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प्री कांफ्रेंस वर्कशॉप में सीखा जटिल इम्प्लांट्स और टूटे दांतों को रिपेयर करने का तरीका
डेंटिस्ट्री-सेपिंग स्माइल्स चेंजिंग लाइव्स थीम पर इंडियन डेंटल एसोसिएशन की 41वीं आईडीए एमपी स्टेट डेंटल कॉन्फ्रेंस आज से
इंदौर । इंडियन डेंटल एसोसिएशन की ओर से 41वीं आईडीए एमपी स्टेट डेंटल कॉन्फ्रेंस शनिवार से शुरू होने जा रही है। इससे पहले शुक्रवार को इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में प्री कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में पुणे से आए ओरल एंड मैक्सीलोफेशियल सर्जन डॉ. जनेश रमेश कन्नूर टेरिगोएट और टिल्टेड इम्प्लांट के बारे में एमपी के अलग-अलग कॉलेजों से आए स्टूडेंट्स को जानकारी दी।
इंडेक्स डेंटल कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ़ प्रोसथोडेन्सिस में हुई इस वर्कशॉप में डॉ कन्नूर ने बताया कि यह इम्प्लांट खासतौर पर उन लोगों के लिए उपयोगी है, जिसके मुंह में पीछे के दांत नहीं है। ऐसी स्थिति में नार्मल इम्प्लांट नहीं लगाए जा सकते हैं। टेरिगोएट इम्प्लांट लगाकर इनके ऊपर परमानेंट दांत लगाए जाते हैं, जो कन्वेंशनल इम्प्लांट से ज्यादा ड्यूरेबल होते हैं। चूंकि मुंह के पीछे की ओर कई जटिल संरचनाएं होती है इसलिए इस इम्प्लांट को लगाने के लिए विशेष स्किल जरूरी होती है। बहुत कम ही डेंटिस्ट यह इम्प्लांट करते हैं और सेंट्रल इंडिया में पहली बार इसका लाइव डेमोस्ट्रेशन किया गया है।
टूटे हुए दांतों को रिपेयर करने की दी ट्रेनिंग
वहीं दूसरी वर्कशॉप मॉर्डन डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर में आयोजित की गई, जिसमें बिहार के बुद्धा डेंटल कॉलेज से आए एमडीएस डॉ. चिकोय वांग ने स्टूडेंट्स को टूटे हुए दांतों को रिपेयर करने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कम्पोज़िट आर्टिफिशियल मटेरियल है, जिसे टूटे हुए दांतों को रिपेयर करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। कम्पोजिट का शेड सबसे जरुरी होता है। इसके बाद आपका बिल्ड अप भी इस तरह का होना चाहिए कि देखने वाले को यह पता ना लगे कि कहां असली दांत है और कहां रिपेयरिंग की गई है। इस वर्कशॉप को सफल बनाने में मोहित बदलानी डायरेक्टर,मॉडर्न डेंटल कॉलेज, डीन डॉ. अमित भारद्वाज , वाइस डीन डॉ. सुरुचि सिसोदिया और डॉ. मैनक कांति साह (पीजी निर्देशक) ने अपना अटूट सहयोग दिया है।
फीमेल मेंबर संभाल रही सारी जिम्मेदारी
ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ प्रशांति रेड्डी ने बताया कि शनिवार से ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में डेंटिस्ट्री-सेपिंग स्माइल्स चेंजिंग लाइव्स थीम पर कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। स्टेट प्रेसिडेंट आईडीए डॉ मनीष वर्मा ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस की खास बात यह है कि इसकी ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के सभी 65 मेंबर फीमेल है। यह पहला मौका है कि इस तरह की किसी कॉन्फ्रेंस के सभी मेंबर फीमेल है। दो दिन के इवेंट में 18 नेशनल लेवल के की-नोट स्पीकर और 6 गेस्ट स्पीकर शामिल होंगे, जिसमें दिल्ली, महाराष्ट्र, बंगलौर, गुजरात आदि राज्यों के एक्सपर्ट शामिल होंगे। शनिवार की शाम को कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए आए सभी डेलीगेट्स और गेस्ट स्पीकर के लिए कल्चरल इवेंट का आयोजन किया जा रहा है जो शाम 5 से 7 बजे तक आयोजित किया जाएगा।
इंटरनेशनल स्पीकर के लेक्चर भी होंगे
कांफ्रेंस सेक्रेटरी डॉ सुपर्णा गांगुली ने बताया कि कॉन्फ्रेंस के दौरान भी दो वर्कशॉप आयोजित की जाएगी जिसमें बच्चों के क्राउन लगने से रिलेटेड और रूट कैनाल ट्रीटमेंट को लेकर वर्कशॉप आयोजित की जाएगी। साइंटिफिक चेयरपर्सन डॉ मधु रात्रे और रोली श्रीवास्तव ने बताया कि कॉन्फ्रेंस सीबीसीटी – हेड और नैक रीजन के लिए एडवांस एक्स – रे पर भी चर्चा होगी। कॉन्फ्रेंस में एक इंटरनेशनल स्पीकर वंदना कुमार अमेरिका का वर्चुअल लेक्चर भी रखा गया है।
यूजी और पीजी स्टूडेंट्स भी बनेंगे हिस्सा
स्टेट सेक्रेटरी डॉ विवेक चौकसे और चेयरपर्सन रजिस्ट्रेशन डॉ कृतिका मिश्रा ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में 500 से ज्यादा डेलीगेट्स शिरकत करेंगे। कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए पूरे मध्यप्रदेश से यूजी/पीजी के स्टूडेंट्स और टीचर्स के साथ ही प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर शामिल होंगे। सभी लेक्चर को इन सभी को ध्यान में हुए तैयार किया गया है। इसके अलावा कॉन्फ्रेंस में पोस्टर प्रेजेंटेशन और पेपर प्रेजेंटेशन होंगे साथ ही रिसर्च, टॉपिक रिव्यु या फिर यूनिक केस डिस्कस किए जाएंगे।