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होम्योपैथी के सबसे अच्छे डॉक्टर भारत में
अंतरराष्ट्रीय होम्योपैथी मीट में जुटे सैकड़ो चिकित्सक
इंदौर। अंतरराष्ट्रीय होम्योपैथी मीट का आयोजन शुक्रवार को होटल अमर विलास में किया गया। अंतरराष्ट्रीय मीट के मुख्य वक्ता हैनीमैन कॉलेज ऑफ होम्योपैथी स्लोफ़ बर्कशायर यूनाइटेड किंग्डम डॉ शशि मोहन शर्मा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता होम्योपैथी डॉक्टर एके द्विवेदी ने की।
मीट में प्रदेशभर से होम्योपैथी के 100 से अधिक चिकित्सक शामिल हुए। डॉ. एके द्विवेदी को इस अवसर पर डॉक्टर शर्मा ने विशेष सम्मान हैनीमैन कॉलेज होम्योपैथी स्लोफ़ बर्कशायर यूनाइटेड किंग्डम इंटरनेशनल अवार्ड ऑफ एक्सीलेंसी से सम्मानित भी किया।
डॉ शशि मोहन शर्मा ने अवसाद, कैंसर, गठिया, शुगर आदि बीमारियों में होम्योपैथी चिकित्सा पर अपनी बात कहते हुए कहा कि इन बीमारियों में होम्योपैथी असर कारक साबित हो रही है। गंभीर बीमारियों में यदि मरीज शुरुआती दौर में होम्योपैथी का इलाज ले तो उसे ऑपरेशन की नौबत नहीं आएगी और वह पूरी तरह ठीक हो जाएगा।
होम्योपैथी के बारे में डॉक्टर शशि ने कहा कि होम्योपैथी का जन्म जर्मनी में हुआ जिसे डॉक्टर सैमुअल हेनीमेज ने किया था। होम्योपैथी एलोपैथी से 7 गुना तेज काम करती है। भारत के डॉक्टर ने होम्योपैथी को गंभीरता से लिया और अब होम्योपैथी के सबसे अच्छे डॉक्टर भारत में है। पिछले कुछ सालों में लोगों में जागरूकता बढ़ने से होम्योपैथी के प्रति रुझान बड़ा है।
शर्मा ने कहा कि 46 सालों से होम्योपैथी से इलाज कर रहा हूं। सबसे अधिक मरीज गैस्टिक, डिप्रेशन, मानसिक तनाव, स्किन प्रॉब्लम के आते हैं। होम्योपैथी के प्रति जागरूक होने के कारण अब लोग गंभीर बीमारियों में भी होम्योपेथी इलाज ले रहे हैं। बच्चों में ऑटिज्म की समस्या आ रही है। फ़ास्ट फूड खाना, आइसक्रीम, फिजिकल एक्टिविटीज का कम होना इसकी वजह है। अच्छी सेहत के लिए घर का खाना अच्छा होता है।
डॉक्टर शर्मा ने कहा कि अधिकतर लोग पूछते हैं डॉक्टर ऑपरेशन क्यों करते हैं मेरा जवाब हमेशा यही रहता है कि उनके पास इलाज नहीं है इसलिए वे ऑपरेशन करते हैं।
डॉ एके द्विवेदी ने कहा कि आप्लास्टिक एनीमिया, चिकनगुनिया, डेंगू तथा प्लेटलेट की कमी में होम्योपैथी दवाइयां बहुत जल्द काम करती हैं। होम्योपैथी दवाइयों का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। होम्योपैथी की इपेटोरिम पेरफोरेटम नामक दवा प्लेट्लेट्स बढ़ाकर वाइरल बूखार में राहत दिला सकती है। हर बीमारी का इलाज होम्योपैथी में मरीज समय रहते जागरूक हो जाए तो वह पूरी तरह ठीक हो सकता है।
कार्यक्रम के दौरान हेनिमेंन कॉलेज ओफ़ होम्योपैथिक यूनाइटेड किंगडम द्वारा होम्योपैथिक चिकित्सा, शिक्षा तथा अनुसंधान में लगातार 21 वर्षों तक बेहतर कार्यों के लिए अंतर राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया ।