिंह चौहान के न्याय और तत्परता की खूब तारीफ हो रही है। ट्विटर पर जनरक्षक मामा ट्रेंड भी करने लगा और लोगों ने शिवराज सिंह चौहान को सही अर्थों में जननायक और जनरक्षक करके संबोधित किया है।
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]]>The post मध्यप्रदेश में होगी आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना, रंग लाई इंदौर के डॉ. द्विवेदी की कोशिशें appeared first on Indore Mirror.
]]>इंदौर। मध्यप्रदेश में जल्द ही आयुष विश्वविद्यालय स्थापित किया जायेगा। आयुष मंत्रालय मध्यप्रदेश संचालनालय ने इस संबंध में पत्र जारी कर आयुष विवि शुरू किए जाने की पुष्टि कर दी है। इस संबंध में 25 मई 2023 को जारी पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में आयुष विवि प्रारंभ करने की कार्यवाई शुरू की जा चुकी है।
उक्त जानकारी भारत शासन के आयुष मंत्रालय की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी ने दी। वो लंबे समय से प्रदेश में आयुष विवि शुरू करने की कोशिशें कर रहे हैं। उनका प्रयास है कि यह विवि इंदौर में स्थापित हो क्योंकि प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में चिकित्सा और इंजीनियरिंग से जुड़े विश्वविद्यालय पहले से ही स्थापित हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सपनों के शहर और मध्यप्रदेश की व्यावसायिक एवं शैक्षणिक राजधानी, माँ अहिल्या की नगरी इंदौर में ही आयुष विश्वविद्यालय स्थापित किया जाना श्रेयस्कर एवं हितकर होगा।
सांसद, मंत्री और विधायक भी प्रयासरत
डॉ. द्विवेदी ने बताया कि इंदौर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना को संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर तथा विधायक महेंद्र हार्डिया द्वारा भी आयुष विभाग (मप्र शासन) को पत्र लिखा जा चुका है। इस संबंध में सांसद शंकर लालवानी भी मुख्यमंत्री से कई बार चर्चा कर चुके हैं। डॉ. द्विवेदी स्वयं भी राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा संबंधित मंत्रालयों के मंत्रियों से इस बारे में लगातार चर्चारत रहे हैं।
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