परमार्थ करो जीवन मंगलमय हो जाएगा: आदर्श मति माताजी 

इंदौर. जो अपने जीवन को परमार्थ कार्य में लगता है उसका जीवन मंगलमय हो जाता है. यह नश्वर शरीर,  मिठाई पर चढ़े  हुए वर्क के जैसा है जो बाहर से चमकता रहता है. हम अपने शरीर को सजने सवारने में दिन रात लगे रहते हैं  जबकि हमें अपनी आत्मा का चिंतन करना चाहिए.
यह बात आर्यिका  105 श्री आदर्श मति माताजी ने जबरी बाग नसिया जैन मंदिर में 105 श्री अनुनय मति माताजी के चातुर्मास स्थापना के अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि कितना भी शोरगुल हो, हम मोबाइल से बात कर ही लेते हैं. लेकिन अपने आत्मा से बात एकांत एवं शांत वातावरण में रहकर भी नहीं कर पाते क्योंकि आज हम कोलाहल के आदी हो चुके हैं ।इसलिए हमें जीवन का हल नहीं मिल पा रहा है.
पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर जबरी बाग नसिया जी इंदौर में आचार्य विद्यासागर महाराज की आज्ञानुवर्ती, वात्सल्य मूर्ति शिष्या आर्यिका 105 श्री अनुनय मति माता जी ससंघ का मंगल वर्षायोग कलश स्थापना महोत्सव कार्यक्रम परम पूज्य  आर्यिका  105 श्री  आदर्श मति माताजी के सानिध्य मे सम्पन्न हुआ. कार्यक्रम के दौरान सर्वप्रथम ध्वजारोहण, मंगलाष्टक, दीप प्रज्वलन किया गया.
मीडिया प्रभारी संजीव जैन संजीवनी व प्रकाश चंद शास्त्री, प्रदीप गोयल, विशाल जैन  ने बताया कि प्रथम मंगल कलश स्थापित करने का सौभाग्य श्री हीरू भैया पार्श्व नाथ प्रिंटिंग प्रेस को  एवं द्वितीय कलश ष्ठरू ब्रोकर सियागंज को प्राप्त हुआ. प्रतिदिन सुबह 8.30 बजे से आर्यिका संघ के प्रवचन संपूर्ण चातुर्मास काल में मंदिर जी पर होंगे।

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