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आईआईएम संबलपुर और सिडबी ने लघु बुनकरों और शिल्पकारों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए हाथ मिलाया
संबलपु. भारतीय प्रबंधन संस्थान, संबलपुर (ओडिशा) और सिडबी ने राज्य और देश भर में विभिन्न बुनाई और शिल्प समूहों के लघु व्यवसाय / सूक्ष्म उद्यम पारितंत्र को सुदृढ़ करने हेतु 18 अक्टूबर 2022 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस भागीदारी के अंतर्गत आपूर्ति-श्रृंखलाओं को सशक्त बनाने, क्लस्टरों को आत्मनिर्भर बनाने और उद्यमिता की संस्कृति को विकसित करने जैसे अनेक रणनीतिक हस्तक्षेप किए जाएंगे। समझौता ज्ञापन पर आईआईएम, संबलपुर के निदेशक प्रोफेसर महादेव जायसवाल और सिडबी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. शुभ्रांशु आचार्य ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर सुश्री मोनिशा बनर्जी, आईएएस, जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर, बरगढ़; सुश्री अनन्या दास, आईएएस, जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर, संबलपुर और श्री आकाश मिश्रा, निदेशक, सरकारी मामले, पूर्वी क्षेत्र फ्लिपकार्ट समूह भी उपस्थित थे। इस अवसर पर डॉ. सुरेंद्र मेहर और डॉ. रामकृष्ण मेहर बारगढ़/संबलपुर हथकरघा समूहों के मुख्य(मास्टर) बुनकर भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में इन बुनकरों को डिजिटल ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने के लिए फ्लिपकार्ट के साथ आईआईएम की साझेदारी की घोषणा भी की गई।
डॉ. शुभ्रांशु आचार्य, मुख्य महाप्रबंधक, सिडबी ने अपने संबोधन में सिडबी द्वारा क्लस्टरों के विकास हेतु किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने क्लस्टरों की व्यवसाय विकास सेवा संबंधी आवश्यकताओं की पहचान करने और उनके समाधान के माध्यम से क्लस्टरों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने की आवश्यकता का उल्लेख किया। उन्होंने बरगढ़ हथकरघा क्लस्टर से समकालीन डिजाइन, पैकेजिंग और ऑनलाइन प्लेटफार्मों की ताकत का लाभ उठाते हुए गैर-स्थानीय बिक्री की हिस्सेदारी को मौजूदा 25-30% से बढ़ाकर लगभग 50% करने पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि आईआईएम संबलपुर स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए काम कर सकता है और साथ ही, एक डिजाइन और शिल्प इनक्यूबेटर स्थापित करने पर भी विचार कर सकता है। उन्होंने कहा कि आज का समझौता ज्ञापन क्लस्टर की क्षमता का निर्माण करने का एक प्रयास है जोकि कल्स्टरों की उत्पाद लागत, चालान, जीएसटी, डिजाइन, बाजार-कनेक्ट, आदि जैसी कथित कमियों को दूर करने में सहायक सिद्ध होगा।
आईआईएम संबलपुर के निदेशक प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने सिडबी के साथ समझौता ज्ञापन के महत्व पर प्रकाश डाला तथा यह बताया कि इस प्रयास का यह लक्ष्य है कि पिरामिड के निम्नतम स्तर पर काम करने वाले बुनकरों की क्षमताओं ऐसा विकास किया जा सके कि वे औपचारिक बाजारों तक सुगमता से पहुंच बना सकें। आईआईएम और सिडबी लघु व्यवसायों की समस्याओं के समाधान हेतु काम करेंगे, ताकि उन्हें बढ़ने, पनपने और प्रतिस्पर्धी बाजारों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिल सके।
सुश्री अनन्या दास, आईएएस, डीएम एवं कलेक्टर, संबलपुर ने मुख्य महाप्रबंधक के शिल्प इनक्यूबेशन केन्द्र के विचार का समर्थन किया और इस पहल के लिए प्रशासन से सहयोग का आश्वासन दिया। सुश्री मोनिशा बनर्जी, आईएएस, डीएम एवं कलेक्टर, बरगढ़ ने इस नितांत आवश्यक पहल की सराहना की और भागीदारों से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि इस भागीदारी का लाभ अंतिम बुनकर तक पहुंचे और ये दीर्घकाल तक बनी रहें।