एनीमिया मुक्त भारत के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा- डॉ. द्विवेदी

अंतरराष्ट्रीय सिकल सेल जागरूकता दिवस के उपलक्षय में एडवांस्ड होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च एवं वेलफेयर सोसाइटी तथा आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में हुआ राज्य स्तरीय आयोजन

इंदौर। अंतरराष्ट्रीय सिकल सेल जागरूकता दिवस के उपलक्ष्य में रविवार को राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन अभिनव कला समाज गांधी हाल इंदौर में किया गया। एडवांस्ड होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च एवं वेलफेयर सोसाइटी तथा आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान हुए आयोजन में वक्ताओं ने बीमारी की गंभीरता लक्षण बचाव के उपाय तथा ईलाज पर अपनी बात रखी.

कार्यशाला की शुरुआत सुबह 10 बजे अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर की। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि विधायक इंदौर -5 श्री महेंद्र हार्डिया एवं विशिष्ट अतिथि पार्षद श्रीमती विजयलक्ष्मी अनिल गौहर थे. मुख्य वक्ता के तौर पर प्रो. डॉ. रवि अशोक डोसी (चेस्ट फिजिशियन और एचओडी,कोकिला बेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल इंदौर), एसोसिएट प्रो. डॉ. वैभव चतुर्वेदी (कंसलटेंट साइकेट्रिस्ट, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल इंदौर) और सिमरन मीरवानी (हेल्थ एंड वेलनेस एक्सपर्ट, इंदौर), डॉ. डीएन मिश्रा (प्रिंसिपल, शिवांग होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज भोपाल), सेवानिवृत्त पूर्व अपर संचालक जनसंपर्क मप्र डॉ. भूपेंद्र गौतम थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय होम्योपैथी अनुसन्धान परिषद् आयुष मंत्रालय भारत सरकार के वौज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. एके द्विवेदी ने की .सभी अतिथियों का स्वागत शॉल-श्रीफल के साथ ही अनार के पौधे देकर किया गया। यहाँ अनार के पौधे देने का उद्देश्य था क्योंकि सिकल सेल। एनीमिया खून से संबंधित बीमारी है और अनार खून बढ़ाने में कारगर है और पर्यावरण में भी सहायक होगा।

कार्यशाला की शुरुआत में वार्ड-49 की पार्षद विजय लक्ष्मी अनिल गौहर ने संबोधित किया। विधायक श्री महेन्द्र हार्डिया ने कहा कि सिकल सेल को लेकर केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है। विधायक ने खून की जांच को पुराने समय से जोड़ते हुए कहा कि आप लोगो को पता होगा कि हमारे बड़े बुजुर्ग, विवाह करने से पहले गोत्र देखते थे और एक गोत्र होने पर विवाह नहीं करते थे। इसका कारण था कि एक गोत्र में शादी होने से सिकल सेल सहित कई अन्य बीमारी है तो उसके अगली पीढ़ी में जाने का खतरा होता था। लेकिन अब हमें सिकल सेल जैसी बीमारियों को अगली पीढ़ी में जाने से रोकने के लिए विवाह से पूर्व खून की जांच करवाना ही चाहिए।

एप्रोच टू अ पेशेंट विथ ब्रेथलेसनेस (स्पेशल रिफ्ररेंस टू एनीमिया) विषय पर डॉ. रवि अशोक डोसी ने पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि मरीज को देखते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। सांसे फूलने को लेकर कहा कि लोगो को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। मरीज को देखते समय सांसे फूलने का कारण, जगह, माहौल और इमोशनल फैक्टर को भी देखना चाहिए ताकि उस मरीज की संपूर्ण स्तिथि के हिसाब से उपचार दिया जा सके। आप ने कहा कि एनीमिया खून की कमी के कारण भी २५ परसेंट लोगो को दमा जैसा प्रतीत होता है. जिसमें मरीज़ के एनीमिया का इलाज करने से ही वह पूरी तरह ठीक हो जाता है

हॉउ टू डील विथ डिप्ररेशन एंड एंजाइटी इन क्रोनिक डिजीज एसोसिएट प्रो. डॉ. वैभव चतुर्वेदी
ने कहा कि हमेशा पॉजिटिव थिंकिंग रखना चाहिए। पॉजिटिव थिंकिंग से इम्युनिटी सिस्टम भी बूस्ट होता है। कई बार डिप्रेशन और एंगजाइटी की स्थिति में मरीज दिनभर उदासी, अनिंद्रा, ट्रीटमेंट नहीं लेने की इच्छा जैसा महसूस करता है। ऐसे समय पर मनोचिकित्सक की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है और वो मरीज के इलाज में सहायक की भूमिका निभाता है। डॉ. चतुर्वेदी ने डिप्रेशन के दौरान 54321 टेक्निनक और किसी भी परिस्थिति में खुद को रिलैक्स करने के लिए डीप ब्रीथिंग का इस्तेमाल करने की सलाह भी सभी को दी।

