होम्योपैथी रिसर्च के लिए गुजराती कॉलेज का सीसीआरएच से करार

केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री डॉ. मुंजपरा महेन्द्रभाई की उपस्थिति में आदान – प्रदान हुआ एमओयू

इंदौर। कोरोना महामारी से संघर्ष में होम्योपैथी चिकित्सा ने अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शहर, प्रदेश और देश में जहाँ एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं वहीं राहत भरी खबर ये है कि आयुष मंत्रालय की केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद् (सीसीआरएच) ने गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, इंदौर को होम्योपैथी से जुड़े शोध कार्य करने की सहमति प्रदान कर दी है। इससे निकट भविष्य में न केवल अनेक गंभीर बीमारियों से बेहतर ढंग से निपटा जा सकेगा बल्कि शहर के स्टूडेंट्स को भी बहुत चिकित्सीय ज्ञान के लिहाज से बेहतर प्रशिक्षण और वातावरण मिलेगा।

यह जानकारी आयुष मंत्रालय, सी सी आर एच की वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. एके द्विवेदी ने दी। उन्होंने बताया कि शोध के लिए आयुष मंत्रालय की केंद्रीय अनुसंधान परिषद् से सहमति मिलना न केवल गुजराती होम्योपैथिक कॉलेज बल्कि पूरे इंदौर शहर के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगी। उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष श्री गुजराती समाज इंदौर के 100 वर्ष भी पूरे हो रहें हैं.

उक्त एमओयू पर केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद की तरफ़ से महानिदेशक डॉ सुभाष कौशिक जी एवं डॉ देवदत्त नायक जी तथा श्रीमती कमलाबेन रावजीभाई पटेल गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की ओर से चेयरमैन श्री भरत भाई शाह एवं प्राचार्य डॉ. एस.पी.सिंह ने साइन किये। इस अवसर पर केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री डॉ. मुंजपरा महेन्द्रभाई और कॉलेज के शासी निकाय के अध्यक्ष भरतभाई शाह भी मौजूद थे। अब शीघ्र ही गुजराती समाज द्वारा संचालित होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में आयुष मंत्रालय की केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद् की देखरेख में होम्योपैथी रिसर्च प्रारम्भ हो जायेगी।

जटिल बीमारियों के होम्योपैथिक इलाज पर होगी रिसर्च

उल्लेखनीय है कि विश्व होम्योपैथी दिवस से जुड़े गरिमामय आयोजन में हिस्सा लेने के लिए भरतभाई शाह, डॉ. सिंह और डॉ. द्विवेदी गत दिनों दिल्ली में थे। उक्त आयोजन के दौरान कैंसर, एनीमिया, सीकेडी (क्रोनिक किडनी डिसीजेज), आईबीएस तथा अन्य जटिल बीमारियों के होम्योपैथिक इलाज पर रिसर्च के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। भविष्य में अन्य चिकित्सा पद्धतियों के साथ मिलकर होम्योपैथी के जरिये मरीजों को जटिल बीमारियों से राहत दिलाने की संभावनायें भी तलाशी गईं।

होम्योपैथिक चिकित्सा, शिक्षा और अनुसंधान हेतु प्रयासरत

आयुष मंत्रालय की वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड में 2015 से लगातार तीसरी बार शामिल इंदौर के प्रख्यात चिकित्सक डॉ. ए.के. द्विवेदी होम्योपैथिक चिकित्सा, शिक्षा और अनुसंधान की दिशा में विशेष रूप से प्रयासरत हैं। जटिल रोगों से पीड़ित देश-विदेश के अनेक मरीजों का होम्योपैथिक चिकित्सा से सटीक उपचार कर उन्होंने न केवल मरीजों की जिंदगी बचाई है बल्कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति लोकप्रिय बनाने में भी अहम भूमिका भी निभाई है। कोरोना काल के दौरान उनकी अति-विशिष्ट चिकित्सकीय सेवाओं के लिए उन्हें शासन-प्रशासन द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। उनकी लिखी किताब कोरोना के साथ और कोराना के बाद भी इन दिनों चर्चा में है तथा देश-विदेश की अनेक गणमान्य विभूतियों द्वारा यह किताब सराही जा रही है।

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