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इन्दिरा आईवीएफ बनी 1 लाख सफल आईवीएफ करने वाली पहली फर्टिलिटी चैन
बीकानेर सेंटर ने नन्हीं खुशियाँ थीम पर किया सेलिब्रेशन
बीकानेर। मातृत्व सुख महिला को सबसे अधिक सुकून प्रदान करता है लेकिन किसी कारण से वो माँ नहीं बन पाती है तो खुद को असहाय महसूस करती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में लगभग 186 मिलियन महिला-पुरूष निःसंतानता से जूझ रहे हैं लेकिन ज्यादातर दम्पती इसका सफल और आधुनिक उपचार नहीं ले पाते हैं।
निःसंतानता के उपचार में देश की सबसे बड़ी फर्टिलिटी चैन इन्दिरा आईवीएफ ने एक लाख सफल आईवीएफ प्रक्रियाएं पूरी करके निःसंतानता के इलाज में एक मिसाल पेश की है। मात्र 11 वर्षों में उच्च सफलता दर के साथ बड़ा मुकाम हासिल करने पर इन्दिरा आईवीएफ बीकानेर केन्द्र में नन्हीं खुशियाँ कार्यक्रम का समारोहपूर्वक सेलिब्रेशन किया गया। इस कार्यक्रम में सेंटर हेड डॉ. शवेता अग्रवाल और स्टाफ ने केक काटा तथा लाभान्वित और इलाजरत दम्पतियों का सम्मान करके उनके साथ खुशियां बांटी।
इन्दिरा आईवीएफ ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन डॉ. अजय मुर्डिया ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा कि इन्दिरा आईवीएफ ने रियायती दरों में विश्वस्तरीय उपचार की यात्रा की शुरूआत पहली आईवीएफ बेबी नव्या के साथ की थी जो अब एक लाख से अधिक सफल आईवीएफ प्रक्रियाओं का सफर पूरा कर चुकी है। इन्दिरा आईवीएफ की सफलता के पीछे अवेयरनेस, अफोर्डेबिलिटी, एक्सेसिबिलिटी और एक्यूरेसी चार प्रमुख स्तम्भ हैं।
एक लाख सफल आईवीएफ प्रक्रियाएं पूरी होने के उपलक्ष्य में इन्दिरा आईवीएफ के सह-संस्थापक और सीईओ डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने कहा कि निःसंतानता भारत छोड़ो अभियान के तहत देशभर में 2100 से अधिक निःशुल्क निःसंतानता परामर्श शिविरों का आयोजन किया जा चुका है जिसमें हजारों निःसंतान दम्पतियों को निःसंतानता और उपचार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी है। हम देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में भी 107 सेंटर के माध्यम से निःसंतानता का उच्चस्तरीय उपचार प्रदान करने के लिए दृढ संकल्पित हैं।
इन्दिरा आईवीएफ के सह-संस्थापक और निदेशक नितिज मुर्डिया ने कहा कि आईवीएफ की सफलता दर बहुत कुछ भ्रूण वैज्ञानिक एवं उन्नत लैब पर भी निर्भर करती है, साथ ही उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इलेक्ट्रोनिक विटनेसिंग एडवांसमेंट से आईवीएफ में पारदर्शिता और सफलता में बढ़ोतरी हुई है।
इन्दिरा आईवीएफ बीकानेर सेंटर हेड डॉ. शवेता अग्रवाल ने कहा कि निःसंतानता के केसेज में पति-पत्नी दोनों के टेस्ट करवाने चाहिए । हमारे यहां मरीज की काउन्सलिंग और जांच रिपोर्ट के आधार पर समस्या के अनुरूप उपचार के लिए उचित तकनीक का उपयोग किया जाता है इस कारण दम्पतियों को अधिक सफलता मिलती है। एक लाख सफल आईवीएफ प्रोसिजर पूरे होने के उपलक्ष्य में लाभान्वित दम्पतियों को आमन्त्रित कर उनके साथ सेलिब्रेशन करते हुए केक काटा गया तथा उन्हें उपहार बांटे गये। इस अवसर पर केन्द्र में पूरे अप्रैल महीने में निःशुल्क निःसंतानता परामर्श शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिसमें दम्पती निःसंतानता से संबंधित समस्याओं को लेकर विशेषज्ञों से निःशुल्क परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।