मध्यप्रदेश में चलाया जाएगा “किल कोरोना अभियान”

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दिए निर्देश

इंदौर. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के समस्त कमिश्नर्स, कलेक्टर्स, आईजी, डीआईजी, एसपी, सीईओ जिला पंचायत, सीएमएचओ, मेडिकल कॉलेज के डीन आदि से चर्चा की।

उन्होंने बताया कि, संपूर्ण राज्य में “किल कोरोना अभियान” चलाया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य प्रत्येक घर का गंभीरता पूर्वक सर्वे करना तथा संक्रमण पाए जाने की स्थिति में प्रोटोकॉल के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के द्वारा हम कोरोना संक्रमण की श्रृंखला को तोडेंगे।

वीसी के दौरान भोपाल से गृह, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैस, डीजीपी श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री संजय शुक्ला तथा इंदौर से संभागायुक्त डॉ पवन शर्मा, कलेक्टर श्री मनीष सिंह, डीआईजी श्री हरिनारायणचारी मिश्र, एसपी श्री सुरज वर्मा, डॉ प्रवीण जड़िया, डॉ अमित मालाकार आदि ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि किल कोरोना अभियान के तहत प्रत्येक व्यक्ति का बारीकी से सर्वे किया जाएगा। साथ ही संक्रमण पाए जाने की दिशा में सार्थक ऐप के माध्यम से कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाएगी।

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि 23 मार्च से 22 जून के आंकडों का अवलोकन करने पर पाया गया कि 25 मई को प्रदेश में कोविड-19 के सर्वाधिक 1 हजार 622 प्रकरण दर्ज किए गये। कोविड-19 की संख्या की दृष्टि से यह पीक का समय था जिसके बाद से यह ग्राफ डाउनवार्ड ट्रेंड में चल रहा है। पिछले हफ्ते 1 हजार 143 प्रकरण सामने आए हैं।

उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में कोविड-19 प्रकरणों की ग्रोथ रेट 1.43 प्रतिशत है जबकि देश में 3.43 प्रतिशत ग्रोथ रेट है। दूसरे राज्यों से की तुलना में भी मध्य प्रदेश की ग्रोथ रेट बहुत कम है। राज्य में रिकवरी प्रतिशत 76 प्रतिशत है जबकि देश में यह आंकड़ा 55 प्रतिशत के करीब है।

ट्रूनाट टेस्टिंग से बढ़ाएं टेस्टिंग क्षमता

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी जिलों में शत प्रतिशत टेस्टिंग क्षमता का उपयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि टेस्ट ना करना अथवा समय से टेस्ट ना होने के कारण संक्रमण का इलाज कठिन हो जाता है। इसके साथ ही संक्रमण फैलने की आशंका भी बनी रहती है। उन्होंने बताया कि किसी भी दशा में टेस्टिंग क्षमता से कम टेस्ट होने पर संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

बताया गया कि मध्य प्रदेश में 19 जिले ऐसे हैं जहां कोविड-19 के 10 से अधिक सक्रिय प्रकरण मौजूद हैं तथा 33 जिले ऐसे हैं जहां कोविड-19 के 10 से कम सक्रिय प्रकरण हैं। मध्यप्रदेश राज्य आईआईटीटी अर्थात आईडेंटिफाई, आइसोलेट, टेस्ट एंड ट्रीट के सिद्धांत पर कोरोना संक्रमण की रोकथाम की दिशा में कार्य कर रहा है। इंदौर की समीक्षा करते हुए बताया गया कि जिले में 20 हजार 192 टेस्ट पर मिलियन किए जा चुके हैं। शहर में लगातार मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए जा रहे हैं।

एक जुलाई से प्रारंभ होगा डोर टू डोर सर्वे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान बताया कि राज्य को कोरोना मुक्त प्रदेश बनाने के उद्देश्य से एक जुलाई 2020 से संपूर्ण राज्य में डोर टू डोर सर्वे कार्य प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम में शासन, प्रशासन के साथ-साथ जनता की सहभागिता सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। अतः “सार्थक-लाइट सिटीजन एप” के माध्यम से नागरिक भी रोकथाम के प्रयासों में सहभागी बन सकेंगे। इसके साथ ही “कोविड-मित्र” वॉलिंटियर्स के द्वारा भी जागरूकता एवं रोकथाम हेतु किए जा रहे प्रयासों को गति मिलेगी।

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