स्वस्थ जीवन, सबसे बड़ा धन विषय पर डाइट के बारे में बताते हुए सिमरन मीरवानी घर में आसानी से उपलब्ध खाद्य पदार्थ की जानकारी दी जिससे कि वजन कम किया जा सकता है और व्यक्ति खुद की सेहत को दुरुस्त रख सकता है। साथ ही भोजन का सही समय बताया और पानी पीने का तरीका भी बताया।

होम्योपैथी चिकित्सा 50 मिलिसमल पोटेंसी की देने से अब रक्त चढ़ाने की नहीं पड़ रही है जरूरतः डॉ. द्विवेदी

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. द्विवेदी ने कहा कि भारत सरकार की 2047 में एनीमिया मुक्त भारत की परिकल्पना में सभी चिकित्सकों एवं समाजसेवी संस्थानों तथा जनता को मिलकर सहयोग करना होगा। सिकल सेल की बीमारी अतयंत गंभीर, असाध्य एवं पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली बीमारी है। इसके लिए जागरूकता के साथ-साथ शादी पूर्व रक्त जांच जब तक अनिवार्य नहीं होगी तब तक बीमारी को अगली पीढ़ी में जाने से रोका जाना असंभव होगा। सिकल सेल का इलाज किसी भी चिकित्सा पद्धति द्वारा अभी तक संभव नहीं हो सका है लेकिन होम्योपैथी चिकित्सा द्वारा सिकल सेल की बीमारी से पीड़ित मरीजों के दुःख दर्द एवं असहनीय पीड़ा को कम किया जा रहा है। साथ ही ऐसे मरीज जिन्हें बार-बार रक्त चढ़ाना पड़ता था उन्हें मेरे द्वारा एडवांस्ड होम्योपैथी चिकित्सा 50 मिलिसिमल पोटेंसी की देने से अब रक्त चढ़ाने की जरुरत नहीं पड़ रही है। होम्योपैथिक चिकित्सा के माध्यम से मैंने कई मरीज को उपचार दिया है जो बिना खून चढ़ाए सामान्य जीवन जी रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि डॉ. द्विवेदी बतौर कार्यपरिषद सदस्य देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर द्वारा झाबुआ में सिकल सेल एनीमिया बीमारी के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस भी बनाने के लिए प्रयासरत हैं। डॉ. द्विवेदी बताते हैं कि मध्यप्रदेश के राजयपाल मंगुभाई पटेल से सिकल सेल की बीमारी पर कार्य करने प्रेरणा मिलती रहती है वहीं जनवरी 2023 में इंदौर आगमन के दौरान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी सिकल सेल की बीमारी पर होम्योपैथी चिकित्सा के प्रभाव को लेकर डॉ. द्विवेदी से मुलाकात हो चुकी है।

*कार्यशाला के समापन सत्र में मुख्य अतिथि सांसद शंकर लालवानी और विशेष अतिथि विधायक क्षेत्र – 2 रमेश मेंदोला थे। विधायक मेंदोला ने डॉ. द्विवेदी द्वारा किए जा रहे जागरूकता कार्य की प्रशंसा की। सांसद ने कहा कि सिकल सेल बीमारी वनवासी क्षेत्र में ज्यादा देखने मे आती है. प्रधानमंत्री इस बीमारी को खत्म करने के लिए चिंतित है और सरकार द्वारा इसके उन्मूलन के लिए प्रयास भी किए जा रहें.

डॉ. द्विवेदी जी द्वारा होम्योपैथी से किए जा रहे उपचार के जो परिणाम आ रहे है वो बेहद आश्चर्यजनक है। होम्योपैथिक चिकित्सा विधा को आगे बढ़ना चाहिए और इसके प्रयास हम सबको करना चाहिए। आज संकल्प ले कि हम सब मिलकर इस बीमारी को खत्म करने में अपना सहयोग देंगे। कार्यकम की शुरुआत में संस्था की और डॉ. विवेक शर्मा, डॉ. जितेन्द्र पूरी, विनय पांडे आदि ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन श्री दीपक उपाध्याय ने किया. आभार श्री राकेश यादव द्वारा ब्यक्त किया गया.

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