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अपनी इच्छाएं थोपकर बच्चों का बचपन छीनने की प्रयास न करे
बिजली कार्मिकों को बताई गई गुड पेरेंटिंग
इंदौर। अभिभावक बच्चों को अच्छा बनाना चाहते है, लेकिन बच्चों पर अपनी इच्छाएं लाद देते है, यह प्रक्रिया ठीक नहीं है। बच्चों को सही गलत तो बताए लेकिन उन पर अपनी इच्छाओं का बोझ नहीं डाले, यह बच्चों के मानसिक व संपूर्ण विकास प्रक्रिया में बाधक बन सकता है।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के नवीन सभागार में मंगलवार शाम गुड पेरेंटिंग कार्यक्रम …जाय सेंटर आफ लाइफ… में विषय विशेषज्ञ डॉ. समीर गोलवलकर ने ये बातें कही।
उन्होंने कि दस वर्ष की आयु तक बच्चों के उपर पढ़ाई का बोझ डालना ठीक नहीं है, उन्हें बचपन का आनंद लेने दिया जाए। उन्होंने कहा कि हम बच्चों के मित्र बनकर उन्हें खुश रखे, न की मालिक बनकर दिनभर अपनी इच्छाओं से उन्हें कुंठित स्थिति में लाए।
मप्रपक्षेविविकं के प्रबंध निदेशक अमित तोमर के निर्देश पर आयोजित इस रचनात्मक कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य महाप्रबंधक रिंकेश कुमार वैश्य, कार्यपालक निदेशक संजय मोहासे, गजरा मेहता आदि के आतिथ्य में हुआ। संचालन श्रीमती रूपाली गोखले ने किया।
आभार माना श्रीमती रीना चौधरी ने। संयुक्त सचिव श्री तरूण उपाध्याय ने बताया कि इस तरह के रचनात्मक आयोजन सतत होंगे। इससे कार्मिकों एवं उनके परिजनों के लिए सकारात्मक व खुशनुमा माहौल तैयार किया जाएगा। कार्यक्रमों का केलेंडर भी तैयार किया गया है।