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गेहूं ट्रांसपोर्ट कर, सुरक्षित भंडारण के दिए निर्देश

कलेक्टर ने शहर के ट्रांसपोर्टर के साथ की बैठक
इंदौर. मध्य प्रदेश राज्य ने इस वर्ष गेहूं उपार्जन में पंजाब को पीछे छोड़ प्रथम स्थान अर्जित किया है। इंदौर जिले में भी गेहूं की रिकॉर्ड मात्रा में उत्पादकता दर्ज की गई है। मॉनसून नजदीक होने से यह आवश्यक हो गया है कि शीघ्र ही गेहूं का सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित किया जाए।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने उपरोक्त विषयांतर्गत शहर के विभिन्न ट्रांसपोर्टर्स के साथ आज कलेक्टर कार्यालय में बैठक की। इस दौरान सांसद श्री शंकर लालवानी, नगर निगम आयुक्त श्री प्रतिभा पाल, एडीएम श्री बी.बी.एस. तोमर, एडीएम श्री अभय बेडेकर, आरटीओ श्री रघुवंशी एवं शहर के विभिन्न ट्रांसपोर्टर्स एवं मोटर मालिक उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने ट्रांसपोर्टर्स एवं मोटर मालिकों से गेहूं को सोसाइटी से उठाकर सुरक्षित गोडाउन तक ट्रांसपोर्ट करने हेतु चर्चा की। उन्होंने बताया कि मानसून नजदीक होने से यह कार्य शीघ्र किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
एडीएम श्री अभय बेडेकर ने बताया कि, गेहूं के ट्रांसपोर्ट हेतु जिला प्रशासन को करीब 250 ट्रकों की आवश्यकता है। जिसके माध्यम से अधिकतम 15 दिनों में संपूर्ण गेहूं गोडाउन तक पहुंचाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि शहर में करीब 3 लाख 65 हजार मैट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया है। जिसमें से 2 लाख 15 हजार मैट्रिक टन गेंहू गोडाउन में रखा जा चुका है, तथा 1 लाख 40 हजार मेट्रिक टन गेंहू खुले में रखा है।
उन्होंने बताया कि इस 1 लाख 40 हजार मैट्रिक टन गेहूं में से 63 हजार मेट्रिक टन शेड में रखा हुआ है तथा तारपोलिन से ढका है। परंतु शेष 75 हजार मेट्रिक टन गेंहू खुले में रखा है जिसे शीघ्र ही गोडाउन अथवा सुरक्षित स्थान तक पहुंचाए जाने की व्यवस्था की जानी है।
बैठक में बाणेश्वरी संस्था के श्री दुर्गेश शुक्ला ने बताया कि सभी ट्रांसपोर्ट, मोटर मालिकों की सहमति से 15 दिवस हेतु 16 से 20 टन क्षमता वाले ट्रक हेतु 37 हजार, 21 से 25 टन क्षमता हेतु 40 हजार एवं 25 से 30 टन हेतु 43 हजार रुपए दिए जाने पर सहमति दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त 400 रुपये प्रतिदिन के आधार पर ट्रक ड्राइवर भत्ता साथ ही डीजल, टोल चार्ज तथा हम्माली भी उपलब्ध कराई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि जिले में कुल 82 उपार्जन केंद्र हैं। सभी में खरीदी प्रारंभ हो चुकी है। जिले में पंजीकृत 32 हजार 833 पंजीकृत किसानों में से 88% किसानों से खरीदारी की जा चुकी है।