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निवेश के नाम पर लोगों से करोड़ों की धोखाघडी करने वाली गैंग पकड़ाई
राऊ पुलिस ने फर्जी एडवाइजरी कंपनी चलाने वालों को किया गिरफ्तार
इंदौर. फर्जी एडवाइजरी कंपनी चलाकर निवेश के नाम पर लोगों से करोड़ो की धोखाघडी करने वाली गैंग को राऊ पुलिस ने गिरफ्तार किया है. राऊ ने सक्रियता के साथ कार्रवाई कर ई-मेल के माध्यम से प्राप्त शिकायत पर फर्जी एडवाइजरी कंपनी का भंडाफोड़ कर उक्त आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपियो द्वारा अभी तक लगभग 5 करोड रुपये से ज्यादा की राशि निवेशको से निवेश करवा कर उनसे धोखाधड़ी की है. आरोपियों के कब्जे से नगदी 13 लाख रुपये, 25 एंड्राईड मोबाईल, 10 लेपटाप, 2 गाड़िया, प्लाट व फ्लेट्स के कागजात, ज्वेलरी, इम्पोर्टेड घडिया तथा 50 से ज्यादा क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड जब्त किए गए.
जानकारी के अनुसार 15 अप्रैल को आवेदक रायफल मैन सौरभ कुमार मिश्रा 19वी आसाम रायफल अ कम्पनी का एक आवेदन थाने के ई-मेल के माध्यम से प्राप्त हुआ. आवेदन में बताया कि 10 फरवरी 2022 को आवेदक सौरभ कुमार के पास काव्या नाम की लड़की के मोबाईल नंबर 7415583307, 8349066440 से फोन आया. उसने श्री दादाजी ट्रेडर्स निजी कंसलेट्स कंपनी में पैसे निवेश करने के बारे में बताया और अच्छा मुनाफा लेने के लिए कहा. इस पर 11 फरवरी को आवेदक से खाता नंबर -50200063824980 921020034657425 व खाता नंबर 57720200001443 खाते में कुल 3,78,000 रुपये निवेश के नाम पर ले लिये. बाद में आवेदक द्वारा संपर्क करने पर फोन बंद कर लिया. आवेदक की शिकायत पर प्रकरण दर्ज किया गया.
वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में पुलिस थाना राऊ ने तुरन्त कार्यावाही करते हुए प्रकरण में आरोपी कैलाश पिता देवीदिन मोर्या (29) निवासी बिजलपुर रोड, कपित उर्फ रोहित पिता किशोर हार्डिया (20) निवासी किशनगंज, दीपक पिता मुद्रिका प्रसाद तिवारी (26) निवासी इन्दौर, यज्ञदत्त पिता मोहनलाल शर्मा (29) निवासी राऊ जिला इन्दौर, मुरली पिता सुदामा पाटनकर (31) निवासी वंदना नगर, अनिल यादव (43) निवासी किशनगंज, अमित पिता विरेन्द्र जोशी (32) निवासी किशनगंज, विनोद तिवारी (25) निवासी इन्दौर, विशाल पिता उमेश जयसवाल (33) क्षिप्रा जिला इन्दौर और प्रकाश पिता पूर्णानंद भट (31) निवासी इन्दौर को गिरफ्तार किया.
ऐसे करते थे धोखाधड़ी
उक्त प्रकरण में अमित पिता मोहनलाल बरफा सबसे पहले मोबाईल नंबरो का डाटा गूगल एड से प्राप्त करता था. उक्त डाटा को अमित, आरोपी पवन तिवारी को देता था. पवन तिवारी साफ्टवेयर के माध्यम से डाटा को पूरी टीम को देता था और टीम कॉल कर ग्राहकों से एडवाईजरी कपनी में निवेश करने का लालच देकर उन्हे कंपनी में निवेश करवाते थे. प्रारंभ में ये लोग एक-दो बार छोटे-छोटे निवेश को कुछ मुनाफा देकर निवेशकों को वापस करते थे. इस लालच में आकर निवेशक बड़ी राशि एडवाईजरी कंपनी में निवेश करता था. तब ये लोग उक्त राशि निवेशको को वापस नहीं करते थे एवं अपना मोबाईल फोन व सिम बंद कर लेते थे. उक्त आरोपियो द्वारा अभी तक लगभग 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि निवेशकों से निवेश करवा कर उनसे धोखाघडी की गई है.
लग्जरी तरीके से जीते थे लाइफ
पुलिस द्वारा आरोपियों के कब्जे से नगदी 13 लाख रुपये, 25 एंड्राईड मोबाईल, 10 लेपटाप , 02 गाड़िया, प्लाट व फ्लेट्स के कागजात, ज्वेलरी, इम्पोर्टेड घडिया तथा 50 से ज्यादा क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड जब्त किये गये हैं. अभी तक इनके खातो से लगभग 05 करोड का ट्राजेक्शन होना पाया गया. उक्त आरोपी अपनी लाईफ स्टाईल लग्जरी तरीके से जीते थे. उक्त आरोपियों द्वारा अपने नाम से कई बैंकों में खाता खोल रखा था जो निवेश के नाम पर फायदा पहुंचाने का लोगों को लालच देकर रुपये डलवा लेते थे और फिर अपना फोन बंद कर लेते थे.
टीम सदस्यों को देते थे इंसेंटिव
उक्त आरोपियो द्वारा कपनी के दिये गये टारगेटो को पुरा करने पर, कपंनी अपनी टीम के सदस्यो को इंसेटिव्ह के तौर पर कई बार गोवा, मनाली, खण्डाला मुम्बई जैसे अनेक शहरो मे विकली छुट्टी मनाने के लिए भेजा जाता था. जहां पर इनका लाखो का खर्चा कंपनी वहन करती थी. पुलिस द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और सभी खातो को पुलिस द्वारा फ्रीज करवा गया है. आरोपियों से प्रकरण में विस्तृत पूछताछ की जा रही है।