- टास्कअस ने हर महीने 250 से ज़्यादा नए स्टाफ को नियुक्त करने की योजना के साथ इंदौर में तेजी से विस्तार शुरू किया
- Capture Every Live Moment: OPPO Reno13 Series Launched in India with New MediaTek Dimensity 8350 Chipset and AI-Ready Cameras
- OPPO India ने नए AI फीचर्स के साथ पेश की Reno13 सीरीज़
- इंदौर एनिमल लिबरेशन की पहल: जानवरों के अधिकारों का हो समर्थन
- सपनों को साकार करने का मंच बन रहा है ‘प्लास्ट पैक 2025’
वर्कशॉप में डॉक्टर्स ने सीखी लेप्रोस्कोपिक से हर्निया की पेनलेस सर्जरी
हॉर्निया सोसाइटी ऑफ इंडिया की 2 दिवसीय कॉन्फ्रेंस एचएसआईकॉन आज से
प्री कांफ्रेंस के दौरान कैडेवर पर छह वर्कशॉप और चार लाइव सर्जरी हुई।
इंदौर। आज के समय हॉर्निया बहुत कॉमन बीमारी हो गई है पर लोगों को इसके बारे में पता न होने के कारण वह इसे नजरअंदाज करते रहते हैं और अंत में परेशानी जब ज्यादा बढ़ जाती है तो फिर डॉक्टर के पास पहुंचते है मॉर्डन लाइफस्टाइल के कारण मोटे लोगों और डायबिटीक पेशेंट में हॉर्निया होने का खतरा काफी बढ़ गया है यह कहना है श्री अरविंदों यूनिवर्सिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर और इकार्ड इंडिया के वाईस प्रेसिडेंट डॉ. महक भंडारी का। वह गुरुवार को हॉर्निया सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से 27 सिंतबर से आयोजित की जा रही दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस एचएसआईकॉन के तहत इरकाड इंडिया सेंटर में आयोजीत प्री कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप को बतौर कोर्स कन्वीनर संबोधित कर रहे थे।
डॉ. मोहक ने बताया कि बॉडी के किसी इंटनरल ऑर्गन या टिशू किसी असामान्य जगह से बाहर उभरना हर्निया कहलाता है। ऐसा आम तौर पर किसी कमज़ोर जगह पर होता है। आमतौर पर, हर्निया में पेट ,आंत या ओमेंटम शामिल होता है। इसके लक्षणों में उभार, सूजन या दर्द शामिल है। कुछ मामलों में, कोई लक्षण नहीं होते हैं। आमतौर पर लोग इस तरह के असमानम्य उभार को तब तक इग्नोर करते है जब तक उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है। जब परेशानी बढ़ जाती है तो वह डॉक्टर को अप्रोच करते है पेशेंट की कंडीशन को देखते हुए सर्जरी का डिशिजन लिया जाता है जिससे टिशू अपनी सामान्य जगह पर आ जाता है और छेद बंद हो जाता है। उन्होंने बताया कि मॉर्डन लाइफस्टाइल के कारण मोटे लोगों और डायबिटीक पेशेंट में हॉर्निया होने का खतरा काफी बढ़ गया है।
वर्कशॉप में ट्रेनिंग लेने आए विदेशी डॉक्टर्स भी
ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन डॉ. आशुतोष सोनी ने बताया इरकाड इंडिया सेंटर में प्री कॉन्फ़्रेंस में 6 कोर्स का आयोजन किया गया था। इसमें केडवर पर अलग अलग प्रकार की हर्निया सर्जरी की वर्कशॉप कंडक्ट की गई साथ ही 4 लाइव सर्जरी भी हुई। इस वर्कशॉप में शामिल हुए डॉक्टर्स ने हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के जरिए हर्निया की सर्जरी की बारिकियों को समझा। वर्कशॉप में हर्निया की लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिस सर्जरी के बारे में भी सिखाया गया। इस अवसर पर हर्निया सोसायटी ऑफ इंडिया (एचएसआई) के प्रेसिडेंट डॉ. विजय बोरगांवकर, एचएसआई के सेक्रेटरी डॉ. सरफराज बेग भी उपस्थित थे। वर्कशॉप में ट्रेनिंग लेने आने वालों देश के विभिन्न हिस्सों से आए डॉक्टर्स के अलावा नेपाल और इजरायल के डॉक्टर्स भी शामिल थे।
सभी टाइप्स के हर्निया के मॉर्डन ट्रीटमेंट पर होगा डिस्कशन
ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. सुदेश सारडा ने बताया कि वर्कशॉप में नेशनल और इंटरनेशनल फैकल्टी ने विभिन्न सेशन को कंडक्ट किया। इसमें हर्निया की पेनलेस सर्जरी, हाइएटस हर्निया (इस हर्निया के कारण एसिडिटी और ब्लोटिंग जैसी समस्या होती है) और बड़े साइज के हर्निया की सर्जरी के बारे में जानाकारी दी गई। शुक्रवार और शनिवार को होटल रेडिसन में एचएसआईकॉन का आयोजन किया जाएगा। इन 2 दिनों में हार्निया के सभी प्रकार के हर्निया और उनके मॉर्डन ट्रीटमेंट के बारे में डिस्कशन किया जाएगा। इसमें शामिल होने के लिए देशभर के डॉक्टर्स और नेशनल व इंटरनेशनल फैकल्टी आ रही है। एक साथ तीन हॉल में सेशन ऑर्गेनाइज किए जाएंगे। इसके अलावा क्वीज, पेपर एंड पोस्टर प्रेजेंटेशन, पैनल डिस्कशन, डिबेट्स, ओपन माइक आदि का भी आयोजन किया जा रहा है।