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मधुमेह की रोकथाम नहीं की जाए तो आँखों पर होता है गहरा प्रभाव: डॉ. पद्मजा रानी
इंदौर. इंदौर डिविजनल आप्टोमेट्री वेलफेयर एसोसिएशन एवं आप्टोमेट्री काउंसिल ऑफ इंडिया के संयुक्त संयोजन से 2 दिवसीय राष्ट्रीय दृष्टि दोष विशेषज्ञ सम्मेलन “दृष्टि मंथन” शुभारम्भ चोइथराम नेत्रालय धार रोड पर हुआ. मुख्य अतिथि मेनेजिंग ट्रस्टी श्री अश्विनी वर्मा और डॉ. पद्मजा रानी, आप्टोमेस्ट्री वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र वैष्णव एवं सचिव धर्मेन्द्र आनिया द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया ।
पहले दिन मुख्य वक्ता एल. वी. प्रसाद आई हॉस्पिटल की विभागाध्यक्ष डॉ. पद्मजा रानी थी, जिन्होंने मधुमेह से आंखों पर होने वाले दुष्प्रभाव की रोकथाम एवम प्रबंधन विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया ।
इस अवसर पर एल वी प्रसाद आई हॉस्पिटल हैदराबाद में रेटिना विभाग की प्रमुख डॉ. पद्मजा रानी ने कहा – “समय पर मधुमेह की अगर रोकथाम नहीं की जाए तो इसका आँखों पर गहरा प्रभाव होता है. एक सर्वेक्षण के मुताबिक अंधत्व होने के कारणों में डायबिटिक रेटिनोपैथी 20 प्रतिशत है. मरीजों को याद रख कर प्रत्येक छः माह में रेटिना की जांच करवानी चाहिए। इस जांच में ऑप्टोमेट्रिस्ट की भूमिका मत्वपूर्ण होती है.
आज इस वर्कशॉप के माध्यम से हमारे द्वारा ऑप्टोमेट्रिस्ट डायबिटिक रेटिनोपैथी की स्क्रीनिंग कैसे करे और उसमे क्या क्या सावधानी रखी जाए इस पर चर्चा की गई हैl यह जानकारी किसी ऑप्टोमेट्रिस्ट के लिए डायबिटिक रेटिनोपेथी से होने वाले अंधत्व को रोकने के लिए महत्वपूर्ण होगी ।”
आगे उन्होंने बताया कि “लाइफ स्टाइल के कारण टाइप टू डायबिटिज़ के ज्यादा मामले सामने आ रहे है l 40 वर्ष पूर्ण होने पर सभी को रेटिना की जांच करवाना चाहिए और जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्त चाप) और मधुमेह होता है उन्हें वर्ष में एक बार डायलेटेड आँखों की जांच और फंडस फोटोग्राफी करवाना आवश्यक होता है जिससे भविष्य में हो सकने वाले अंधत्व को रोका जा सकें l
चोइथराम नेत्रालय धार रोड के मेनेजिंग ट्रस्टी श्री अश्विनी वर्मा ने कहा की “ आज हम गोरवान्वित हो रहे की आप्टोमेस्ट्रीस्ट कांफ्रेंस “दृष्टि मंथन” हमारे यहाँ हो रही है और जिसमे देश भर से आए हुवे आप्टोमेस्ट्रीस्ट शामिल हो रहे है l इस सम्मलेन के माध्यम से हमारे यहाँ के छात्रो को भी बहुत कुछ सिखने को मिलेगा l
इंदौर डिविजनल आप्टोमेस्ट्री वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र वैष्णव एवं सचिव धर्मेन्द्र आनिया ने बताया : आज “दृष्टि मंथन” के पहले दिन डॉ. पद्मजा रानी मुख्य वक्ता रही जिन्होंने देश भर से आए आप्टोमेस्ट्रीस्ट की जिज्ञासाओ को शांत किया और अपना नॉलेज भी उनसे साझा किया l
“दृष्टि मंथन” के दुसरे दिन यानी 15 दिसंबर को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में कांफ्रेंस आयोजित होगी जिसमें मुख्य अतिथि सांसद श्री शंकर लालवानी एवं नागपुर से आए अंतरराष्ट्रीय वक्ता आप्टोमेट्रिस्ट यशवंत साओजी मुख्य वक्ता होंगे। जो कि बढ़ती उम्र के बच्चों एवं युवाओं में चश्में के माइनस नंबर बढ़ने की रोकथाम हेतु उपाय व प्रबंधन के अलावा कॉन्टेक्ट लेंस की नई विधा टोरिक व मल्टीफोकल लेंसेस पर नई तकनीकी का विस्तार पूर्वक व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे।
इसी सत्र दूसरे राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वक्ता होंगे हैदराबाद के आप्टोमेट्रिस्ट नागेश वुप्पाला जो टीवी, कम्प्यूटर एवं मोबाइल से होने वाले दुष्प्रभावों से बचाव हेतु कारगर उपाय एवं अल्पदृष्टि हेतु नई तकनिकी एवं डिवाइस पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे। एवं लेंस की नई विधाओं एवं आधुनिक तकनीकी विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन प्रेमजीत मूड़बुरी के निर्देशन में किया जा रहा है।