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रोहन और चीनू के प्यार के लिए उनका प्रेमदूत बनना बड़ा मजेदार और दिलकश अनुभव था :सुचिता त्रिवेदी
मुम्बई : बीते वर्षों में हमने देखा है कि पैरेंट्स अपने बच्चों के लिए सही लड़के या लड़की की तलाश करते रहे हैं और वही यह तय करते हैं कि उनके मिस्टर या मिस राइट कैसे होने चाहिए। हालांकि ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है, जब मां-बाप तमाम मुश्किलों से लड़ते हुए अपने बच्चों को उनकी जिंदगी के प्यार से मिलाते हों।
सोनी टीवी का पॉपुलर शो इंडियावाली मां ऐसे ही निस्वार्थ प्यार की कहानी है, चाहे वो मां-बाप का प्यार हो या दो प्रेमियोंका! यह शो यकीनन दर्शकों के लिए खुशनुमा अनुभव साबित हो रहा है। इस शो के हाल के ट्रैक में काकू (सुचिता त्रिवेदी) और हंसमुख (नितेश पांडे) अपने बेटे रोहन और उसकी प्रेमिका चीनू को मिलाने की जिम्मेदारी उठाते हैं और इसकी खातिर वो प्रेमदूत (क्यूपिड) भी बन जाते हैं। तमाम मुश्किलों का सामना करने के बाद आखिर उनकी मेहनत रंग लाती है और फिर सारा परिवार एक हो जाता है। इसके बाद चारों तरफ प्यार और हंसी-खुशी फैल जाती हैं!
पैरेंट्स के अपने बच्चों के प्रेमदूत बनने को लेकर सुचिता त्रिवेदी ने कहा, “मुझे यह सीक्वेंस बहुत अच्छा लगा। ऐसी मां का रोल निभाना बड़ा दिलकश अनुभव था, जो अपने बेटे की खुशियों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहती हैं। वो जानती हैं कि उनके बेटे की खुशियां किस बात में है, भले ही उनके बेटे को यह एहसास ना हो! क्या यह पैरेंटिंग नहीं है? मुझे लगता है कि इस शो ने पैरेंट्स के लिए एक और उदाहरण पेश किया है और उन्हें सिखाया है कि किस तरह वक्त पड़ने पर वो अपने बच्चों के प्रेमदूत बन सकते हैं।“