माउथ कैंसर के बढ़ते मामले देख डेंटल डॉक्टर्स ने तम्बाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने का किया निवेदन

डेंटिस्ट्री-सेपिंग स्माइल्स चेंजिंग लाइव्स थीम पर इंडियन डेंटल एसोसिएशन की 41वीं आईडीए एमपी स्टेट डेंटल कॉन्फ्रेंस शनिवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में हुई शुरू

इंदौर। मध्यप्रदेश में तंबाकू से होने वाले मुंह के कैंसर के बढ़ते हुए केसेस को देखते हुए आज कांफ्रेंस में इंडियन डेंटल एसोसिएशन के द्वारा नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश जी से यह निवेदन किया गया है कि वे तंबाकू और उससे बनने वाले उत्पादों पर टैक्स को बढ़ाएं साथ ही तंबाकू नियंत्रण एक्ट का सख्ती से पालन किया जाए, जिससे लोगों के स्वास्थ्य की स्थिति बेहतर हो पाएगी और सरकार तंबाकू जनित बीमारियों के इलाज पर जो पैसे खर्च करती है, उसका सदुपयोग दूसरे जनहित के कार्यों में हो पाएगा।

यह जानकारी इंडियन डेंटल एसोशिएशन के स्टेट प्रेसिडेंट डॉ. मनीष वर्मा ने ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में शनिवार से शुरू हुई इंडियन डेंटल एसोसिएशन की 41वीं आईडीए एमपी स्टेट डेंटल कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा हमने मंत्री जी का ध्यान इस बात पर भी आकर्षित किया कि डेंटल प्रॉब्लम्स का इलाज इंश्योरेंस के अंतर्गत नहीं आता है इसलिए लोग अपने दांतों का समुचित इलाज नहीं करा पाते हैं और उनके शरीर के दूसरे अंगों पर भी उसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसके लिए इंश्योरेंस रेगुलेटरी बोर्ड को विशेष पहल करने की आवश्यकता है। डॉ. राजीव चुघ ने आयोजन के अध्यक्षता की।

प्रेंग्नेंट लेडीज के लिए स्पेशल कैंपेन

डॉ. मनीष वर्मा ने बताया कि इंडियन डेंटल एसोसिशन और कॉमन वेल्थ डेंटल एसोसिशन मिलकर प्रेग्नेंट लेडीज के लिए भी हमने एक खास कैंपेन शुरू किया है। प्रेग्नेंट लेडीज को अक्सर मसूड़ों में समस्या होने से मिसकैरेज होने का डर रहता है। इस बारे में जागरूकता लाने के लिए विगत एक वर्ष से काम कर रहे हैं। कॉन्फ्रेंस के पहले दिन डॉ. पलाश दीक्षित को डेंटल के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड देकर नवाजा गया। कॉन्फ्रेंस में बतौर गेस्ट नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय शामिल और विधायक मालिनी गौड़ शामिल हुए। इस अवसर पर श्री विजयवर्गीय ने कहा कि आप सबको खुल के हसने में सहायता कर रहे है। इसके लिए आप सभी का धन्यवाद। दंत चिकित्सा में जो वैज्ञानिक क्रांति आई है वो बेहद सराहनीय है।

फीमेल कमेटी ने 3 महीने में डिजाइन की पूरी कॉन्फ्रेंस

ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ प्रशांति रेड्डी ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में डेंटिस्ट्री-सेपिंग स्माइल्स चेंजिंग लाइव्स थीम पर हो रही इस कॉन्फ्रेंस की ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के सभी 65 मेंबर फीमेल है। यह पहला मौका है कि इस तरह की किसी कॉन्फ्रेंस के सभी मेंबर फीमेल है। दो दिन के इस इवेंट 3 महीने में डिजाइन किया है। इसमें 18 नेशनल लेवल के की-नोट स्पीकर और 6 गेस्ट स्पीकर शामिल होने आए हैं। जिसमें दिल्ली, महाराष्ट्र, बंगलौर, गुजरात आदि राज्यों के एक्सपर्ट भी शामिल है।

दिखता चाइनीज बोलता हूं हिंदी इसलिए मिला बॉलीवुड में काम

कॉन्फ्रेंस में आए डेंटल सर्जन और बॉलीवुड एक्टर डॉ. सीएच लियाओ ने बताया कि मेरे पूर्वज चाइना के है पर मेरा जन्म जबलपुर में हुआ है। मेरी बॉडी की पैकिंग चाइना के लोगों की तरह है पर मैं हूं इंडियन। मेरी यही खूबी मुझे बॉलीवुड में काम दिलाती है। मेरी तरह एकदम शुद्ध हिंदी बोलेने वाला चाइनीज मिलना मुश्किल है। मैं बॉलीवुड में शौकिया तौर पर गया था। 2016 में न्यूज़ पेपर में आया था कि सलमान खान की अगली मूवी में चाइनीज कलाकारों की जरूरत हो सकती है। मैंने अपने दोस्तों से इस बारे में बात कि तो मुझे कास्टिंग डायरेक्टर का नंबर मिला। मैंने उन्हें अपने फोटोग्राफ भेजे तो उन्होंने मुझे ऑडिशन का एक वीडियो भेजने के लिए कहा। इसके बाद 10 दिन के अंदर मैं सलमान खान की मूवी के सेट पर था जिसे कबीर खान डायरेक्टर कर रहे थे।

कबीर खान की एक बात ने बढ़ा दिया कॉन्फिडेंस

डॉ. सीएच लियाओ ने बताया कि जब मैं पहली बार शूट पर पहुंचा तो मुझे ये तो पता था कि मैं कर लूंगा पर आत्मविश्वास नहीं था। पर एक सीन में डायरेक्टर कबीर खान दूसरे एक्टर्स के साथ एक सीन सूट कर रहे थे पर वो एक्टर वैसा नहीं कर पा रहे थे जैसा कबीर चाह रहे थे। मैं दूर से ये सब देख रहा था। इसके बाद कबीर ने एक स्टंट मैन की मदद से उस सीन को शूट करने की कोशिश की पर वह भी वैसा नहीं रहा जैसा वो चाह रहे थे। मुझे समझ में आ गया था उन्हें क्या चाहिए। मैं उनके पास गया और बोला सर एक बार मैं ट्राई करूं। उन्होंने मुझे मौका दिया और जैसे ही सीन कंम्प्लीट हुआ वहां मौजूद हर व्यक्ति ताली बजाने लगा। मै कबीर खान जी के पास गया और बोला सर इसमें कुछ और बेहतर करना हो तो हम एक बार फिर कर सकते हैं। तब उन्होंने कहा कि आप ने इसे एक सीनियर एक्टर की तरह एक्ट किया है और कुछ करने की जरूरत नहीं है। उनकी यह बात सुनकर मेरा कॉन्फीडेंस बढ़ गया और मुझे लगा कि मैं ये काम और बेहतर तरीके से कर सकता हूं।

फिल्म सेट पर इलाज कराने आए डायरेक्टर जेपी दत्ता

डॉ. सीएच लियाओ ने बताया कि 2018 पलटन फिल्म के डायरेक्टर जेपी दत्ता अचानक से मेरे पास आए। उनकी बेटी के दांतों में दर्द हो रहा था वह बहुत परेशान थी और वो मुझे खोजते हुए आए बेटी के दांतों को चेक करने की गुजारिश की। ऐसा कई बार होता है कि जब फिल्म के सेट पर डेंटिस्ट होते हैं तो लोग वही इलाज करवाने चले आते हैं। मैंने फिल्म ट्यूबलाइट के बाद पलटन, यमला पगला दीवाना फिर से, वाह जिंदगी, मेड इन चाइना, मलयालम फिल्म उंडा, हॉलीवुड फिल्म जेड में काम किया। वेब सीरीज में द ऑफिस सीजन 1, 2, द फॉरगॉटन आर्मी, द लास्ट आवर, बोस में भी काम करने का मौका लिया। इसके अलावा इश्क में मरजावा सीजन 2, तेरा मेरा साथ रहे जैसे कई सीरियल्स में भी एक्टिंग कर चुका हूं।

बच्चों मे क्राउन लगाने पर हुआ वर्कशॉप का आयोजन

कांफ्रेंस सेक्रेटरी डॉ सुपर्णा गांगुली ने बताया कि कॉन्फ्रेंस बच्चों के क्राउन लगने से रिलेटेड और रूट कैनाल ट्रीटमेंट को लेकर वर्कशॉप हुई है। इसमें मुंबई से आए एमडीएस पीडियाट्रिक्स डॉ. मिलिंद शाह ने बायोफ्लिक्स क्राउन के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि यह पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री में सबसे लेटेस्ट कैप माने जाते है। इनका इस्तेमाल बच्चों में रूट कैनाल या किसी फीलिंग के बाद कैपिंग के लिए किया जाता है। यह कैप इसलिए लगाया जाता है कि जिस दांत का ट्रीटमेंट किया गया है वह अगर दूध का दांत है तो वो 12 साल की उम्र तक खराब न हो जो आमतौर पर दूध का दांत टूटने की उम्र मानी जाती है। इससे पहले स्टील के कैप इस्तेमाल होते थे जो कि पेरेंट्स को दिखने में अच्छे नहीं लगते थे। वहीं बॉयोफिलिक्स क्राउन दांत के कलर के होते है और यह देखने से पता नहीं चलते हैं।

50 से 60 परसेंट बच्चों में डेंटल कैविटी

डॉ. मिलिंद शाह ने कहा कि भारत के 50 से 60 परसेंट बच्चों में किसी न किसी प्रकार की डेंटल कैविटी है। आज के टाइम में पूवर ईटिंग हैबिट्स की वजह से डेंटल कैविटी बच्चों में देखने को मिल रही है। इसका एक कारण जंक फूड भी। वहीं आजकल ज्यादातर पेरेंट्स बच्चों को जल्दी खाना खिलाने के लिए मोबाइल या टीवी पर कार्टून दिखाकर खिलाते है। जिस वजह से बच्चे का सारा ध्यान स्क्रीन पर होता है और वह ठीक प्रकार से चबाता नहीं है या मुंह में भरकर रखते है। इस वजह से बच्चों में बेहद कम उम्र में डेंटल प्रॉब्लम बढ़ रही है। पर अवेयरनेस न होने के कारण और रूटीन चेकअप न होने के कारण बच्चों के दांत में जब तक दर्द नहीं होता है तब तक पैरंट्स डेंटल डॉक्टर के पास नहीं जाते है। बच्चे के पहले बर्थडे के आस-पास पहली बार बच्चें को डेंटिस्ट के पास जरूर ले जाना चाहिए। इसके बाद हर 6 महीने में प्रीवेंशन के तौर पर डेंटल चेकअप कराना चाहिए और रोज सुबह-शाम फ्लोराइड टूथपेस्ट से ब्रश करना चाहिए।

500 से ज्यादा डेलीगेट्स कर रहे हैं शिरकत

साइंटिफिक चेयरपर्सन डॉ मधु रात्रे और रोली श्रीवास्तव ने बताया कि कॉन्फ्रेंस सीबीसीटी – हेड और नेक रीजन के लिए एडवांस एक्स – रे पर भी चर्चा होगी। इसके साथ ही कॉन्फ्रेंस में पोस्टर प्रेजेंटेशन और पेपर प्रेजेंटेशन भी हुए और रिसर्च, टॉपिक रिव्यु या फिर यूनिक केस डिस्कशन भी किया गया। स्टेट सेक्रेटरी डॉ विवेक चौकसे और चेयरपर्सन रजिस्ट्रेशन डॉ कृतिका मिश्रा ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में 500 से ज्यादा डेलीगेट्स शिरकत करने के लिए आए है। इसके अलावा पूरे मध्यप्रदेश से यूजी/पीजी के स्टूडेंट्स और टीचर्स के साथ ही प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर शामिल हुए। सभी लेक्चर को इन सभी को ध्यान में हुए तैयार किया गया है।

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